लखनऊ: राजधानी के विभूतिखंड में कुछ लोगों ने एक टूर एंड ट्रैवल का ऑफिस खोला. फिर अपने ही लोगों के जरिये यूपी के अलग-अलग जिलों में रहने वाले बेरोजगारों को खाड़ी देशों में नौकरी लगवाने का झांसा दिलवाया. बड़ी संख्या में नौजवानों ने अपनी छोटी मोटी नौकरी छोड़ कर इसमें अप्लाई किया. इसके बाद आवेदकों को लखनऊ बुलाया. यहां बाकायदा मेडिकल करवाने के बाद वीजा और फ्लाइट का टिकट दिया एक-एक लाख रुपये लेकर दे दिया. लेकिन युवा विदेश जाने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे तो जांच के दौरान पता चला कि वीजा और टिकट नकली है. यह जानकर हैरान होकर वापस लखनऊ आये तो ऑफिस का नामोनिशान नहीं था. ठगे गए युवकों ने खुद के साथ हुई जलसाजी की विभूतिखंड थाने में FIR दर्ज करवाई. अब तक कार्रवाई के नाम पर कुछ भी नहीं हुआ.
ये सिर्फ इस टूर एंड ट्रेवेल के जरिये ठगे गए नौजवानो का नहीं बल्कि इससे पहले एक अन्य कंपनी द्वारा भी खड़ी देश भेजेने के नाम पर हुई ठगी के शिकार युवकों का भी यही हाल है. ये सभी अपने माता पिता की खून पसीने की कमाई को वापस पाने का इंतजार कर रहे है.
अल रहमान टूर एंड ट्रैवल का ऑफिस खोलकर लगाया चूनाः आजमगढ़ के रहने वाले राकेश पांडे ने बताया कि वह प्रयागराज में एक कंपनी में साइट इंचार्ज की नौकरी कर रहे थे. 22 हजार सैलरी थी, जिससे मां, छोटे भाई, पत्नी और अपने चार बच्चों का पालन पोषण करते थे. एक दिन उनके गांव के लड़के ने बताया कि लखनऊ की अल रहमान टूर एंड ट्रैवल लड़कों को जॉर्डन भेज रही है, जहां एक कंपनी को लड़के चाहिए. राकेश पाण्डेय ने बताया कि भरोसा कर लखनऊ के विभूतिखंड स्थित अल रहमान टूर एंड ट्रैवल ऑफिस आ गए. यहां उनके साथ नौ अन्य लड़के थे, जिन्हे जॉर्डन जाना था. राकेश ने बताया कि ट्रैवल्स ऑफिस में पढ़ाई के बारे में जानकारी ली गयी और पासपोर्ट चेक किया गया. इसके बाद मेडिकल करवाने के बाद 26 सितंबर को वीजा और एयर टिकट लेने के लिए एक लाख दस हजार रुपये लेकर आने को कहा. 26 सितंबर को ऑफिस पहुंचे तो वीजा और एयर टिकट दे दिया गया, जो 9 अक्टूबर का था.
बिलाल टूर ने 150 युवाओं को लगाया चूनाः अभिषेक, राकेश और राजाराम की ही तरह लखनऊ के भीम जायसवाल विभूतिखंड स्थित बिलाल टूर एंड ट्रैवेल के जरिये खाड़ी देश जाने वाले थे. इसके लिए उन्होंने एक लाख रूपये भी दिए. उन्हें अन्य करीब 150 लोगों को बिलाल टूर आजदी ट्रेवल वालों ने वीजा और टिकट देकर दिल्ली एयरपोर्ट भेज दिया. लेकिन जब वहां पहुचे तो पता चला कि टिकट कैंसिल कर दिए गए हैं. सभी वापस दिल्ली से लखनऊ आये तो ऑफिस बंद मिला. इसकी भी विभूतिखंड थाने में FIR दर्ज है. हालांकि पुलिस अब तक इन जालसाजो को पकड़ नहीं सकी है.
सैकड़ों जालसाज दुकान खोल कर बैठेः राजधानी के विभूतिखंड में सैकड़ो टूर एंड ट्रेवल के ऑफिस धड़ल्ले से चल रहे है. जहां यूपी और बिहार के अलग अलग जिलों से लड़को को खाड़ी देश में नौकरी दिलाने के नाम पर फंसाया जाता है और फिर उनसे मोटी रकम ठग कर कंपनी बंद कर दी जाती है. डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह कहते है कि ऐसे मामलों में हमारी प्राथमिकता मुकदमा दर्ज करना होता है. जिसके बाद पूरे प्रकरण की जांच करते है और विवेचना में जो दोषी पाए जाते है, उन्हें सालाखों के पीछे भेजा जाता है. हालांकि ये जालसाज कैसे इन इलाकों में अपनी ठगी की दुकान संचालित करते रहते हैं, इस पर पुलिस के पास जवाब नहीं है.