धमतरी: महंगी बीएमडब्ल्यू कार और बंगला बनाने का सपना सिर्फ चेन मार्केटिंग वाले दिखाते है. लोगों को आप जोड़िए वो लोग अपने नीचे और लोग को जोड़ेंगे, ऐसे में चेन बड़ा होगा और आप महीने के एक लाख रुपये से ज्यादा कमाएंगे. ये झांसा शूट बूट पहने नेटवर्क मार्केटिंग वाले जालसाज लोग को देते हैं. इसके बाद बेरोजगार युवाओं को नौकरी का लालच देकर अपने झांसे में फंसा लेते है. इसमें युवाओं का शोषण किया जाता है. धमतरी में ऐसे ही एक मामले का खुलासा हुआ है. यहां बिलासपुर की दो युवतियां थाने पहुंचकर एक प्राइवेट कम्पनी पर गंभीर आरोप लगा रही हैं.
स्टाफ का होता है शोषण: धमतरी शहर में एक प्राइवेट कम्पनी में ये दो युवतियां काम कर रही थी. ये दोनों बिलासपुर की रहने वाली हैं. इन युवतियों का आरोप है कि कम्पनी में बेरोजगार युवक-युवतियों को झांसा देकर बुलाया जाता है. नेटवर्क मार्केटिंग करवाया जाता है. इसके बाद उनको मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया जाता है. युवतियों ने कंपनी के खिलाफ धमतरी के कोतवाली थाने में शिकायत भी दर्ज कराई है. शिकायत ने अनुसार कम्पनी बेरोजगारों को ट्रेनिंग देकर कपड़े की ऑनलाइन बिक्री करवाती है. इस दौरान स्टाफ को यहां मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया जाता है. काम का पैसा नहीं दिया जाता. खाना भी ठीक से नहीं दिया जाता. बंधक बनाकर रखा जाता है. किसी से बात नहीं करने दिया जाता. इस कम्पनी में 200 से ज्यादा बेरोजगार युवक-युवतियां हैं, जो दूर-दूर से पहुंची हैं. युवतियों ने कम्पनी पर कार्रवाई की मांग की है. इस मामले में पुलिस ने जांच के बाद उचित कार्रवाई की बात कही है.
दोषियों पर कार्रवाई का पुलिस प्रशासन ने दिया भरोसा: मामले में आदिवासी समाज के युवा पदाधिकारी दिग्विजय सिंह ध्रुव ने कहा, "इस तरह की कंपनियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. बेरोजगार युवाओं के साथ धोखाधड़ी करने वालों पर लगाम कसने की जरूरत है." इस केस में डीएसपी विन्केश्वरी पिंदे ने कहा कि, " कम्पनी के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है. जांच की जा रही है. दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी."
आदिवासी समाज ने जताई नाराजगी: शिकायतकर्ता की मानें तो ये कंपनी बेरोजगार युवक-युवतियों से 25 सौ रुपये लेते हैं. उन्हें ऑनलाइन कपड़े बेचने का प्रशिक्षण देती है. 2 कैटेगरी में 23 हजार या 43 हजार का टारगेट देती है. 4 से 6 जोड़ी ब्रांडेड कपड़ा थमा दिया जाता है और उसे बेचने को कहा जाता है. कपड़े बेचने पर कंपनी कमीशन देने का वादा करती है. हालांकि यहां स्टाफ के साथ बुरा बर्ताव किया जाता है. उनको न तो ढंग का खाना दिया जाता है, ना ही उनसे सही व्यवहार किया जाता है. यहां स्टाफ को डरा-धमका कर रखा जाता है. साथ ही पैसे भी नहीं दिए जाते. इस पूरे मामले में जहां एक ओर आदिवासी समाज ने नाराजगी जाहिर की है. वहीं, डीएसपी ने जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया है.