कोटा : सिर्फ इंजीनियरिंग और मेडिकल एंट्रेंस की तैयारी कराने में ही कोटा आगे नहीं है, बल्कि यह छात्रों के रहने-खाने के लिए भी काफी किफायती शहर है. दूसरे शहरों के मुकाबले आधे पैसे में स्टूडेंट्स कोटा में रह सकते हैं. इसके अलावा यहां पर ट्रांसपोर्टेशन और खाने का खर्च भी काफी कम है. वहीं, दिल्ली एनसीआर, मुंबई, अहमदाबाद, बेंगलुरु, इंदौर यहां तक की जयपुर में भी ज्यादा खर्च करना पड़ता है. बड़े शहरों की तुलना में 5000 रुपए तक की बचत कोटा में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स की हो रही है.
कोटा हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन मित्तल का कहना है कि बड़े शहरों में रहने का किराया 10 से 15 हजार रुपए मासिक के बीच है. इसमें अधिकांश जगह हॉस्टल्स में खाने की सुविधा भी उपलब्ध नहीं होती है. वहीं, कोटा में 8 से 12 हजार में सिंगल रूम हॉस्टल मिल रहा है, जिसमें वाई-फाई, खाना, लॉन्ड्री, पावर बैकअप, हाउसकीपिंग से लेकर सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं.
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ज्यादा नहीं होता है ट्रांसपोर्टेशन का खर्च : हॉस्टल संचालक मुकुल शर्मा का कहना है कि कोटा में कोचिंग अलग-अलग कई जगहों पर बने हैं. इन इलाकों के नजदीक स्थित मकान में भी पीजी संचालित किए जा रहे हैं. ऐसे में ट्रांसपोर्टेशन का खर्चा कोटा में रहने वाले छात्रों का नहीं होता है, जबकि दूसरे शहरों में ट्रांसपोर्टेशन में ही बड़ा खर्च आ जाता है. कोटा में कोचिंग एरिया से अधिकांश हॉस्टल 50 से लेकर 500 मीटर के दायरे के आसपास ही हैं. इसके बावजूद भी कई हॉस्टल संचालक स्टूडेंट्स के लिए वैन की सुविधा भी उपलब्ध कराते हैं. कोटा का अधिकांश कोचिंग एरिया शहरी भाग में ही स्थित है. ऐसे में पेरेंट्स को यहां आना सुगम लगता है. कोचिंग स्टूडेंट्स के लिए जरूरत की चीजें भी कोचिंग एरिया के आसपास ही उपलब्ध हो जाती हैं, जिससे उनका ज्यादा समय बचता है.
बेंगलुरु पढ़ें भतीजे ने किया कोटा सजेस्ट : उत्तर प्रदेश के जौनपुर निवासी रत्नावली सिंह का कहना है कि उनका बेटा प्रज्वल सिंह 2 साल से कोटा के इंद्रविहार में रहकर कोचिंग कर रहा है. वह हॉस्टल में ही रहता है. उसका कोचिंग भी हॉस्टल से महज 500 मीटर के दायरे में है. उन्होंने बताया कि उनके भतीजे ने बेंगलुरु से पढ़ाई की थी, जहां रहने-खाने का काफी खर्चा था. वहीं, कोटा में वहां के मुकाबले 5 हजार रुपए महीना कम खर्च हो रहा है. अन्य परिजनों ने भी कोटा सजेस्ट किया था, जिसके बाद बेटे का यहां एडमिशन कराया. उनका कहना है कि वो यहां की पढ़ाई और अन्य सुविधाओं से काफी संतुष्ट हैं.
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3500 रुपए में उपलब्ध है चार टाइम का मील : मेस संचालक दिलीप कुमार पाटनी का कहना है कि कोटा में कोचिंग एरिया में ही बड़ी संख्या में मेस बने हुए हैं. इन सभी मेस में वाजिब दाम में स्टूडेंट्स को खाना उपलब्ध करवाया जा रहा है. हॉस्टल में 3500 से 4000 रुपए मासिक में चार टाइम का मील दिया जाता है. इसमें ब्रेकफास्ट, लंच, शाम को चाय और डिनर उपलब्ध करवाया जा रहा है. यह सुविधा लगभग सभी हॉस्टल्स में है, जबकि शहर में संचालित ओपन मेस में लंच और ब्रेकफास्ट 3000 से लेकर 3500 रुपए के बीच में उपलब्ध है.
कोटा में स्टूडेंट के लिए खाने के काफी ऑप्शन : दूसरे शहरों में कोचिंग एरिया से दूर बच्चों को खाने जाना पड़ता है. साथ ही कई हॉस्टल्स में मेस संचालित नहीं होते हैं. ऐसे में उन्हें खाना खाने के लिए भी समय जाया करना पड़ता है, जबकि कोटा में रहने वाले स्टूडेंट्स का इसमें समय बचता है. अगर किसी को खान का टेस्ट पसंद नहीं आया या फिर कुछ और खाने का मन हो तो भी आसपास में ही कई सारे खाने के ऑप्शंस हैं. इसमें भी उनका समय बचता है, जबकि दूसरे शहरों में ऐसा नहीं है.
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खर्चे में दिल्ली से कोटा ज्यादा मुनासिब लगा : यूपी के शाहजहांपुर निवासी राजीव कुमार गुप्ता के बेटे आर्यन ने 2 साल दिल्ली से रहकर आईआईटी एंट्रेंस की तैयारी की थी. इसके बाद वह कोटा में तीसरे साल तैयारी कर रहा है. राजीव कुमार का कहना है कि उनका दिल्ली में काफी ज्यादा खर्चा हो रहा था. वहां पर सिंगल रूम का कल्चर काफी कम है और सिंगल रूम काफी महंगा भी पड़ता है. बिना एयर कंडीशन वाला डबल रूम का करीब 8 से 10 हजार रुपए पड़ता था, जबकि कोटा में इतने रुपए में एसी रूम उपलब्ध हो जाता है. इसके अलावा दूसरी सुविधाएं भी यहां पर मिल रही हैं. ऐसे में खर्चे के अनुसार कोटा ज्यादा मुनासिब है.
कोटा में कम खर्च, पढ़ाई का माहौल : बिहार के आरा निवासी रानी सिंह अपने बेटे समीर सिंह को जेईई की तैयारी करवा रही हैं. रानी सिंह का कहना है कि कोटा में काफी अच्छी सुविधा है. उन्होंने दिल्ली में ट्राई किया था, लेकिन वहां पर 15 से 20 हजार रुपए रहने का खर्चा आ रहा था. इसके बाद ही उन्होंने कोटा में अपने बेटे का एडमिशन कराया. यहां पर 8 से 12 हजार हॉस्टल का खर्चा है, जिसमें लगभग सभी फैसिलिटी उन्हें मिल रही हैं. इस खर्चे में उनका परिवार संतुष्ट भी है. अब वह अपने छोटे बेटे का भी एडमिशन अगले साल कोटा में कराने वाली हैं. उनका कहना है कि यहां पढ़ाई का माहौल भी है.