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छत्तीसगढ़ में लोमड़ियों का आतंक, मुंगेली के पांच गांवों में दहशत, लोगों की नींद उड़ी - FOX ATTACK IN MUNGELI

FOX ATTACK IN MUNGELI छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में लोमड़ियों ने आतंक मचा रखा है. जिले के पांच गांवों में लोमड़ियों की दहशत से लोग परेशान हैं. शाम होते ही लोग घरों में दुबकने को मजबूर हो जाते हैं. पढ़िए कैसे लोमड़ी की दहशत से जीवन खतरे में है.

FOX ATTACK VILLAGERS in Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में फॉक्स अटैक (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 26, 2024, 5:08 PM IST

मुंगेली : लोरमी में इन दिनों लोमड़ियों ने कहर बरपा रखा है. लोमड़ियों ने अब तक 5 गांवों के 12 से अधिक लोगों पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया है. शाम होते ही लोमड़ियों का झुंड जंगल से निकलकर रिहायशी बस्तियों की ओर पहुंच जाता है और घर में घुसकर ग्रामीणों पर हमला करता है.



इन गांवों में लोमड़ियों का आतंक : लोमड़ी का सबसे ज्यादा आतंक जिले के खुड़िया रेंज अंतर्गत खुड़िया, तिलकपुर, कारीडोंगरी, दरवाजा और दुल्लापुर गांव में देखने को मिल रहा है. इन गांवों में अभी तक 12 से अधिक लोगों पर लोमड़ियों ने हमला किया है. घायलों में बच्चे, बुजुर्ग, महिला और जवान सभी शामिल हैं.

मुंगेली के पांच गांवों में लोमड़ियों की दहशत (ETV Bharat)



"वन विभाग से नहीं मिल रही मदद" : लोमड़ी के हमले में घायल हुए शंकर प्रजापति बताते हैं कि वे खूंखार लोमड़ियों से अपनी सुरक्षा खुद ही कर रहे हैं. गांव से महज 200 मीटर की दूरी पर खुड़िया वन परिक्षेत्र के कारीडोंगरी में वन विभाग का बैरियर है. ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग के जिम्मेदार अफसर पीड़ितों की ना तो सुध ले रहे हैं और ना ही उन्हें किसी तरह की सुरक्षा मुहैया करा रहे हैं. हालत यह है कि शाम होने के बाद गांव के युवक टोली बनाकर हाथों में लाठी लेकर घूम रहे हैं.

लोमड़ी के हमले से गांववाले दहशत में हैं. जैसे ही शाम होती है, उनके गांव में पूरी तरह सन्नाटा पसर जाता है. मजबूरी और डर से लोग घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं. उन्हें किसी तरह की कोई सुरक्षा भी नहीं मिल रही है. फॉरेस्ट विभाग की ओर से अभी तक कोई पूछने तक नहीं आया है. : शंकर प्रजापति, निवासी, दरवाजा गांव

बुजुर्ग महिला पर लोमड़ी का हमला : दरवाजा गांव में रहने वाली 82 वर्षीय बुजुर्ग महिला मेघइयां पटेल को लोमड़ी ने हमला कर घायल कर दिया है. बुजुर्ग महिला के नाती मोतीराम पटेल ने बताया कि लोमड़ी ने बहुत लोगों को परेशान किया है. लोमड़ी ने उनकी दादी के बांए हाथ को काट कर घायल कर दिया है. दादी को बचाने के लिए जब उसका छोटा भाई गया तो लोमड़ी ने उस पर भी हमला कर दिया.

सवालों के घेरे में वन महकमा : हिंसक हो रहे लोमड़ियों को पकड़ने के लिए वन विभाग की ओर से गांव में पिंजरे लगाए गए हैं. लेकिन इन पिंजरों में अभी तक एक भी लोमड़ी को कैद नहीं किया जा सका है. वहीं वन विभाग गांवों में मुनादी कराकर लोमड़ी से सावधान रहने की अपील कर रहा है. लेकिन गांववाले वन विभाग के काम से नाखुश हैं.

लोरमी अंतर्गत खुड़िया वन परिक्षेत्र अचानकमार टाइगर रिजर्व से लगा हुआ है. 20 और 21 सितंबर को लोमड़ी के हमले का मामला सामने आया है. चार से पांच सियार का दल है, जिसने गांववालों को हताहत किया है. हमने घायलों से मुलाकात किया है. उनका इलाज कराया जा रहा है. वन अमला लगातार दो तीन दिनों से वहां पर है. गांवों में मुनादी कराई गई है कि देर शाम और रात में घरों से बाहर न निकलें. लोमड़ियों को पिंजड़े में पकड़ने की कोशिश की जा रही है. : संजय कुमार यादव, डीएफओ, मुंगेली

ग्रामीणों की परेशानी को लेकर मुंगेली डीएफओ संजय कुमार यादव ने मदद करने का भरोसा दिया है. वन विभाग लोमड़ियों को पिंजड़े में पकड़ने की कोशिश भी कर रही है. लेकिन खौफ के साए में जिंदगी बसर कर रहे इन ग्रामीणों को कब खूंखार लोमडियों के आतंक से छुटकारा मिलेगा, यह आने वाला वक्त ही बताएगा.

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इन गांवों में लोमड़ियों का आतंक : लोमड़ी का सबसे ज्यादा आतंक जिले के खुड़िया रेंज अंतर्गत खुड़िया, तिलकपुर, कारीडोंगरी, दरवाजा और दुल्लापुर गांव में देखने को मिल रहा है. इन गांवों में अभी तक 12 से अधिक लोगों पर लोमड़ियों ने हमला किया है. घायलों में बच्चे, बुजुर्ग, महिला और जवान सभी शामिल हैं.

मुंगेली के पांच गांवों में लोमड़ियों की दहशत (ETV Bharat)



"वन विभाग से नहीं मिल रही मदद" : लोमड़ी के हमले में घायल हुए शंकर प्रजापति बताते हैं कि वे खूंखार लोमड़ियों से अपनी सुरक्षा खुद ही कर रहे हैं. गांव से महज 200 मीटर की दूरी पर खुड़िया वन परिक्षेत्र के कारीडोंगरी में वन विभाग का बैरियर है. ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग के जिम्मेदार अफसर पीड़ितों की ना तो सुध ले रहे हैं और ना ही उन्हें किसी तरह की सुरक्षा मुहैया करा रहे हैं. हालत यह है कि शाम होने के बाद गांव के युवक टोली बनाकर हाथों में लाठी लेकर घूम रहे हैं.

लोमड़ी के हमले से गांववाले दहशत में हैं. जैसे ही शाम होती है, उनके गांव में पूरी तरह सन्नाटा पसर जाता है. मजबूरी और डर से लोग घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं. उन्हें किसी तरह की कोई सुरक्षा भी नहीं मिल रही है. फॉरेस्ट विभाग की ओर से अभी तक कोई पूछने तक नहीं आया है. : शंकर प्रजापति, निवासी, दरवाजा गांव

बुजुर्ग महिला पर लोमड़ी का हमला : दरवाजा गांव में रहने वाली 82 वर्षीय बुजुर्ग महिला मेघइयां पटेल को लोमड़ी ने हमला कर घायल कर दिया है. बुजुर्ग महिला के नाती मोतीराम पटेल ने बताया कि लोमड़ी ने बहुत लोगों को परेशान किया है. लोमड़ी ने उनकी दादी के बांए हाथ को काट कर घायल कर दिया है. दादी को बचाने के लिए जब उसका छोटा भाई गया तो लोमड़ी ने उस पर भी हमला कर दिया.

सवालों के घेरे में वन महकमा : हिंसक हो रहे लोमड़ियों को पकड़ने के लिए वन विभाग की ओर से गांव में पिंजरे लगाए गए हैं. लेकिन इन पिंजरों में अभी तक एक भी लोमड़ी को कैद नहीं किया जा सका है. वहीं वन विभाग गांवों में मुनादी कराकर लोमड़ी से सावधान रहने की अपील कर रहा है. लेकिन गांववाले वन विभाग के काम से नाखुश हैं.

लोरमी अंतर्गत खुड़िया वन परिक्षेत्र अचानकमार टाइगर रिजर्व से लगा हुआ है. 20 और 21 सितंबर को लोमड़ी के हमले का मामला सामने आया है. चार से पांच सियार का दल है, जिसने गांववालों को हताहत किया है. हमने घायलों से मुलाकात किया है. उनका इलाज कराया जा रहा है. वन अमला लगातार दो तीन दिनों से वहां पर है. गांवों में मुनादी कराई गई है कि देर शाम और रात में घरों से बाहर न निकलें. लोमड़ियों को पिंजड़े में पकड़ने की कोशिश की जा रही है. : संजय कुमार यादव, डीएफओ, मुंगेली

ग्रामीणों की परेशानी को लेकर मुंगेली डीएफओ संजय कुमार यादव ने मदद करने का भरोसा दिया है. वन विभाग लोमड़ियों को पिंजड़े में पकड़ने की कोशिश भी कर रही है. लेकिन खौफ के साए में जिंदगी बसर कर रहे इन ग्रामीणों को कब खूंखार लोमडियों के आतंक से छुटकारा मिलेगा, यह आने वाला वक्त ही बताएगा.

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