जयपुर. राजधानी जयपुर के महेश नगर थाना इलाके में स्थित एक प्राइवेट स्कूल में चौथी कक्षा के छात्र के साथ मारपीट का मामला सामने आया है. परिजनों ने स्कूल प्रिंसिपल पर मारपीट का आरोप लगाया है. परिजनों का कहना है कि शुक्रवार को स्कूल में छात्र के साथ बेरहमी से मारपीट की गई, जिससे वह बेहोश हो गया. शनिवार को परिजनों ने स्कूल प्रिंसिपल के खिलाफ महेश नगर थाने में शिकायत दी. शिकायत मिलने पर महेश नगर थाना पुलिस ने प्रिंसिपल समेत दो लोगो को शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार किया है.
छात्र के पिता ने महेश नगर थाने में शिकायत दर्ज करवाई है कि शुक्रवार को उनका बेटा स्कूल से घर आया, तो उसके दोनों गालों पर चोट के निशान थे. बच्चा घबराया हुआ था. परिजनों ने बच्चों के चेहरे पर चोट के निशान देखकर पूछा, तो उसने बताया कि स्कूल प्रिंसिपल ने उसकी पिटाई की है. जब कारण पूछा गया तो बच्चे ने बताया कि स्कूल में अन्य बच्चे के साथ धक्का-मुक्की हो गई थी. जिस बात पर प्रिंसिपल को गुस्सा आया और उन्होंने जमकर पिटाई कर दी, जिससे बच्चा बेहोश हो गया था.
स्कूल प्रिंसिपल की पिटाई से बच्चे के दोनों गालों समेत शरीर पर कई जगह निशान दिखाई दे रहे हैं. बच्चा जोर-जोर से रोने लगा और परिजनों से स्कूल नहीं जाने की बात कही. इसके बाद परिजनों ने महेश नगर थाने पर पहुंच कर स्कूल प्रिंसिपल के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई. इसके साथ ही परिजनों ने बच्चे की टीसी और स्कूल फीस वापस करवाने की मांग की है. परिजनों की ओर से शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग को भी पत्र लिखकर स्कूल के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई है.
महेश नगर थाना अधिकारी कविता शर्मा के मुताबिक बच्चे के पिता ने स्कूल प्रिंसिपल के खिलाफ मारपीट की शिकायत दी है. शिकायत पर कार्रवाई करते हुए स्कूल प्रिंसिपल समेत दो लोगों को शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है. शिकायत पर परिवाद दर्ज करके जांच-पड़ताल की जा रही है. जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी और मुकदमा दर्ज किया जाएगा.
संयुक्त अभिभावक संघ के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू के मुताबिक प्रदेश के निजी स्कूलों में बच्चों के साथ दुर्व्यवहार के मामले देखे जा रहे हैं. स्कूल शिक्षा का मंदिर है, ना की गुंडागर्दी का अखाड़ा. बच्चे आपस में झगड़ते हैं तो शिक्षकों को समझाना चाहिए. इस तरह बेरहमी से मारपीट नहीं करनी चाहिए. बच्चों के साथ मारपीट करना बहुत गलत है. इस मामले में शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर कार्रवाई करने की मांग की गई है. स्कूल की मान्यता रद्द करने के साथ ही स्कूल प्रिंसिपल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है.