अलवर. जिले के एक निजी अस्पताल मे कार्यरत शिशु रोग विशेषज्ञ से ठगों ने सऊदी अरब में नौकरी लगाने के नाम पर 1 लाख 38 हजार 400 रुपए की ठगी कर ली. डॉक्टर को विश्वास में लेने के लिए ठगी के गिरोह में शामिल एक महिला व तीन पुरुषों ने बकायदा ऑनलाइन इंटरव्यू भी लिया. इसके बाद पैसा यूपीआई के जरिए जमा कराया गया. विदेश में नौकरी लगाने के लिए ठगों ने वेबसाइट भी बनाई हुई है. वहीं, पीड़ित का आरोप है कि पुलिस ने अब तक इस मामले में कार्रवाई नहीं की है.
एनईबी थाना अधिकारी दिनेश मीणा ने बताया कि डॉक्टर की ओर से एनईबी थाने में सोमवार को रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है, जिसकी जांच की जा रही है. इससे पहले उन्होंने साइबर थाने में शिकायत दर्ज की है या नहीं इस बारे में फिलहाल जानकारी नहीं है. रिपोर्ट दर्ज करवाने के बाद इस प्रकरण की जांच शुरू कर दी गई है.
पढे़ं. नौकरी लगवाने का झांसा देकर हड़पे 7.50 लाख रुपए, सेना का लांस नायक गिरफ्तार
ऐसे दिया ठगी को अंजाम : कोटा के दादीवाडी, वक्फ नगर निवासी अबरार अली शहर के एक हॉस्पिटल में शिशु रोग विशेषज्ञ के पद पर कार्यरत हैं. डॉक्टर अली ने बताया कि उनके पास 9 मार्च 2024 को सऊदी अरब में नौकरी के लिए कॉल आया. कॉल करने वालों ने सऊदी अरब के रियाद में स्थित एक हॉस्पिटल में जॉब दिलाने की बात कही. ठगों ने इंटरव्यू के लिए 5500 रुपए रजिस्ट्रेशन फीस जमा कराई. पैसा यूपीआई के जरिए लिया गया. गिरोह ने इसके लिए वेबसाइट भी बनाई हुई है.
उन्होंने बताया कि गिरोह में शामिल एक महिला व तीन पुरुष डॉक्टर से अंग्रेजी में बात करते थे. उन्होंने इंटरव्यू का पूरा प्रोसेस फॉलो किया. ठगों के जाल में फंसे डॉक्टर से ठगों ने 5 बार में कुल 1 लाख 38 हजार 400 रुपए का ट्रांजेक्शन करा लिया. ठगों की ओर से पैसों की डिमांड बढ़ती रही. डॉक्टर ने जब ठगों से नियुक्ति पत्र मांगा तो उन्होंने 55 हजार रुपए और जमा कराने के लिए कहा. इस पर डॉक्टर को शक हुआ तो उन्होंने पैसे देने से मना कर दिया.
पुलिस ने नहीं की कार्रवाई : डॉक्टर अबरार अली के अनुसार उन्होंने 23 मार्च को एनइबी थाने में ठगी की ऑनलाइन रिपोर्ट दी थी. एनइबी थाने ने इसे साइबर थाने को रेफर कर दिया. उनका आरोप है कि 18 दिन तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई. इस मामले में वो सोमवार को एसपी आनंद शर्मा से मिले हैं.