राजनांदगांव : राजनांदगांव का नाम हॉकी और झांकी दोनों के लिए देशभर में प्रसिद्ध है. लगभग 100 सालों से चली आ रही गणेश विसर्जन झांकी की परंपरा अब तक जारी है. इस बार भी मंगलवार रात शहर के भारत माता चौक, मानव मंदिर चौक और विभिन्न मार्गों से होते हुए निकली. लगभग 35 समितियों ने अपनी झांकियां डीजे और गाजे बाजे के साथ निकाली. इस दौरान भक्ति गीतों पर झूमते हुए लोगों ने गणेश झांकियों का भरपूर आनंद लिया.
अलग अलग थीम पर निकाली गई झांकियां : राजनांदगांव शहर में जगमगाती लाइटों की रोशनियों के बीच निकली भव्य गणेश विसर्जन झांकियों ने लोगों का मन मोह लिया. हर साल की तरह इस साल भी अलग-अलग थीम पर लगभग 35 झांकियां गणेश समितियों ने निकाली. शहर के प्रमुख मार्गों से निकाली गई इन झांकियों में भगवान गणेश जन्मोत्सव, कृष्ण लीला, भगवान शंकर जी की बारात और अन्य थीम पर झांकियां देखने को मिली.
राजनांदगांव की गौरवशाली परंपरा पिछले 104 सालों से चली आ रही है, जो पूरे देश में प्रसिद्ध है. 35 झांकियां राजनांदगांव में निकल रही हैं. प्रशासन के नियमों का सभी झांकी समिति पालन कर रहे हैं. कम आवाज में डीजे बजाए जा रहे हैं. धुमाल का इस्तेमाल किया जा रहा है. यहां आए युवा, बच्चे और बुजुर्ग सभी मिलकर इन झांकियों का आनंद ले रहे हैं. - भावेश बैद, सदस्य, गणेश झांकी समिति
झांकियां देखने हजारों की संख्या में पहुंचे लोग : गणेश विसर्जन झांकियों को देखने हजारों की संख्या में लोग राजनांदगांव शहर पहुंचे. शहर के प्रमुख मार्गों में राजनांदगांव शहर के साथ साथ दुर्ग भिलाई, बालोद, खैरागढ़, डोंगरगढ़, डोंगरगांव, कवर्धा सहित कई क्षेत्रों से लोग पहुंचे हुए थे. पूरी रात भव्य गणेश झांकी का आनंद दर्शकों ने लिया. इसे ध्यान में रखते हुए पुलिस ने भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे. शहर में 800 से अधिक पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई.
"राजनांदगांव की यही विशेषता है कि राजनांदगांव उत्सवधर्मी है. चाहे दुर्गोतेसव हो, गणेशोत्सव हो, आज विसर्जन के अवसर पर यह उल्लास का वातावरण देख रहा है. बहुत सुंदर सुंदर झांकियों के साथ गणेश पर्व का समापन हो रहा है. - संतोष पांडे, सांसद, राजनांदगांव
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के निर्देश का किया पालन : डीजे बजाने को लेकर राजनांदगांव के वरिष्ठ वकील मनोज कुमार चौधरी ने बताया, "सुप्रीम कोर्ट ने डीजे बजाने को लेकर मानक तय किया है. डीजे के अधिक साउंड के कारण मानव जीवन पर संकट है. बच्चों में भैरा पन आने की संभावना रहती है. इसको लेकर डीजे के संबंध में आदेश दिया गया है."
इस प्रकार सुप्रीम कोर्ट और छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के निर्देश का पालन करते हुए गणेश झांकी समितियों ने पारंपरिक गाजे बाजे और धीमी आवाज में डीजे बजाकर विसर्जन झांकी निकाली. इस दौरान पारंपरिक गीतों पर लोग झूमते हुए नजर आए. लाइटों की दूधिया रोशनी के बीच मंगलवार देर रात से जारी झांकियों का सिलसिला आज सुबह तक जारी रहा.