अजमेर. राजस्थान लोक सेवा आयोग की वरिष्ठ शारीरिक शिक्षा शिक्षक प्रतियोगी परीक्षा 2022 में चार डमी कैंडिडेट बैठने का मामला अब सामने आया है. आयोग ने चारों डमी कैंडिडेट के खिलाफ अजमेर के सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है. मामले में पुलिस ने एक आरोपी को हिरसत में लिया है जबकि शेष आरोपियों की पुलिस सरगर्मी से तलाश कर रही है.
आयोग के अधिकारी प्रवीण मीणा ने 5 अप्रैल को सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था. आरपीएससी की ओर से दर्ज करवाई गई रिपोर्ट के अनुसार वरिष्ठ शारीरिक शिक्षक 2022 के 461 पदों के लिए दो पारी में परीक्षा हुई थी. इसमें 426 अभ्यर्थी सफल हुए थे. 2024 में परीक्षा में सफल रहे अभ्यर्थियों को दस्तावेज की जांच के लिए उन्हें आरपीएससी कार्यालय बुलाया गया था. इन सफल अभ्यर्थियों में से 31 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे थे. अनुपस्थित रहे अभ्यर्थियों को आयोग ने 23 फरवरी को दोबारा अवसर देते हुए आयोग कार्यालय दस्तावेज जांच के लिए बुलाया. इनमें से भी बाड़मेर के गेनाराम, जोधपुर के कैलाश, जालौर के गोपीलाल और बांसवाड़ा के राकेश अनुपस्थित रहे. आयोग ने अनुपस्थित रहे चारों अभ्यर्थियों को 3 अप्रैल 2024 को आरपीएससी कार्यालय बुलाया. इसके बावजूद भी चारों अभ्यर्थी आयोग कार्यालय में उपस्थित नहीं हुए. आयोग की पड़ताल में सामने आया कि इन चारों आरोपियों ने प्रवेश पत्र में खुद की फोटो की जगह अन्य की फोटो स्कैन करके लगाई और अपनी जगह डमी कैंडिडेट परीक्षा में बैठे थे. मामले में जांच कर रहे अध्यक्ष पुलिस अधीक्षक संजय सिंह चंपावत ने बताया कि जोधपुर से एक आरोपी को हिरासत में लिया गया है. प्रकरण में जांच जारी है.
ऐसे किया फर्जीवाड़ा : चारों आरोपियों ने प्रवेश पत्र में खुद की फोटो बदलकर डमी कैंडिडेट की फोटो लगा दी और उसे परीक्षा में बैठाया. आरपीएससी में जब इन चार अभ्यर्थियों के दस्तावेज की जांच की गई तब यह उपस्थित नहीं हुए. लिहाजा आयोग ने चारों अभ्यर्थियों के दस्तावेज की गहनता से पड़ताल की तब सच्चाई सामने आ गई.
7 माह में 15 प्रकरण आरपीएससी ने करवाए दर्ज : अक्टूबर 2023 से अब तक आरपीएससी की ओर से डमी कैंडिडेट और फर्जी डिग्री के मामले में 15 मुकदमे दर्ज करवाए जा चुके हैं. इसमें ईओ भर्ती, शिक्षक भर्ती, स्कूल व्याख्याता, वरिष्ठ शारीरिक शिक्षक भर्ती की परीक्षाएं हैं. इन अलग अलग प्रकरण में 11 आरोपियों को खुद आरपीएससी ने पुलिस के हवाले किया है.