रायपुर : मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान रामचंद्र के पूर्वज भागीरथी थे. भागीरथी ने अपने प्रयासों से ब्रह्मा जी से प्रार्थना कर कड़ी तपस्या के बाद आज के दिन गंगा को प्रकट किया था. इसलिए यह पर्व गंगा दशहरा के रूप में जाना जाता है. ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा के रूप में जाना जाता है. आज के शुभ दिन पृथ्वी पर माता गंगा भागीरथ जी के प्रयास से पृथ्वी पर आगमन हुआ था. माता के प्रबल वेग और तेज बहाव से रक्षा हेतु देवताओं ने भगवान शिव से प्रार्थना की एवं भगवान शिव ने अपनी जटाओं में गंगा के वेग को नियंत्रित कर धारण किया था.
गंगा दशहरा के दिन क्या करें : ज्योतिषाचार्य पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "आज के शुभ दिन गंगा माता के दर्शन, पूजन, स्नान पाठ, आरती करना, भजन करना और गंगा माता के लिए दान करना अत्यंत शुभ माना गया है. आज के दिन गंगा में स्नान करने पर सभी तरह के पाप धुल जाते हैं. मोक्ष दाहिनी गंगा भक्त वत्सल है. माता गंगा सभी भक्तों को विशेष आशीर्वाद प्रदान करती है. आज के दिन यथासंभव गंगा नदी में स्नान करना चाहिए या शुद्ध गंगा जल को पानी में मिलाकर स्नान करना चाहिए.
''आज के दिन वृद्ध जनों को गंगाजल पिलाने का विधान है. आज के शुभ दिन सूर्योदय से पूर्व योग आदि से निवृत्त होकर गंगा नदी में स्नान किया जाता है. मोक्षदायिनी गंगा माता अपने भक्तों के समस्त दुखों को हर लेती है. यह पवित्र पावन पर्व रवि योग अहोरात्र हस्त नक्षत्र और वरियान योग में मनाया जाएगा. आज के दिन तैतिल और ववकरण विद्यमान रहेंगे. साथ ही मानस नाम का सुंदर आनंद योग निर्मित हो रहा है. आज के दिन शुभ सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है. जो सुबह 11:12 तक रहेगा." पंडित विनीत शर्मा, ज्योतिषाचार्य
गंगा दशहरा के दिन क्या करें ?: गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान गंगा पूजन गंगा जी की आरती एवं पंचाक्षरी मंत्र का पाठ करना चाहिए. आज के दिन भगवान शिव को गंगा से स्नान करना चाहिए. साथ ही गंगा के जल को एक विशिष्ट कलश में रखकर सम्मान पूर्वक पूजन करना चाहिए. आज के दिन गंगा जी के 1008 नाम को श्रद्धापूर्वक जपना चाहिए. साथ ही अनेक विद्वान आज के दिन गंगा जी के 1008 नाम को लेकर यज्ञ भी करते हैं. जिससे शुद्धिकरण का प्रभाव फैलता है. रामचंद्र जी के पूर्वज भागीरथी जी ने मृत्यु लोक पर सभी भक्तों की कल्याण और सभी जनों के सुख में वृद्धि के लिए मां गंगा को धरती पर प्रकट कराया था. यह पर्व शुद्धिकरण शोध एवं सफाई का महापर्व है. आज के दिन गंगा नदी में दीप स्नान करना, दीपक जलाना और मां गंगा की आरती में सम्मिलित होने पर बहुत सारे फल मिलते हैं.
गंगा दशहरा पर इन वस्तुओं का करें दान : गंगा दशहरा के दिन दान-पुण्य का काफी महत्व है. धार्मिक मान्यता है कि इस अवसर पर दान-पुण्य सामान्य दिनों की अपेक्षा कई गुना ज्यादा लाभदायक होगा. इस अवसर पर 10 की संख्या या माप में दान की परंपरा है. धार्मिक विद्वानों के अनुसार गंगा दशहरा के अवसर पर 10 की संख्या में दान करने से भगवान विष्णु की असीम कृपा मिलती है. साथ ही यह दान भी कम से कम 10 की संख्या में जरूरतमंदों को करना चाहिए. इस अवसर पर फल, मेवे, अन्न, धी, नमक, शक्कर, द्रव्य, अन्न, वस्त्र आदि दान करना लाभकारी माना जाता है.