नई दिल्ली/नोएडा: सेक्टर-22 स्थित साउथ इंडियन बैंक के सहायक प्रबंधक द्वारा 28.07 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. मामले में क्राइम ब्रांच ने ठगी की चार करोड़ की रकम फ्रीज करा दी है. ठगी की शेष रकम को भी फ्रीज कराने का प्रयास किया जा रहा है. मामले की जांच अब जिले की क्राइम ब्रांच कर रही है. पहले सेक्टर-24 पुलिस मामले की जांच कर रही थी.
इस मामले में संबंधित बैंक के डीजीएम रिजनल ने सहायक प्रबंधक,उसकी मां और पत्नी सहित अज्ञात के खिलाफ सेक्टर-24 थाने में दो माह पूर्व मुकदमा दर्ज कराया था. शिकायत में रैनजीत आर नायक ने बताया था कि उन्हें पिछले कुछ दिनों से सेक्टर-22 स्थित शाखा से गड़बड़ी की शिकायत मिल रही थी. जिस पर विभाग ने अपनी विजिलेंस टीम से यहां की जांच कराई. जांच में पता चला कि सेक्टर-48 स्थित एसोसिएट इलेक्ट्रानिक्स रिसर्च फाउंडेशन नामक कंपनी के खाते से सहायक बैंक प्रबंधक राहुल शर्मा ने 28.07 करोड़ रुपये पत्नी भूमिका शर्मा और मां सीमा सहित अन्य के खातों में ट्रांसफर कर कंपनी व बैंक के साथ धोखाधड़ी की है.
इस मामले में एसोसिएट इलेक्ट्रानिक्स रिसर्च फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने तीन, चार और छह दिसंबर को ईमेल से शिकायत दर्ज कराते हुए, खाते से रुपये बिना अनुमति व जानकारी के ट्रांसफर करने के आरोप लगाए थे. मूल रूप से हरियाणा के रोहतक में रहने वाला राहुल शर्मा वर्तमान में सेक्टर-27 में परिवार के साथ रहता है. मुकदमा दर्ज होने के बाद से वह परिवार सहित फरार है.
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पुलिस उसकी तलाश कर रही है. मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस उन खातों की जांच कर रही है, जिन खातों में पैसा ट्रांसफर हुआ है. यजना के तहत धोखाधड़ी के लिए सहायक प्रबंधक ने अपनी मां और पत्नी सहित अन्य लोगों का संबंधित बैंक में खाता खुलवाया. खाते को सत्यापित करने के बाद आरोपी ने इन्हीं खातों में निजी कंपनी के करोड़ों रुपये ट्रांसफर कर लिए. 20 से अधिक बार में रकम ट्रांसफर की गई.
पुलिस का बयना: डीसीपी क्राइम शक्ति मोहन अवस्थी ने ठगी की चार करोड़ की रकम फ्रीज होने की पुष्टि की है. मामले की जांच जारी है. अन्य पहलुओं को भी ध्यान मे रखते हुए आरोपी की तलाश की जा रही है.