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कोटा में गली-गली में गूंजा गणपति बप्पा मोरिया, जुलूस में हैरतअंगेज करतब, विसर्जन के लिए पहुंचे हजारों गणपति - Immersion of Ganesh idols

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 17, 2024, 10:43 PM IST

अनंत चतुर्दशी के मौके पर कोटा में गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन हुआ. इस मौके पर एक भव्य जुलूस निकाला गया, जिसमें करीब 150 झाकियां शामिल हुई. पूरे शहर में अलग-अलग जगह पर गणपति का विसर्जन किया जा रहा है.

कोटा में गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन
कोटा में गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन (ETV Bharat Kota)
गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन (ETV Bharat Kota)

कोटा : शहर में आज अनंत चतुर्दशी का जुलूस निकाला गया. जुलूस दोपहर 12 बजे पूजा-अर्चना के बाद शुरू हुआ. इसमें करीब 75 अखाड़े शामिल रहे. इसके साथ ही डेढ़ सौ अलग-अलग तरह की झांकियां भा शामिल हैं. पूरे शहर में अलग-अलग जगह पर गणपति का विसर्जन किया गया. चंबल नदी से लेकर कोटा की दाईं मुख्य नहर और बाईं मुख्य नहर, किशोर सागर तालाब में प्रतिमा विसर्जित हुए. हर गली, मोहल्ले में स्थापित प्रतिमाएं जुलूस के रूप में जाती रही. हर सोसायटी और मोहल्ले के लोग भगवान गणपति को विदा करते नजर आए. शहर की हर गली में गणपति बप्पा मोरिया अगले बरस तू फिर आना जैसे नारे गूंजे.

अलग-अलग रूप धरे हुए थे गणपति : जुलूस के साथ 150 से ज्यादा झांकियां भी शामिल हुई, जिनमें देवी-देवताओं का रूप और अलग-अलग चित्रण किया गया. इनमें ही कोलकाता के चिकित्सक की हत्या की झांकी भी डॉ. दुर्गा शंकर सैनी ने बनाई, जिसमें हत्यारों के लिए फांसी की मांग की गई. इसके साथ ही भगवान गणेश की भी अलग-अलग तरह की प्रतिमाएं थी. अलग-अलग तरह की वेशभूषा में गणपति नजर आए.

इसे भी पढ़ें- धूमधाम से हुआ गणेश प्रतिमा का विसर्जन, भक्तों ने गजानन को दी विदाई

पट्टेबाजों ने दिखाए करतब : अखाड़ों में शामिल पट्टेबाजों ने अनोखे करतब दिखाए, जिन्हें देखकर लोगों ने दातों तले उंगलियां दबा ली. कोई मुंह से आग निकाल रहा था, तो कोई क्रेन पर लटक कर काफी ऊंचाई पर मलखंब कर रहा था. महिला पट्टेबाज ने भी अनोखे करतब दिखाए. पूरे आयोजन पर जिला कलेक्टर डॉ रविंद्र गोस्वामी और सिटी एसपी डॉ. अमृता दुहन सहित पूरा प्रशासनिक अमले ने नजर बनाए रखी. चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा की पूरी व्यवस्था थी. सीसीटीवी और ड्रोन कैमरे से भी नजर रखी जाती रही. वहीं, जवान भी सादा वर्दी में और भगवा दुपट्टे डाले हुए जुलूस के साथ चल रहे थे.

देर रात तक जारी रहा विसर्जन : जुलूस में शामिल भगवान गणेश की बड़ी-बड़ी प्रतिमाओं का देर रात तक विसर्जन जारी रहा. सबसे अंत में रामपुर के राजा और नगर सेठ की प्रतिमा विसर्जन के लिए जाएंगी. करीब 12:00 बजे के आसपास इनका विसर्जन होगा. विसर्जन के लिए बड़ी-बड़ी क्रेन प्रशासन की ओर से लगाई गई हैं. किशोर सागर तालाब की पाल पर लाइटिंग और अन्य व्यवस्था भी की गई.

गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन (ETV Bharat Kota)

कोटा : शहर में आज अनंत चतुर्दशी का जुलूस निकाला गया. जुलूस दोपहर 12 बजे पूजा-अर्चना के बाद शुरू हुआ. इसमें करीब 75 अखाड़े शामिल रहे. इसके साथ ही डेढ़ सौ अलग-अलग तरह की झांकियां भा शामिल हैं. पूरे शहर में अलग-अलग जगह पर गणपति का विसर्जन किया गया. चंबल नदी से लेकर कोटा की दाईं मुख्य नहर और बाईं मुख्य नहर, किशोर सागर तालाब में प्रतिमा विसर्जित हुए. हर गली, मोहल्ले में स्थापित प्रतिमाएं जुलूस के रूप में जाती रही. हर सोसायटी और मोहल्ले के लोग भगवान गणपति को विदा करते नजर आए. शहर की हर गली में गणपति बप्पा मोरिया अगले बरस तू फिर आना जैसे नारे गूंजे.

अलग-अलग रूप धरे हुए थे गणपति : जुलूस के साथ 150 से ज्यादा झांकियां भी शामिल हुई, जिनमें देवी-देवताओं का रूप और अलग-अलग चित्रण किया गया. इनमें ही कोलकाता के चिकित्सक की हत्या की झांकी भी डॉ. दुर्गा शंकर सैनी ने बनाई, जिसमें हत्यारों के लिए फांसी की मांग की गई. इसके साथ ही भगवान गणेश की भी अलग-अलग तरह की प्रतिमाएं थी. अलग-अलग तरह की वेशभूषा में गणपति नजर आए.

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पट्टेबाजों ने दिखाए करतब : अखाड़ों में शामिल पट्टेबाजों ने अनोखे करतब दिखाए, जिन्हें देखकर लोगों ने दातों तले उंगलियां दबा ली. कोई मुंह से आग निकाल रहा था, तो कोई क्रेन पर लटक कर काफी ऊंचाई पर मलखंब कर रहा था. महिला पट्टेबाज ने भी अनोखे करतब दिखाए. पूरे आयोजन पर जिला कलेक्टर डॉ रविंद्र गोस्वामी और सिटी एसपी डॉ. अमृता दुहन सहित पूरा प्रशासनिक अमले ने नजर बनाए रखी. चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा की पूरी व्यवस्था थी. सीसीटीवी और ड्रोन कैमरे से भी नजर रखी जाती रही. वहीं, जवान भी सादा वर्दी में और भगवा दुपट्टे डाले हुए जुलूस के साथ चल रहे थे.

देर रात तक जारी रहा विसर्जन : जुलूस में शामिल भगवान गणेश की बड़ी-बड़ी प्रतिमाओं का देर रात तक विसर्जन जारी रहा. सबसे अंत में रामपुर के राजा और नगर सेठ की प्रतिमा विसर्जन के लिए जाएंगी. करीब 12:00 बजे के आसपास इनका विसर्जन होगा. विसर्जन के लिए बड़ी-बड़ी क्रेन प्रशासन की ओर से लगाई गई हैं. किशोर सागर तालाब की पाल पर लाइटिंग और अन्य व्यवस्था भी की गई.

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