बालोद : छत्तीसगढ़ राज्य में राजघरानों का इतिहास आज भी ताजा है. राज परिवारों की जब बात आती है तो बालोद जिले के लोहारा राज के टेकाम परिवार का जिक्र लोगों की जेहन में आता है.आज भी इस राजा बाड़ा के राज भवन का इतिहास अपने भव्यता की परिचायक है. यहां वो स्वरूप इन महल की दीवारों में देखने को मिलता है. इस परिवार से विधायक भी हुए इस राजभवन में फिल्म की शूटिंग भी हुई. अब यह राजभवन की संपूर्ण जिम्मेदारी इस परिवार के युवराज लाल निवेंद्र सिंह टेकाम के हाथों में है. इस राजमहल का इतिहास 200 वर्षों से पुराना बताया जाता है. समय के साथ-साथ राज परिवार ने महल को सुरक्षित रखने कुछ काम कराए हैं.लेकिन आज भी ये महल अपने पुराने स्वरूप में है.
484 गांव की जमींदारी : छत्तीसगढ़ के बालोद के लोहारा नगर का राज परिवार की पहचान पूरे देश में है. राजहरा माइंस में टेकाम राजवंश के कुलदेव निवास करते हैं. जो आज भिलाई इस्पात संयंत्र के अधीन हैं. पूरे क्षेत्र की प्रथम पूजा इसी राज परिवार से होती है. यहां पर जो देव दशहरा होता है वो पूरे प्रदेश में विख्यात है. इस परिवार के पास 484 गांव की जमींदारी थी.
1952 में पहली बार राजनीति में सक्रिय हुआ राजवंश : आपको बता दें कि राजा फत्तेशाह इस परिवार के पुरोधा हैं. इसी परिवार से कांग्रेस शासन काल के समय रानी झमित कुंवर कांग्रेस से विधायक भी हुई और इस परिवार की इष्ट देवी मां दंतेश्वरी हैं. 1952 से यह परिवार राजनीति में सक्रिय रहा. इस परिवार की युवराज लाल निवेंद्र सिंह टेकाम का कहना है कि उनके पिता और माताजी पूर्व विधायक थे. उनका सारा समय जनता की सेवा में गुजरा है.
हम चाहते हैं कि उनकी नीति चलती रहे चाहे स्वरूप जैसा भी हो. मैं भी जनता की सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित करना चाहता हूं. मैं सेवा करना चाहता हूं जैसे मेरे मां-बाप और मेरे पूरे पूरा परिवार करता आया है. हमारा यह राज भवन आम जनता के लिए हमेशा खुला है. यह अपनी समस्याओं को लेकर हमारे पास कभी भी आ सकते हैं- युवराज लाल निवेंद्र सिंह टेकाम, सदस्य राजपरिवार
दो विधायकों ने संजोया परिवार, अब दोनों स्वर्गीय : इस परिवार में दो ऐसे विधायक रहे जिन्होंने पूरे प्रदेश में अपना नाम बनाया. इसमें से स्वर्गीय लाल महेंद्र सिंह टेकाम और स्वर्गीय नीलिमा टेकाम शामिल हैं. कुछ वर्ष पूर्व इनका देहांत हुआ है. इस परिवार में काफी कुछ इस शहर और इस क्षेत्र की जनता को दिया. आपको बता दें कि शहर में जितने भी शासकीय कार्यालय हैं सभी इसी परिवार की जगह पर बने हैं. लोगों की सुविधा के लिए इन्होंने अपनी जमीन को दान दिया है. जिसमें तालाब सहित अन्य संसाधनों को बनाया गया है.अब कुंवर लाल निवेंद्र सिंह टेकाम पूरे परिवार की जिम्मेदारी संभाले हुए हैं. राजनीति में भी उनका अच्छा वर्चस्व देखने को मिल रहा है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में वो खुलकर अपनी दावेदारी प्रस्तुत करेंगे.