लखनऊ : एक तो सरकारी नौकरी मिलने का भरोसा, उस पर न तो कोई परीक्षा न ही इंटरव्यू का झमेला. बेरोजगारों को इसी का झांसा देकर करोड़ों रुपये ठगने वाले मास्टरमाइंड को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है. इस काम में एक पूरा गैंग ही सक्रिय था और इसका सरगना था अमित कुमार यादव. गाजीपुर के हुसैनपुर निवासी अमित यादव पुत्र रामऔतार यादव के पास से एक मोबाइल फोन, विभिन्न विभागों के 28 छायाप्रति नियुक्ति पत्र, एक रबर स्टैम्प विद्युत सेवा आयोग, 9 छायाप्रति बैंको के कैंसिल चेक की, 6 एटीएम कार्ड, दो आधार कार्ड बरामद हुए हैं.
फर्जीवाड़े की लगातार मिल रही थी सूचना
STF के मुताबिक शनिवार शाम करीब साढ़े चार बजे गऊघाट चौकी, पीपे वाले पुल के पास, थाना ठाकुरगंज से आरोपी को गिरफ्तार किया गया है. एसटीएफ को काफी समय से सरकारी नौकरी का फर्जी लेटर देकर बेरोजगारों को ठगने वाले गिरोह के बारे में सूचना मिल रही थी. इसके लिए एसटीएफ की विभिन्न टीमों को लगाया गया था. एसटीएफ पुलिस उपाधीक्षक दीपक कुमार सिंह ने बताया कि शनिवार को एक आवेदक राहुल यादव ने सूचना दी कि उक्त फर्जी सरकारी नौकरी दिलाने वाला अमित यादव गऊघाट चौकी के पास आने वाला है. यदि जल्दी की जाए तो उसे पकड़ा जा सकता है. उक्त सूचना पर एसटीएफ टीम पहले ही वहां पहुंच गई. अमित कुमार यादव के आते ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
बेरोजागरों को बनाता था निशाना, 3 से 5 लाख तक वसूले
पूछताछ में अमित कुमार यादव ने बताया कि वह बेरोजगार, ग्रामीण क्षेत्र के युवकों को सरकारी नौकरी (मेट्रो, बिजली विभाग, रेलवे विभाग, कृषि विभाग, फर्टीलाइजर विभाग, भारतीय खाद्य निगम, इनकम टैक्स विभाग) दिलाने का झांसा देता था. इसके लिए वह उनसे 3 से 5 लाख रुपये तक वसूलता था. बेरोजगार युवक उसके झांसे में आकर पैसा दे देते थे. वह उनको बिना कुछ किए सरकारी नौकरी का ख्वाब दिखाता था.
फर्जी हस्ताक्षर कर बनाता था नियक्ति पत्र
आरोपी अमित ने पूछताथ में बताया कि वह फर्जी हस्ताक्षर बनाकर नियुक्ति पत्र तैयार करता था और युवकों से पैसा लेने के बाद उनको इसकी छायाप्रति देता था. जिससे युवकों को भरोसा हो जाता था. कुछ समय बाद किसी बहाने से दिया हुआ फर्जी नियुक्ति पत्र वापस भी ले लेता था, जिससे किसी के पास कोई लिखित दस्तावेज न रह जाए. उन दस्तावेजों को बाद में जला देता था. जब लोगों को बाद में ठगे जाने का अहसास होता था तो पैसे वापस करने का दबाव बनाया जाता. इस पर अमित उनको किसी बैंक खाते का चेक दे देता था, जिसमें कोई धनराशि ही नहीं रहती थी. अमित के खिलाफ थाना ताकरगंज कमिश्नरेट लखनऊ में केस दर्ज किया गया है.