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जमीनों के फर्जी कागजात तैयार कर बेचने वाला गिरोह पकड़ा, चार आरोपी गिरफ्तार - land selling gang arrested

चित्तौड़गढ़ जिले में एक ऐसा गिरोह पुलिस ने पकड़ा है, जो जमीनों के फर्जी कागजात तैयार कर उसे बेच देता था. फर्जी गवाहों और फर्जी मालिकों के आधार पर जमीनों की किसी दूसरे के नाम पर रजिस्ट्रियां करवा दी. पुलिस ने इस गिरोह के चार लोगों को पकड़ा है और अन्य की तलाश जारी है.

land selling gang arrested
जमीनों के फर्जी कागजात तैयार कर बेचने वाला गिरोह पकड़ा (PHOTO ETV Bharat Chittorgarh)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 17, 2024, 7:42 PM IST

चित्तौड़गढ़: निम्बाहेड़ा में पुलिस ने कृषि भूमि का नकली मालिक खड़ा कर फर्जी तरीके से रजिस्ट्री करवाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. इस मामले में कस्बे की कोतवाली पुलिस ने सरगना सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि दो महिलाओं सहित तीन आरोपियों की गिरफ्तारी शेष है. आरोपी कूटरचना कर जमीन के मालिक को बताए बिना ही उसके स्थान पर डमी मालिक खड़ा कर जमीन की फर्जी रजिस्ट्री कराते देते थे.

पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी ने बताया कि संगवाडिया थाना सदर निम्बाहेडा निवासी भैरुलाल रावत ने कोतवाली में दी रिपोर्ट में बताया कि उसकी, उसके भाई रुपलाल, बहन चन्दाबाई व माता लालीबाई की सगवाडीया में शामलाती खातेदारी कृषि भूमि स्थित है, जिसमें सभी का समान हक है. इसमें से रूपलाल एवं चन्दाबाई के हिस्से की भूमि को 01 मई 2024 को अज्ञात व्यक्तियों ने फर्जी दस्तावेज बनाकर निम्बाहेड़ा तहसील के सतखंडा निवासी बहादुरसिंह रावत पुत्र मोहनलाल रावत के नाम रजिस्ट्री करवा दी. इसमें गवाह समेलिया निवासी लाखन नायक पुत्र कनीराम नायक और रानीखेडा निवासी बाबरु भील पुत्र उंकारलाल भील को बनाया गया. इसी प्रकार भेरुलाल एवं लालीबाई के हिस्से की जमीन की 09 मई 2024 को अज्ञात व्यक्तियों ने फर्जी कूटरचित दस्तावेज को निर्मित कर उसी बहादुरसिंह रावत के नाम फिर से बेचान रजिस्ट्री करवा दी. इस मामले में गवाह लाखन नायक एवं गवाह राजेन्द्र नायक के हस्ताक्षर हैं, जबकि असली मालिकों ने अपनी जमीन बेची ही नहीं.

पढ़ें: उम्रकैद की सजा काट रहे पिता की जमानत के लिए बेटे ने बनाए जज के फर्जी साइन, सीआईडी ने पकड़ा

फिर से बेच दी जमीन: इसके बाद आरोपी बहादुसिंह रावत ने इस जमीन को ऋषिराज सिंह पुत्र मनोहरसिंह राजपूत निवासी घटीयावली जिला अजमेर के नाम पर रजिस्ट्री करा दी. इन लोगों ने मिलीभगत कर समस्त दस्तावेज फर्जी तरीके से तैयार किए. यहां तक कि स्टाम्प भी फर्जी जारी कर दिया.

लोन के लिए भूमि की नकल ली, तब पता लगा: भूमि मालिक भेरूलाल ने जब केसीसी का लोन लेने के लिए खाते की नकल निकाली तो इस षडयंत्र की जानकारी हुई. भैरु लाल की उक्त रिपोर्ट पर थाना कोतवाली निम्बाहेड़ा ने धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की. इस मामले में वांछित आरोपियों की तलाश व गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम का गठन किया गया.

गिरोह का किया खुलासा: पुलिस की तहकीकात में सामने आया कि इस काम में एक दो लोग ही नहीं, बल्कि पूरा गिरोह जो जमीनों के फर्जी कागत तैयार कर उन्हें बेच रहा है. पुलिस ने इस मामले में राजेन्द्र निवासी सेम​लिया, लाखन नायक निवासी समेलिया, रामलाल निवासी डल्ला उर्फ किशनपुरा, गणेश लाल निवासी डल्ला उर्फ किशनपुरा व नानुसिंह निवासी घटेरा हाल राजेन्द्र नगर निम्बाहेडा को फर्जी कागजों के आधार पर रजिस्ट्री कराने का दोषी पाया गया. पुलिस टीम ने आरोपी राजेन्द्रसिंह नायक को 02 जुलाई को गिरफ्तार किया था तथा आरोपियों लाखन नायक, रामलाल नायक, गणेश लाल रेगर व नानुसिंह रावत को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी नानुसिंह इसी प्रकार के फर्जी रजिस्ट्री के एक और मामले में वांछित था. मामले में महेन्द्र पुत्र लाखन नायक, मांगी बाई पत्नी श्यामा, अणछी बाई पत्नी किशन लाल भील की तलाश की जा रही है.

चित्तौड़गढ़: निम्बाहेड़ा में पुलिस ने कृषि भूमि का नकली मालिक खड़ा कर फर्जी तरीके से रजिस्ट्री करवाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. इस मामले में कस्बे की कोतवाली पुलिस ने सरगना सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि दो महिलाओं सहित तीन आरोपियों की गिरफ्तारी शेष है. आरोपी कूटरचना कर जमीन के मालिक को बताए बिना ही उसके स्थान पर डमी मालिक खड़ा कर जमीन की फर्जी रजिस्ट्री कराते देते थे.

पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी ने बताया कि संगवाडिया थाना सदर निम्बाहेडा निवासी भैरुलाल रावत ने कोतवाली में दी रिपोर्ट में बताया कि उसकी, उसके भाई रुपलाल, बहन चन्दाबाई व माता लालीबाई की सगवाडीया में शामलाती खातेदारी कृषि भूमि स्थित है, जिसमें सभी का समान हक है. इसमें से रूपलाल एवं चन्दाबाई के हिस्से की भूमि को 01 मई 2024 को अज्ञात व्यक्तियों ने फर्जी दस्तावेज बनाकर निम्बाहेड़ा तहसील के सतखंडा निवासी बहादुरसिंह रावत पुत्र मोहनलाल रावत के नाम रजिस्ट्री करवा दी. इसमें गवाह समेलिया निवासी लाखन नायक पुत्र कनीराम नायक और रानीखेडा निवासी बाबरु भील पुत्र उंकारलाल भील को बनाया गया. इसी प्रकार भेरुलाल एवं लालीबाई के हिस्से की जमीन की 09 मई 2024 को अज्ञात व्यक्तियों ने फर्जी कूटरचित दस्तावेज को निर्मित कर उसी बहादुरसिंह रावत के नाम फिर से बेचान रजिस्ट्री करवा दी. इस मामले में गवाह लाखन नायक एवं गवाह राजेन्द्र नायक के हस्ताक्षर हैं, जबकि असली मालिकों ने अपनी जमीन बेची ही नहीं.

पढ़ें: उम्रकैद की सजा काट रहे पिता की जमानत के लिए बेटे ने बनाए जज के फर्जी साइन, सीआईडी ने पकड़ा

फिर से बेच दी जमीन: इसके बाद आरोपी बहादुसिंह रावत ने इस जमीन को ऋषिराज सिंह पुत्र मनोहरसिंह राजपूत निवासी घटीयावली जिला अजमेर के नाम पर रजिस्ट्री करा दी. इन लोगों ने मिलीभगत कर समस्त दस्तावेज फर्जी तरीके से तैयार किए. यहां तक कि स्टाम्प भी फर्जी जारी कर दिया.

लोन के लिए भूमि की नकल ली, तब पता लगा: भूमि मालिक भेरूलाल ने जब केसीसी का लोन लेने के लिए खाते की नकल निकाली तो इस षडयंत्र की जानकारी हुई. भैरु लाल की उक्त रिपोर्ट पर थाना कोतवाली निम्बाहेड़ा ने धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की. इस मामले में वांछित आरोपियों की तलाश व गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम का गठन किया गया.

गिरोह का किया खुलासा: पुलिस की तहकीकात में सामने आया कि इस काम में एक दो लोग ही नहीं, बल्कि पूरा गिरोह जो जमीनों के फर्जी कागत तैयार कर उन्हें बेच रहा है. पुलिस ने इस मामले में राजेन्द्र निवासी सेम​लिया, लाखन नायक निवासी समेलिया, रामलाल निवासी डल्ला उर्फ किशनपुरा, गणेश लाल निवासी डल्ला उर्फ किशनपुरा व नानुसिंह निवासी घटेरा हाल राजेन्द्र नगर निम्बाहेडा को फर्जी कागजों के आधार पर रजिस्ट्री कराने का दोषी पाया गया. पुलिस टीम ने आरोपी राजेन्द्रसिंह नायक को 02 जुलाई को गिरफ्तार किया था तथा आरोपियों लाखन नायक, रामलाल नायक, गणेश लाल रेगर व नानुसिंह रावत को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी नानुसिंह इसी प्रकार के फर्जी रजिस्ट्री के एक और मामले में वांछित था. मामले में महेन्द्र पुत्र लाखन नायक, मांगी बाई पत्नी श्यामा, अणछी बाई पत्नी किशन लाल भील की तलाश की जा रही है.

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