मेरठ: उत्तर प्रदेश एसटीएफ की मेरठ यूनिट ने गाजियाबाद से शेयर ट्रेडिंग में मुनाफे के नाम पर 70 करोड़ की ठगी करने वाले दो आरोपियों को रविवार को गिरफ्तार कर लिया है. ये दोनों आरोपी लोगों से ठगी करके बैंकॉक भाग गए थे. हाल ही में दोनों वहां से वापस लौटे थे. अब फिर से इनका प्लान एक नई कंपनी खोलकर ठगी करने का था. उससे पहले ही ये STF के हत्थे चढ़ गए. दोनों को नोएडा की सेक्टर-63 थाना पुलिस के हवाले कर दिया गया है.
STF के अपर पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार सिंह का बताया कि, पकड़े गए आरोपी विनोद कुमार धामा और रविंदर उर्फ नवाब बागपत के रहने वाले हैं. दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी गाजियाबाद के इंदिरापुरम के वसुंधरा सेक्टर-5 स्थित मोहन मिकन सोसाइटी के फ्लैट से हुई है. इनसे 6 मोबाइल और कंपनी के अकाउंट नंबर और कई डॉक्यूमेंट भी रिकवर हुए हैं. गिरफ्तार दोनों आरोपियों पर नोएडा के थाना सेक्टर-63, राजस्थान के उद्योग नगर सीकर में मुकदमे दर्ज हैं. हैदराबाद के सेंट्रल क्राइम स्टेशन में भी प्राइस चीट्स एंड मनी सर्कुलेशन स्कीम बैनिंग एक्ट का एक केस दर्ज है.
STF के अधिकारियों का कहना है कि, ये दोनों ठग पब्लिक को शेयर ट्रेडिंग में मुनाफे का झांसा देते हैं. उनसे पैसा निवेश कराते हैं. जब ज्यादा पैसा जमा हो जाता है तो कंपनी बंद करके भाग जाते हैं. फिर यही काम दूसरी जगह नई कंपनी खोलकर करते हैं. इन्होंने कल्प वृक्ष ट्रेडिंग मास्टर टेक्नोलॉजी प्रा.लि नाम से नोएडा के सेक्टर-63, हाट सिक्योरिटी लिमिटेड और आयुर्वेद इंडिया लिमिटेड नाम से गाजियाबाद में ट्रेडिंग फर्म खोली थी. यहां इन्होंने लोगों से करोड़ों रुपया इन्वेस्ट कराया और फरार हो गए.
दोनों आरोपियों के खिलाफ नोएडा के थाना सेक्टर-63 में 200 से ज्यादा शिकायतें पहुंची हुई थी. ठगी की कमाई से आरोपियों ने कई जगह प्रॉपर्टी खरीद रखी हैं. ठगी के शिकार लोग जब आरोपियों के बागपत स्थित घर पर पैसा मांगने के लिए पहुंचते थे तो आरोपी उनके पीछे अपना विदेशी नस्ल का कुत्ता दौड़ा देते थे. पीड़ित लोगों ने ये बात STF अधिकारियों को जानकारी दी है. इन दोनों आरोपियों ने नोएडा, दिल्ली और गाजियाबाद में हैलो टैक्सी, लिफो मार्ट, ट्रेडिंग मास्टर, क्रिशा इनकैप ब्रोकर हाउस, कल्पवृक्ष ट्रेडिंग मास्टर और माया वॉल्ट नाम से कई प्रोजेक्ट चलाए. सभी में ठगने का तरीका एक था.
ये लोगो को 10 हजार रुपए इन्वेस्ट करने और कुछ महीनों बाद 14 हजार रुपए वापस लौटाने का झांसा देते थे. मोटी कमाई के झांसे में आने वाले लोगों ने कई-कई लाख रुपए इन्वेस्ट कर दिए. शुरुआत में उन्हें फायदा मिला, लेकिन बाद में पैसा आना बंद हो गया. तब जाकर ठगी का एहसास हुआ. इसके बाद से लोगो ने इसकी शिकायत अपने अपने लोकल थानों में दर्ज कराई. जिसके चलते एसटीएफ ने इनकी ट्रेसिंग की ओर एक बड़ी कामियाबी हाथ लगी और आरोपी ठगों को गिरफ्तार कर लिया गया.
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