जामताड़ा: साइबर अपराध के मामले में चर्चित जामताड़ा में साइबर अपराधी नए तकनीक अपनाकर साइबर अपराध को अंजाम देने में सफल हो रहे हैं. अब तक साइबर अपराधी बैंक अधिकारी बनकर फर्जी मैसेज भेजकर साइबर ठगी को अंजाम देते थे, लेकिन जैसे-जैसे लोग जागरूक हो रहे हैं, अपराधी अपना तरीका भी बदलने लगे हैं. ऐसा ही एक मामला साइबर थाना की पुलिस ने चार साइबर अपराधियों को पकड़ने के बाद पर्दाफाश किया है, जो नए तकनीक के जरिए साइबर ठगी को अंजाम दे रहे थे. इनमें से दो अपराधी सगे भाई है. पकड़े गए साइबर अपराधियों के पास से 12 मोबाइल, 14 सिम, एक एटीएम कार्ड, चार पासबुक, एक आधार कार्ड और एक पैन कार्ड बरामद किए गए हैं.
बताया जाता है कि पकड़े गए साइबर अपराधी यूट्यूब में कस्टमर केयर का वीडियो प्ले कर स्क्रीन शेयरिंग कर लेते थे और कस्टमर को मैसेज कर कॉल के जरिए उनसे ओटीपी और सारी जानकारी प्राप्त कर लेते थे. अलग-अलग ई-वॉलेट के माध्यम से उनका पैसा उड़ा लेते थे. पकड़े गए साइबर अपराधी अब तक कितने लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं, पुलिस इसकी जांच में जुट गई है. साथ ही साइबर अपराधियों के पास से जब्त मोबाइल से भी सबूत खंगालने का काम कर रही है.
क्या कहते हैं साइबर थाना प्रभारी
जामताड़ा साइबर थाना प्रभारी अब्दुल रहमान ने बताया कि पकड़े गए साइबर अपराधियों के खिलाफ नारायणपुर और करमॉचाड थाना क्षेत्र के विभिन्न साइबर अड्डों पर छापेमारी की गई. इस दौरान चार साइबर अपराधियों को पकड़ा गया, जो नई तकनीक, यूट्यूब के माध्यम से साइबर ठगी को अंजाम दे रहे थे.
साइबर थाना प्रभारी ने बताया कि पकड़े गए साइबर अपराधियों में से दो सगे भाई हैं. पकड़े गए चारों साइबर अपराधी के खिलाफ साइबर थाना में मामला दर्ज कर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए जेल भेज दिया है और आगे की कार्रवाई में जुट गई है.
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