नई दिल्ली/नोएडाः रेकी कर दो पहिया वाहनों की चोरी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर फेज तीन थाने की पुलिस ने मंगलवार को सरगना सहित दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों के पास से चोरी की 14 मोटरसाइकिल, सात फर्जी नंबर प्लेट,चाकू, तमंचा और कारतूस सहित अन्य सामान बरामद हुआ है. दोनों बदमाशों के खिलाफ अलग-अलग थानों में 22 मुकदमा दर्ज हैं. बदमाशों ने शहर में भी वाहन चोरी की कई वारदात की है.
दोनों आरोपियों पर अलग-अलग थानों में 22 केस दर्ज: डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि थानाक्षेत्र से दो पहिया वाहनों की चोरी होने की कई शिकायतें मिली थीं. इसके बाद एसीपी राजीव कुमार गुप्ता की अगुवाई में वाहन चोरों को गिरफ्तार करने के लिए एक टीम बनाई गई. हाल ही में हुई चोरी की घटनाओं की कई फुटेज पुलिस ने जुटाई. इसमें बदमाशों की पहचान भी कर ली गई. मंगलवार को जब बदमाश थानाक्षेत्र में वाहन चोरी करने की फिराक में आए, तभी मुखबिर से मिली सूचना पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
बदमाशों की पहचान बिजनौर के नगीना निवासी मोहित उर्फ पुदीना और इकोटेक थर्ड निवासी अजय सिंह उर्फ सिनचौन के रूप में हुई. मोहित की आयु 22 जबकि अजय की 19 साल है. दोनों की निशानदेही पर पुलिस ने चोरी की 14 मोटरसाइकिल बरामद की है. इसमें कई बाइक की चोरी बदमाशों ने शहर में की थी. चोरी की बाइक को बेचने के लिए आरोपियों ने इसे अलग-अलग जगहों पर छुपाया हुआ था. 30 से अधिक दो पहिया वाहन चोरी करने की बात आरोपियों ने कबूल की है. मोहित के खिलाफ अलग-अलग थानों में 12 जबकि अजय पर दस केस दर्ज हैं. मोहित ही गिरोह का सरगना है. दोनों का एक साथी अभी भी फरार है.
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि दो पहिया वाहनों की चोरी वे बीते पांच साल से कर रहे हैं. पहली वारदात दोनों ने जब की थी तब नाबालिग थे. दोनों ने खर्च पूरा न होने पर हरिद्वार से पहली बाइक चुराई थी. मोहित पांचवीं जबकि अजय तीसरी पास है. दोनों नशे के आदी भी हैं. चोरी के वाहनों को आरोपी राहगीरों को मजबूरी बताकर बेच देते थे. जो बाइक नहीं बिकती थी उसके पार्ट को आरोपी अलग-अलग कर कबाड़ी और मैकेनिक को बेचते थे. चोरी के वाहन के पुर्जे खरीदने वाले कबाड़ी और मैकेनिक के बारे में भी पुलिस जानकारी जुटा रही है. चोरी का विरोध करने पर लोगों को डराने के लिए आरोपी अपने पास तमंचा और चाकू भी रखते थे.
ग्रामीण भी खरीदते थे बाइक: आरोपियों ने पूछताछ के दौरान यह भी बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों के गांवों के लोग भी चोरी की बाइक खरीदते थे. सुदूर गांवों में पुलिस की चेकिंग कम होती है, ऐसे में वे चोरी के वाहनों को खरीद लेते थे और उससे चारा ढोने सहित अन्य काम करते थे. चोरी की बाइक को आरोपी दस से 12 हजार में जबकि स्कूटी को महज 15 हजार रुपये में बेचते थे. चोरी की बाइक को बेचकर जो भी पैसा मिलता था, तीनों आरोपी उसे आपस में बांट लेते थे. नोएडा के अन्य जोन की पुलिस भी आरोपियों की तलाश कर रही थी. गिरोह में शामिल एक अन्य आरोपी के बारे में भी जानकारी मिली है. उसकी तलाश में दबिश दी जा रही है.
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