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मोतिहारी में एक सरकारी शिक्षक की पहल, शिक्षा अर्पण का चलाया अभियान, गरीब छात्राओं को मुफ्त में देते हैं किताब - Teachers Day 2024

Shiksha Arpan Programme: मोतिहारी में एक सरकारी शिक्षक की पहल रंग ला रही है. इसके तहत गरीब और जरुरतमंद बेटियों को 'शिक्षा अर्पण' कार्यक्रम के माध्यम से मुफ्त में पाठ्य पुस्तक उपलब्ध कराया जा रहा है. आगे पढ़ें पूरी खबर.

Shiksha Arpan Programme
शिक्षा अर्पण कार्यक्रम (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 5, 2024, 1:53 PM IST

जरुरतमंद बेटियों की मदद (ETV Bharat)

मोतिहारी: बिहार के मोतिहारी के एक सरकारी स्कूल के शिक्षक ने गरीब और जरुरतमंद बेटियों को शिक्षा से जोड़ने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाने के लिए कई प्रयास कर रहे हैं. शिक्षक ने 'शिक्षा अर्पण' नाम से एक कार्यक्रम की शुरुआत की है. यहां महारानी जानकी कुंवर कन्या इंटर कॉलेज के प्राचार्य लालबाबू साह के वर्ष 2023 से शुरू किए गए इस कार्यक्रम के माध्यम से किताब खरीद पाने में असमर्थ नौंवीं क्लास की छात्राओं को मुफ्त में पाठ्य पुस्तक उपलब्ध कराया जा रहा हैं.

शिक्षा अर्पण कार्यक्रम की पहल: इस पहल से बिना एक पैसा खर्च किए छात्राओं को उनके क्लास की पाठ्य पुस्तक उपलब्ध हो जा रही है. इससे छात्राओं के चेहरे पर खुशी झलकती है. छात्रायें अन्य सभी माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों से शिक्षा अर्पण की तरह का कार्यक्रम चलाकर नौंवीं कक्षा की गरीब और जरुरतमंद छात्राओं को पुस्तक उपलब्ध कराने के लिए आग्रह भी कर रही हैं.

Shiksha Arpan Programme
मोतिहारी में शिक्षक की पहल (ETV Bharat)

छात्राओं को मुफ्त में मिली किताब: वहीं इस कार्यक्रम को मूर्तरुप देने वाले शिक्षक लालबाबू साह कहते हैं कि इसमें योगदान उन छात्राओं का है, जो नौंवीं कक्षा पास कर दसवीं कक्षा में चली गई. उन छात्राओं ने अपनी नौवीं की पुस्तक को अपने विद्यालय की छात्राओं खुशी-खुशी दे दिया. इस विद्यालय में 9वीं कक्षा से प्लस टू तक की पढ़ाई होती है.

क्या है शिक्षा अर्पण कार्यक्रम: शिक्षा अर्पण कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए प्राचार्य लालबाबू साह ने बताया कि इस अभियान के तहत गरीब, दलित, पिछड़ा और असहाय बच्चियों को फ्री में किताब देते हैं. उनके विद्यालय की जो छात्राएं दसवीं में गई हैं. वो दसवीं की बच्चियों को नौवीं की किताब देती हैं. छात्राए अपने अभिभावक से पूछकर पुस्तक लाती है और खुशी-खुशी नौंवी क्लास की बच्ची को देने के लिए उन्हें देती हैं.

Shiksha Arpan Programme
मोतिहारी में फ्री बुक (ETV Bharat)

"वैसी बच्चियां जो किताब नहीं खरीद सकती हैं, किताब के अभाव में जो नहीं पढ़ पाती हैं. उन बच्चियों को हम किताब देते हैं. तो वह अपनी पढ़ाई कर पाती है. शिक्षा अर्पण का मुख्य उद्देश्य है. नारी को शिक्षित करना. नारी शिक्षित होगी तो उसको बहुत फायदा होगा. समाज की समस्याएं भी कम होगी और अपराध भी कम होगा."-लालबाबू साह, प्राचार्य, एमजेके कन्या इंटर कॉलेज

अन्य विद्यालय में भी हो पहल: छात्रा आयुषी वर्मा ने बताया कि शिक्षा अर्पण कार्यक्रम से उन्हें पढ़ने के लिए सर ने बुक्स दिया है. अगर यह बुक नहीं मिलता तो वो नहीं पढ़ पाती. उनके पिता बुक्स खरीदने में असमर्थ है. इन बुक्स को अच्छे से वो रखेंगी और अगले वर्ग में जाएंगी, तो इन बुक्स को सर को लौटा दूंगी. ताकि दूसरी बच्चियों को किताब मिल सके और वह पढ़ पाए. उनके स्कूल में शिक्षा अर्पण कार्यक्रम चल रहा है. वो चाहती हैं कि जिला के सभी विद्यालय में यह कार्यक्रम चले ताकि और लड़कियां पढ़ सके.

Shiksha Arpan Programme
मुफ्त में पाठ्य पुस्तक (ETV Bharat)

"हम लोगों के प्रिंसिंपल सर ने हमें बुक दिया ताकि हमलोग पढ़ सके. हम लोगों का परिवार पुस्तकों पर खर्च कर पाने में असमर्थ हैं, तो हमलोगों को सर ने शिक्षा अर्पण के तहत बुक दिया है."- आद्या चंद्रवंशी, छात्रा

200 छात्राओं को मिला लाभ: प्राचार्य लालबाबू साह ने अपने विद्यालय के नौंवीं कक्षा में नामांकित कुल 200 छात्राओं को शिक्षा अर्पण कार्यक्रम के तहत मुफ्त में पुस्तक उपलब्ध कराया है. वर्ष 2023 में इस कार्यक्रम के तहत 101 छात्राओं को नौंवीं कक्षा की पुस्तकें मुफ्त उपलब्ध करायी गई थी. अगर देखा जाए तो एनसीआरटी की नौंवीं कक्षा की सभी पुस्तकों की कीमत लगभग 400 रुपये आता है.

पहल के लिए प्राचार्य सम्मानित: वहीं अन्य प्रकाशनों की पुस्तकों का मूल्य 1500 से लेकर 1600 तक होता है. हर परिवार के लिए पुस्तकों पर इतना खर्च कर पाना मुश्किल होता है. जिस कारण छात्राओं के पढ़ाई पर इसका असर पड़ता है. शिक्षा अर्पण कार्यक्रम के सफल संचालन को लेकर एमजेके कन्या इंटर कॉलेज के प्राचार्य लालबाबू साह उत्कृष्ट प्राचार्य के रुप में चयनित भी हो चुके हैं और इस साल गणतंत्र दिवस के मौके पर उन्हें सम्मानित भी किया गया था.

शिक्षा अर्पण की चर्चा तेज: बता दें कि बिहार सरकार आठवीं कक्षा तक के छात्र-छात्राओं को मुफ्त में पुस्तकें देती है लेकिन 9वीं से बच्चों को सरकारी किताब नहीं मिलती है. जिन्हें खरीद पाने में कुछ बच्चियों के अभिभावक असमर्थ होते हैं और उन बच्चियों की पढ़ाई पुस्तकों के बिना प्रभावित होती है. जिसे देखते हुए वैसी बच्चियों को महारानी जानकी कुंवर कन्या इंटर कॉलेज के प्राचार्य लालबाबू साह ने फ्री में पाठ्य पुस्तक उपलब्ध कराने की मुहिम शिक्षा अर्पण नाम से शुरू की है. जिसकी जिला में खूब चर्चा है.

पढ़ें-रिटायरमेंट के बाद भी स्कूल से नहीं टूटा नाता, 19 साल से निशुल्क पढ़ाने वाले नागेंद्र साह बोले- 'अंतिम सांस तक पढ़ाऊंगा' - Teachers Day 2024

जरुरतमंद बेटियों की मदद (ETV Bharat)

मोतिहारी: बिहार के मोतिहारी के एक सरकारी स्कूल के शिक्षक ने गरीब और जरुरतमंद बेटियों को शिक्षा से जोड़ने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाने के लिए कई प्रयास कर रहे हैं. शिक्षक ने 'शिक्षा अर्पण' नाम से एक कार्यक्रम की शुरुआत की है. यहां महारानी जानकी कुंवर कन्या इंटर कॉलेज के प्राचार्य लालबाबू साह के वर्ष 2023 से शुरू किए गए इस कार्यक्रम के माध्यम से किताब खरीद पाने में असमर्थ नौंवीं क्लास की छात्राओं को मुफ्त में पाठ्य पुस्तक उपलब्ध कराया जा रहा हैं.

शिक्षा अर्पण कार्यक्रम की पहल: इस पहल से बिना एक पैसा खर्च किए छात्राओं को उनके क्लास की पाठ्य पुस्तक उपलब्ध हो जा रही है. इससे छात्राओं के चेहरे पर खुशी झलकती है. छात्रायें अन्य सभी माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों से शिक्षा अर्पण की तरह का कार्यक्रम चलाकर नौंवीं कक्षा की गरीब और जरुरतमंद छात्राओं को पुस्तक उपलब्ध कराने के लिए आग्रह भी कर रही हैं.

Shiksha Arpan Programme
मोतिहारी में शिक्षक की पहल (ETV Bharat)

छात्राओं को मुफ्त में मिली किताब: वहीं इस कार्यक्रम को मूर्तरुप देने वाले शिक्षक लालबाबू साह कहते हैं कि इसमें योगदान उन छात्राओं का है, जो नौंवीं कक्षा पास कर दसवीं कक्षा में चली गई. उन छात्राओं ने अपनी नौवीं की पुस्तक को अपने विद्यालय की छात्राओं खुशी-खुशी दे दिया. इस विद्यालय में 9वीं कक्षा से प्लस टू तक की पढ़ाई होती है.

क्या है शिक्षा अर्पण कार्यक्रम: शिक्षा अर्पण कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए प्राचार्य लालबाबू साह ने बताया कि इस अभियान के तहत गरीब, दलित, पिछड़ा और असहाय बच्चियों को फ्री में किताब देते हैं. उनके विद्यालय की जो छात्राएं दसवीं में गई हैं. वो दसवीं की बच्चियों को नौवीं की किताब देती हैं. छात्राए अपने अभिभावक से पूछकर पुस्तक लाती है और खुशी-खुशी नौंवी क्लास की बच्ची को देने के लिए उन्हें देती हैं.

Shiksha Arpan Programme
मोतिहारी में फ्री बुक (ETV Bharat)

"वैसी बच्चियां जो किताब नहीं खरीद सकती हैं, किताब के अभाव में जो नहीं पढ़ पाती हैं. उन बच्चियों को हम किताब देते हैं. तो वह अपनी पढ़ाई कर पाती है. शिक्षा अर्पण का मुख्य उद्देश्य है. नारी को शिक्षित करना. नारी शिक्षित होगी तो उसको बहुत फायदा होगा. समाज की समस्याएं भी कम होगी और अपराध भी कम होगा."-लालबाबू साह, प्राचार्य, एमजेके कन्या इंटर कॉलेज

अन्य विद्यालय में भी हो पहल: छात्रा आयुषी वर्मा ने बताया कि शिक्षा अर्पण कार्यक्रम से उन्हें पढ़ने के लिए सर ने बुक्स दिया है. अगर यह बुक नहीं मिलता तो वो नहीं पढ़ पाती. उनके पिता बुक्स खरीदने में असमर्थ है. इन बुक्स को अच्छे से वो रखेंगी और अगले वर्ग में जाएंगी, तो इन बुक्स को सर को लौटा दूंगी. ताकि दूसरी बच्चियों को किताब मिल सके और वह पढ़ पाए. उनके स्कूल में शिक्षा अर्पण कार्यक्रम चल रहा है. वो चाहती हैं कि जिला के सभी विद्यालय में यह कार्यक्रम चले ताकि और लड़कियां पढ़ सके.

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मुफ्त में पाठ्य पुस्तक (ETV Bharat)

"हम लोगों के प्रिंसिंपल सर ने हमें बुक दिया ताकि हमलोग पढ़ सके. हम लोगों का परिवार पुस्तकों पर खर्च कर पाने में असमर्थ हैं, तो हमलोगों को सर ने शिक्षा अर्पण के तहत बुक दिया है."- आद्या चंद्रवंशी, छात्रा

200 छात्राओं को मिला लाभ: प्राचार्य लालबाबू साह ने अपने विद्यालय के नौंवीं कक्षा में नामांकित कुल 200 छात्राओं को शिक्षा अर्पण कार्यक्रम के तहत मुफ्त में पुस्तक उपलब्ध कराया है. वर्ष 2023 में इस कार्यक्रम के तहत 101 छात्राओं को नौंवीं कक्षा की पुस्तकें मुफ्त उपलब्ध करायी गई थी. अगर देखा जाए तो एनसीआरटी की नौंवीं कक्षा की सभी पुस्तकों की कीमत लगभग 400 रुपये आता है.

पहल के लिए प्राचार्य सम्मानित: वहीं अन्य प्रकाशनों की पुस्तकों का मूल्य 1500 से लेकर 1600 तक होता है. हर परिवार के लिए पुस्तकों पर इतना खर्च कर पाना मुश्किल होता है. जिस कारण छात्राओं के पढ़ाई पर इसका असर पड़ता है. शिक्षा अर्पण कार्यक्रम के सफल संचालन को लेकर एमजेके कन्या इंटर कॉलेज के प्राचार्य लालबाबू साह उत्कृष्ट प्राचार्य के रुप में चयनित भी हो चुके हैं और इस साल गणतंत्र दिवस के मौके पर उन्हें सम्मानित भी किया गया था.

शिक्षा अर्पण की चर्चा तेज: बता दें कि बिहार सरकार आठवीं कक्षा तक के छात्र-छात्राओं को मुफ्त में पुस्तकें देती है लेकिन 9वीं से बच्चों को सरकारी किताब नहीं मिलती है. जिन्हें खरीद पाने में कुछ बच्चियों के अभिभावक असमर्थ होते हैं और उन बच्चियों की पढ़ाई पुस्तकों के बिना प्रभावित होती है. जिसे देखते हुए वैसी बच्चियों को महारानी जानकी कुंवर कन्या इंटर कॉलेज के प्राचार्य लालबाबू साह ने फ्री में पाठ्य पुस्तक उपलब्ध कराने की मुहिम शिक्षा अर्पण नाम से शुरू की है. जिसकी जिला में खूब चर्चा है.

पढ़ें-रिटायरमेंट के बाद भी स्कूल से नहीं टूटा नाता, 19 साल से निशुल्क पढ़ाने वाले नागेंद्र साह बोले- 'अंतिम सांस तक पढ़ाऊंगा' - Teachers Day 2024

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