जयपुर. देश में तीसरी बार एनडीए की सरकार बन चुकी है. शपथ ग्रहण के बाद अब मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा कर दिया गया है. नई मोदी सरकार 3.0 कार्यकाल में राजस्थान के चार मंत्रियों को महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी दी गई है. पिछली मोदी सरकार में भी अर्जुन राम मेघवाल, गजेंद्र सिंह शेखावत और भूपेंद्र यादव को मंत्री बनाया गया था, इस बार भी इन्हें मोदी कैबिनेट में जगह दी गई है. वहीं, जाट समाज से आने वाले सांसद भागीरथ चौधरी को भी मंत्री बनाया गया है. ख़ास बात है कि इस बार राजस्थान से पीएम मोदी को निराशा हाथ लगी, लेकिन बाजवूद इसके मोदी ने पिछली बार की तुलना में इस बार राजस्थान को ज्यादा प्राथमिकता दी है.
14 में से 4 सांसदों को बनाया मंत्री : एनडीए सरकार 3.0 कार्यकाल में राजस्थान के चार मंत्रियों को महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी दी गई है. कैबिनेट मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय सौंपा गया है. राजस्थान के लिहाज से यह मंत्रालय महत्वपूर्ण है, क्योंकि प्रदेश में पर्यटन और सांस्कृतिक विरासत के लिहाज से काफी संभावनाएं हैं. पिछली सरकार में शेखावत के पास जल शक्ति मंत्रालय था. कैबिनेट मंत्री भूपेन्द्र यादव और राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल को दोबारा वही मंत्रालय दिए गए, जो पिछली बार थे. यादव के पास पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और मेघवाल के पास कानून और न्याय मंत्रालय का जिम्मा रहेगा. साथ में संसदीय कार्य मंत्रालय में भी राज्य मंत्री रहेंगे. इसके साथ अजमेर से आने वाले सांसद भागीरथ चौधरी को केन्द्रीय राज्य मंत्री बनाया गया है. भागीरथ को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय का जिम्मा दिया गया है.
जातीय समीकरण साधने की कोशिश : दरअसल, लोकसभा चुनाव में राजस्थान की जनता ने पीएम मोदी को ज्यादा खुश नहीं किया. 25 लोकसभा सीटों में से सिर्फ 14 सीटों पर भाजपा की जीत हुई. राजस्थान से मिली निराशा के बाद ये माना जा रहा था कि केंद्रीय नेतृत्व इस बार राजस्थान से बनने वाले मंत्रियों की संख्या में पिछली बार की तुलना में ज्यादा कटौती होगी, लेकिन मोदी मंत्रिमंडल के गठन में राजस्थान को ज्यादा तवज्जो दी गई. इस बार 14 सांसदों में से 4 को मंत्रिमंडल में जगह दी गई. हालांकि, राजनीति के पंडित ये मानते हैं कि इसके पीछे सियासी समीकरण है. उपचुनाव और पंचायत चुनाव को देखते हुए पीएम मोदी ने चार सांसदों को मंत्री बना कर जातीय समीकरण साधने की कोशिश की है. राजपूत समाज से गजेंद्र सिंह शेखावत, जाट समाज से भागीरथ चौधरी, दलित वर्ग से अर्जुन राम मेघवाल, भूपेंद्र यादव के जरिए यादव समाज को साधने की कोशिश की है.