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यूपी बैडमिंटन संघ के पूर्व सचिव को 5 और बेटे को 7 साल की सजा, महिला खिलाड़ियों का कर रहे थे शोषण - UP BADMINTON ASSOCIATION SECRETARY

बाबू बनारसी दास बैडमिंटन एकाडमी में कई बैडमिंटन खिलाड़ियों ने की थी शिकायत, अकादमी के मुख्य सुरक्षा अधिकारी ने दर्ज कराया था मुकदमा

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निशांत और विजय सिन्हा. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 7, 2024, 3:38 PM IST

Updated : Dec 7, 2024, 4:22 PM IST

लखनऊः यूपी बैडमिंटन संघ के पूर्व सचिव और उनके बेटे पर बाबू बनारसी दास स्टेडियम लखनऊ की प्रशिक्षु खिलाड़ियों ने वर्ष 2017 में शारीरिक शोषण और धन उगाही का आरोप लगाया था. बाबू बनारसी दास कैम्पस के सुरक्षा अधिकारी ने 21 फरवरी 2017 को गोमतीनगर थाने में दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था. मुकदमे में सुनवाई के दौरान दोषी पाये जाने पर न्यायाधीश ने पूर्व सचिव विजय सिन्हा को 5 और उनके बेटे निशान्त सिन्हा को 7 वर्ष कारावास और 50-50 हजार रुपये जुर्माना लगाया है. रिटायर्ड जिला जज की अध्यक्षता में जांच के लिए आयोग का गठन किया गया था. आयोग की जांच रिपोर्ट लगाये गये आरोप सही पाया गया था.

दर्ज मुकदमे के अनुसार, जानकारी के मुताबिक, बाबू बनारसी दास बैडमिंटन एकाडमी में एक नाबालिग लड़की और उसके भाई ने एडमिशन लिया था. लेकिन कुछ समय बाद लड़की के भाई को एकेडमी छोड़ देने के लिए विवश किया गया. इसके बाद बाद तत्कालीन यूपी बैडमिंटन सचिव के बेटे निशांत ने नाबालिग लड़की को अपने साथ शाीरकि सम्बन्ध बनने के लिए कहा, जिसे उसने साफ मना कर दिया. इसके बाद निशान्त ने एकेडमी में सभी खिलाड़ियों को उसके साथ अभ्यास करने से मना कर दिया. निशान्त के दबाव के कारण मजबूर होकर नाबालिग लड़की खिलाड़ी ने एकेडमी छोड़ने का मन बना लिया और अपने अभिभावक को सूचना दी.

निशान्त को इस बात का पता चला तो उसने लड़की को उसकी इच्छा के विरुद्ध एकेडमी में बंधंक बना लिया और शारीरिक व मानसिक अत्याचार करना शुरू कर दिया. निशांत ने प्रशिक्षु महिला खिलाड़ी को धमकी दी की एकेडमी से जिन्दा नहीं जा सकोगी. इसके बाद निशान्त ने खिलाड़ी को 6 घण्टे लगातार खड़ रखा और मार भी खिलवाई. इसके साथ ही मोबाइल फोन छीन लिया और अपने द्वारा भेजे गये अश्लील मैसेज डिलीट कर दिया. बाद में जब खिलाड़ी के अभिभावक ने एफआईआर करने की बात कही तो निशांत ने प्रशिक्षु महिला खिलाड़ी को जाने दिया था. घटना के समय उक्त खिलाड़ी की उम्र 18 वर्ष से कम थी.


इसी तरह पश्चिम बंगाल से खिलाड़ी ने शार्ट टर्म कोचिंग के लिए बीबीडी एकेडमी लखनऊ आई थी. इसके बाद राष्ट्रीय चैम्पियनशिप के दौरान उसे और उसके अभिभावकों को निशांत और तत्कालीन पूर्व सचिव डॉ. विजय सिन्हा ने उसे मेधावी खिलाड़ी बताते हुए बीबीडी बैडमिन्टन एकेडमी लखनऊ में प्रवेश लेने का निमंत्रण दिया. अच्छे भविष्य को देखते हुए उसे पश्चिम बंगाल छोड़कर उत्तर प्रदेश राज्य का खिलाड़ी बन जाने के लिए कहा. लेकिन राज्य बदलते ही एकेडमी में उसकी जबरदस्त मानसिक व शारीरिक रैंगिग की जाने लगी. जब उसके अभिभावकों ने निशान्त के समक्ष यह प्रकरण उठाया तो रैंगिग कम हो गयी. लेकिन अपने साथ खिलाड़ी के नजदीक आने के लिए ऐसे इशारे भी करने लगा. बाद में रैगिंग लेने वाले कुछ खिलाड़ियों ने पश्चिम बंगाल की खिलाड़ी को बताया कि उसकी रैंगिग निशान्त के कहने पर ही गयी थी. इसके बाद निशान्त द्वारा जबरन उनसे शारीरिक संबंध स्थापित करने का प्रयास किया गया. उसने जब शारीरिक शोषण का विरोध किया तो निशान्त ने खिलाड़ी की फोटो को एडिट करते हुए उसे ब्लैकमेल करने की कोशि की गयी. जिसके कारण वह एकेडमी छोडकर अपने शहर चली गयीं. बालिका खिलाड़ी की उम्र मात्र 16वर्ष थी.

इसी तरह कई महिला व पुरुष खिलाडियों तथा एकेडमी में तैनात फिजियो ने भी डॉ. विजय सिन्हा और निशान्त के ऊपर शारीरिक मानसिक शोषण करने का आरोप लगाया था. इतना ही नहीं विभिन्न अनापत्ति प्रमाण पत्र देने के लिए पैसे भी लिए गए थे.

इसे भी पढ़ें-शेख सलीम चिश्ती दरगाह या कामाख्या मंदिर?, आगरा कोर्ट में 9 जनवरी 2025 को होगी अब सुनवाई

लखनऊः यूपी बैडमिंटन संघ के पूर्व सचिव और उनके बेटे पर बाबू बनारसी दास स्टेडियम लखनऊ की प्रशिक्षु खिलाड़ियों ने वर्ष 2017 में शारीरिक शोषण और धन उगाही का आरोप लगाया था. बाबू बनारसी दास कैम्पस के सुरक्षा अधिकारी ने 21 फरवरी 2017 को गोमतीनगर थाने में दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था. मुकदमे में सुनवाई के दौरान दोषी पाये जाने पर न्यायाधीश ने पूर्व सचिव विजय सिन्हा को 5 और उनके बेटे निशान्त सिन्हा को 7 वर्ष कारावास और 50-50 हजार रुपये जुर्माना लगाया है. रिटायर्ड जिला जज की अध्यक्षता में जांच के लिए आयोग का गठन किया गया था. आयोग की जांच रिपोर्ट लगाये गये आरोप सही पाया गया था.

दर्ज मुकदमे के अनुसार, जानकारी के मुताबिक, बाबू बनारसी दास बैडमिंटन एकाडमी में एक नाबालिग लड़की और उसके भाई ने एडमिशन लिया था. लेकिन कुछ समय बाद लड़की के भाई को एकेडमी छोड़ देने के लिए विवश किया गया. इसके बाद बाद तत्कालीन यूपी बैडमिंटन सचिव के बेटे निशांत ने नाबालिग लड़की को अपने साथ शाीरकि सम्बन्ध बनने के लिए कहा, जिसे उसने साफ मना कर दिया. इसके बाद निशान्त ने एकेडमी में सभी खिलाड़ियों को उसके साथ अभ्यास करने से मना कर दिया. निशान्त के दबाव के कारण मजबूर होकर नाबालिग लड़की खिलाड़ी ने एकेडमी छोड़ने का मन बना लिया और अपने अभिभावक को सूचना दी.

निशान्त को इस बात का पता चला तो उसने लड़की को उसकी इच्छा के विरुद्ध एकेडमी में बंधंक बना लिया और शारीरिक व मानसिक अत्याचार करना शुरू कर दिया. निशांत ने प्रशिक्षु महिला खिलाड़ी को धमकी दी की एकेडमी से जिन्दा नहीं जा सकोगी. इसके बाद निशान्त ने खिलाड़ी को 6 घण्टे लगातार खड़ रखा और मार भी खिलवाई. इसके साथ ही मोबाइल फोन छीन लिया और अपने द्वारा भेजे गये अश्लील मैसेज डिलीट कर दिया. बाद में जब खिलाड़ी के अभिभावक ने एफआईआर करने की बात कही तो निशांत ने प्रशिक्षु महिला खिलाड़ी को जाने दिया था. घटना के समय उक्त खिलाड़ी की उम्र 18 वर्ष से कम थी.


इसी तरह पश्चिम बंगाल से खिलाड़ी ने शार्ट टर्म कोचिंग के लिए बीबीडी एकेडमी लखनऊ आई थी. इसके बाद राष्ट्रीय चैम्पियनशिप के दौरान उसे और उसके अभिभावकों को निशांत और तत्कालीन पूर्व सचिव डॉ. विजय सिन्हा ने उसे मेधावी खिलाड़ी बताते हुए बीबीडी बैडमिन्टन एकेडमी लखनऊ में प्रवेश लेने का निमंत्रण दिया. अच्छे भविष्य को देखते हुए उसे पश्चिम बंगाल छोड़कर उत्तर प्रदेश राज्य का खिलाड़ी बन जाने के लिए कहा. लेकिन राज्य बदलते ही एकेडमी में उसकी जबरदस्त मानसिक व शारीरिक रैंगिग की जाने लगी. जब उसके अभिभावकों ने निशान्त के समक्ष यह प्रकरण उठाया तो रैंगिग कम हो गयी. लेकिन अपने साथ खिलाड़ी के नजदीक आने के लिए ऐसे इशारे भी करने लगा. बाद में रैगिंग लेने वाले कुछ खिलाड़ियों ने पश्चिम बंगाल की खिलाड़ी को बताया कि उसकी रैंगिग निशान्त के कहने पर ही गयी थी. इसके बाद निशान्त द्वारा जबरन उनसे शारीरिक संबंध स्थापित करने का प्रयास किया गया. उसने जब शारीरिक शोषण का विरोध किया तो निशान्त ने खिलाड़ी की फोटो को एडिट करते हुए उसे ब्लैकमेल करने की कोशि की गयी. जिसके कारण वह एकेडमी छोडकर अपने शहर चली गयीं. बालिका खिलाड़ी की उम्र मात्र 16वर्ष थी.

इसी तरह कई महिला व पुरुष खिलाडियों तथा एकेडमी में तैनात फिजियो ने भी डॉ. विजय सिन्हा और निशान्त के ऊपर शारीरिक मानसिक शोषण करने का आरोप लगाया था. इतना ही नहीं विभिन्न अनापत्ति प्रमाण पत्र देने के लिए पैसे भी लिए गए थे.

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Last Updated : Dec 7, 2024, 4:22 PM IST
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