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एस्कॉर्ट सर्विस के नाम पर ऑनलाइन ठगी करने वाले चार आरोपी गिरफ्तार, 15 मोबाइल, 15 एटीएम व रिकॉर्ड जब्त

Escort Service Fraud in Udaipur, उदयपुर पुलिस ने एस्कॉर्ट सर्विस के नाम पर ऑनलाइन ठगी करने वाले चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. साथ ही मौके से 15 मोबाइल फोन, 15 एटीएम कार्ड और हिसाब के रिकॉर्ड बरामद किए हैं.

Escort Service Fraud in Udaipur
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 18, 2024, 9:09 PM IST

उदयपुर. जिले की गोवर्धन विलास थाना पुलिस ने ऑनलाइन एस्कॉर्ट सर्विस उपलब्ध कराने का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. साथ ही इस गिरोह के चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस की ओर से बताया गया कि गिरफ्तार किए गए आरोपी फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को अपना शिकार बनाते थे. साथ ही वेबसाइट पर उपलब्ध कराए गए व्हाट्सएप नंबर पर कॉल आने पर लोगों को एस्कॉर्ट सर्विस के नाम पर ठगते थे. एसपी योगेश गोयल ने बताया कि प्रशिक्षु आईपीएस एसएचओ निश्चय प्रसाद एम को सूचना मिली थी कि दक्षिण विस्तार योजना स्थित एक मकान में कुछ युवक ऑनलाइन एस्कॉर्ट सर्विस उपलब्ध कराने का सेंटर चला रहे हैं. सूचना पर एडिशनल एसपी गोपाल स्वरूप मेवाड़ा के सुपरविजन व सीओ गजेंद्र सिंह राव के निर्देशन में थाना स्तर पर टीम गठित की गई और मौके पर छापेमारी की गई.

पुलिस के हाथ लगे ठगी के साक्ष्य : एसपी गोयल ने बताया कि इस सूचना पर प्रशिक्षु आईपीएस निश्चय प्रसाद एम की टीम ने सांकेतिक मकान पर दबिश देकर ठगी कर रहे आरोपी राहुल पाटीदार पुत्र वालजी, मनीष पाटीदार पुत्र नानजी, अजीत पाटीदार पुत्र वालजी और पंकज पाटीदार पुत्र गौतम लाल निवासी सकानी थाना आसपुर जिला डूंगरपुर को गिरफ्तार किया. वहीं, आरोपियों के पास से 15 मोबाइल, 15 एटीएम और हिसाब के रिकॉर्ड जब्त किए गए हैं. साथ ही जब्त किए गए मोबाइल से पुलिस को ठगी से संबंधित कई साक्ष्य मिले हैं.

इसे भी पढ़ें - एस्कॉर्ट सर्विस के नाम पर धोखाधड़ी करने वाली गैंग का पर्दाफाश, पुलिस के हत्थे चढ़े गिरोह के तीन शातिर

ऐसे करते थे ठगी : अनुसंधान में सामने आया कि अभियुक्तों ने SKOKKA व SDUKO नाम की फर्जी वेबसाइट बना रखी है. इस पर इन्होंने कॉल गर्ल उपलब्ध कराने का विज्ञापन देकर व्हाट्सएप नंबर दिया है. इनके द्वारा दिए गए व्हाट्सएप पर जब कोई व्यक्ति संपर्क करता है तो अभियुक्त उन्हें लड़कियों की तस्वीर भेजते थे.

फोटो सलेक्शन के बाद शुरू होता था खेल : ग्राहक जब फोटो सेलेक्ट कर लेता था, उसके बाद ये उससे एडवांस के तौर पर 500 या फिर 1000 रुपए लेते थे. इसके बाद सिक्योरिटी राशि के नाम पर और रकम मांगते थे. हालांकि, जब कोई ग्राहक इसका विरोध करता तो आरोपी उसके नंबर को ब्लॉक कर देते थे. वहीं, ग्राहक भी शर्म की वजह से इसकी शिकायत नहीं करते थे, जिसका आरोपी फायदा उठाते थे.

उदयपुर. जिले की गोवर्धन विलास थाना पुलिस ने ऑनलाइन एस्कॉर्ट सर्विस उपलब्ध कराने का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. साथ ही इस गिरोह के चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस की ओर से बताया गया कि गिरफ्तार किए गए आरोपी फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को अपना शिकार बनाते थे. साथ ही वेबसाइट पर उपलब्ध कराए गए व्हाट्सएप नंबर पर कॉल आने पर लोगों को एस्कॉर्ट सर्विस के नाम पर ठगते थे. एसपी योगेश गोयल ने बताया कि प्रशिक्षु आईपीएस एसएचओ निश्चय प्रसाद एम को सूचना मिली थी कि दक्षिण विस्तार योजना स्थित एक मकान में कुछ युवक ऑनलाइन एस्कॉर्ट सर्विस उपलब्ध कराने का सेंटर चला रहे हैं. सूचना पर एडिशनल एसपी गोपाल स्वरूप मेवाड़ा के सुपरविजन व सीओ गजेंद्र सिंह राव के निर्देशन में थाना स्तर पर टीम गठित की गई और मौके पर छापेमारी की गई.

पुलिस के हाथ लगे ठगी के साक्ष्य : एसपी गोयल ने बताया कि इस सूचना पर प्रशिक्षु आईपीएस निश्चय प्रसाद एम की टीम ने सांकेतिक मकान पर दबिश देकर ठगी कर रहे आरोपी राहुल पाटीदार पुत्र वालजी, मनीष पाटीदार पुत्र नानजी, अजीत पाटीदार पुत्र वालजी और पंकज पाटीदार पुत्र गौतम लाल निवासी सकानी थाना आसपुर जिला डूंगरपुर को गिरफ्तार किया. वहीं, आरोपियों के पास से 15 मोबाइल, 15 एटीएम और हिसाब के रिकॉर्ड जब्त किए गए हैं. साथ ही जब्त किए गए मोबाइल से पुलिस को ठगी से संबंधित कई साक्ष्य मिले हैं.

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ऐसे करते थे ठगी : अनुसंधान में सामने आया कि अभियुक्तों ने SKOKKA व SDUKO नाम की फर्जी वेबसाइट बना रखी है. इस पर इन्होंने कॉल गर्ल उपलब्ध कराने का विज्ञापन देकर व्हाट्सएप नंबर दिया है. इनके द्वारा दिए गए व्हाट्सएप पर जब कोई व्यक्ति संपर्क करता है तो अभियुक्त उन्हें लड़कियों की तस्वीर भेजते थे.

फोटो सलेक्शन के बाद शुरू होता था खेल : ग्राहक जब फोटो सेलेक्ट कर लेता था, उसके बाद ये उससे एडवांस के तौर पर 500 या फिर 1000 रुपए लेते थे. इसके बाद सिक्योरिटी राशि के नाम पर और रकम मांगते थे. हालांकि, जब कोई ग्राहक इसका विरोध करता तो आरोपी उसके नंबर को ब्लॉक कर देते थे. वहीं, ग्राहक भी शर्म की वजह से इसकी शिकायत नहीं करते थे, जिसका आरोपी फायदा उठाते थे.

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