साहिबगंज: पिछले एक सप्ताह से साहिबगंज में शीतलहर का प्रकोप जारी है. एक तरफ जहां धूप नहीं निकलने से जनजीवन प्रभावित है, वहीं दूसरी तरफ खेत में लगे पौधे को भी नुकसान पहुंचा है. लगातार मौसम खराब रहने से दियारा क्षेत्र में खेती पर बुरा असर पड़ा है.
20 बीघा जमीन पर की गई थी सब्जी की खेतीःकरीब 15 से 20 बीघा खेत में लगी सब्जियों को पाला मार दिया है. पौधे की पत्ती पीली होने लगी है. साथ ही पौधे की वृद्धि रूक गई है. सब्जी के पौधे में लगे फूल झड़कर गिर रहे हैं. किसान साहिबगंज, कहलगांव, भागलपुर और मनिहारी से कीमती दवा मंगाकर छिड़काव कर रहे हैं, लेकिन पौधों पर कोई असर नहीं पड़ रहा है. सब्जी की इस बीमारी को देख किसान परेशान हैं. प्रभावित किसान जिला कृषि वैज्ञानिक और कृषि पदाधिकारी से आर्थिक सहयोग की गुहार लगा रहे हैं. यह मालगोदाम स्थित मौनी बाबा स्थान के नीचे दियारा क्षेत्र का हाल है.
शीतलहर और ठंड से सब्जियों के पौधों का विकास रूकाः किसानों की मानें तो करीब 20 से अधिक किसान कुछ निजी और बंटाई पर खेती कर जीवन-यापन करते हैं. किसानों ने खेतों में बीन, टमाटर, नेनुआ, कद्दू, धनिया, बरबट्टी, पालक और करेला की खेती की है. हार साल इस समय प्रत्येक दिन किसान खांची भर-भरकर सब्जी की तोड़ाई कर नजदीक के मंडी में बेच देते थे, लेकिन इस साल पौधों का ग्रोथ रुकने और पाला मारने से समस्या आन पड़ी है. किसान माथा पर हाथ रख किस्मत पर रोना रो रहे हैं.
किसानों का छलका दर्दः इस संबंध में किसान विनोद यादव ने बताया कि हर साल ठंड में परेशानी होती है, लेकिन इस बार एक सप्ताह से अधिक समय से यह परेशानी बनी हुई है. खेत में लगे सारे पौधे को पाला मार दिया है. पौधे पीले हो रहे हैं. जिस पौधे में फल आ गए हैं वो ना पक रहा है और ना उनमें वृद्धि हो रही है. जिससे खेती करने वाले किसानों को काफी क्षति होने की संभावना है. खेतों में टमाटर सड़ने लगे हैं. वहीं किसान माला ने बताया कि कर्ज लेकर किसी तरह खेती की थी. मेहनत का फल खेत में दिखना शुरू ही हुआ था कि प्रकृति की मार पड़ गई. साहिबंगज में दवा नहीं मिलने से मनिहारी और कहलगांव से दवा मंगाकर खेतों में छिड़काव कर रहे हैं, लेकिन सब बेअसर साबित हो रहा है. धूप नहीं निकलने के कारण सब्जी की खेती पर बुरा असर बड़ा है. जिला प्रशासन को इस समस्या पर ध्यान देने की जरूरत है.
क्या कहते हैं वैज्ञानिकः इस संंबंध में केवीके के वैज्ञानिक बीके मेहता ने बताया कि निश्चित रूप से सब्जी की खेती पर शीतलहर का असर पड़ा होगा. किसान पाला से पौधों को बचाने के लिए हल्का पटवन करें. किसी पौधा में कीड़ा लगा हो तो क्लोरोपाइरीफास नामक दवा का छिड़काव करें. इस दवा से लाही का भी असर खत्म हो जाएगा. किसानों को घबराने की जरूरत नहीं है. धूप निकलने के साथ अधिकांश समस्या खत्म हो जाएगी.
ये भी पढ़ें-
27 दिसंबर से साहिबगंज में होगी धान की खरीदारी, किसानों को मिलेंगे प्रति क्विंटल 117 रुपए बोनस
रबी फसल की बुआई जारी, लैंपस में बीज नहीं मिलने से किसान परेशान