मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: जिले में 4 नाबालिगों का बाल विवाह होने से जिला बाल संरक्षण इकाई ने रोका. इस दौरान इकाई ने नाबालिगों के परिजनों को भी समझाईश दी. साथ ही कम उम्र में शादी होने के बाद के परिणाम से भी परिजनों को अवगत कराया.
4 बाल विवाह रोका गया: दरअसल, मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जिला बाल संरक्षण इकाई महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम ने गुरुवार को 4 नाबालिगों का बाल विवाह होने से रोका. जिला बाल संरक्षण इकाई की टीम की ओर से निर्धारित साल पूरे होने तक शादी नहीं कराने के लिए परिजनों को समझाईश दी. जानकारी के मुताबिक सोनहत और बैकुण्ठपुर में बाल विवाह होने की सूचना जिला बाल संरक्षण इकाई को मिली थी. इस पर जिला बाल संरक्षण इकाई और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम मौके पर पहुंची, जहां बाल विवाह के संबंध में जांच किया गया. जांच में बाल विवाह होना पाया गया. जांच में बालिका की उम्र 17 साल पाई गई, जो बाल विवाह की श्रेणी में आता है. सभी परिवार जनों ने अपनी सहमति जताई और विश्वास दिलाया कि जब तक बालिका की उम्र 18 साल पूरी नहीं होगी, तब तक शादी नहीं करेंगे.
टीम को मिली बाल विवाह रोकने में सफलता: इसके अलावा जिले के मुलुकनार गांव में तीन नाबालिक बच्चों का विवाह रोका गया. इस संबंध में माता-पिता और परिवार जनों की उपस्थिति में पंचनामा भी तैयार किया गया. संयुक्त टीम में परियोजना अधिकारी और पर्यवेक्षक, जिला बाल संरक्षण इकाई, आउटरीच वर्कर, चाइल्ड लाइन टीम और विशेष किशोर पुलिस ईकाई के सहयोग से बाल विवाह रोके जाने में सफलता मिली.