दौसा. गहलोत सरकार में चिकित्सा मंत्री रहे परसादी लाल मीणा ने सोमवार को लालसोट में चुनावी सभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने खुलासा किया कि मुरारी लाल मीणा दौसा संसदीय सीट से चुनाव लड़ने से मना करते रहे, लेकिन हमने पहले ही उनका नाम प्रस्तावित कर भेज दिया था. बाद में सचिन पायलट ने भाजपा नेता और कृषि मंत्री डॉ किरोड़ी मीणा के भाई जगमोहन मीणा का नाम भी सुझाया, लेकिन किसी कारण से उनकी कांग्रेस में ज्वाइनिंग रुक गई और मुरारी का ही नाम फाइनल हो गया. उन्होंने यह भी कहा कि यदि जगमोहन को भी टिकट मिलता तो हमें कोई दिक्कत नहीं थी. कांग्रेस कार्यकर्ता तो हाथ के निशान को देखकर काम करता है.
बयान सुर्खियों मेंः परसादी लाल मीना का एक बयान सुर्खियों में बना हुआ है. प्रचार के दौरान लालसोट में एक सभा में पूर्व मंत्री परसादी लाल ने कहा कि हम सभी की इच्छा थी कि मुरारीलाल मीणा दौसा से लोकसभा चुनाव लड़ें. इसलिए सबने मिलकर 18 जनवरी को ही मुरारीलाल का नाम प्रस्तावित कर दिया था. उन्होंने कहा कि मुरारीलाल चुनाव लड़ने के लिए मना करते रहे, लेकिन हम सबने उनसे कहा कि लोकसभा चुनाव लड़ना ही पड़ेगा.
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किरोड़ी के भाई को भी मिल सकता था टिकटः परसादी ने कहा कि कृषि मंत्री डॉ किरोड़ी मीणा के भाई जगमोहन को भी कांग्रेस से टिकट मिल सकता था. जब हाईकमान ने मुरारीलाल का नाम रोका तो, सचिन पायलट ने कहा- हम कृषि मंत्री डॉक्टर किरोड़ीलाल मीना के भाई जगमोहन को भी टिकट दे सकते है. इस बारे में हमसे पूछा भी गया था. हमें भी इससे कोई ऐतराज नहीं था. लोकसभा क्षेत्र से पार्टी जिसे भी कांग्रेस का टिकट देती, हम उसी को वोट देते.
उन्होंने कहा कि जिले की चार विधानसभा सीटों पर हम हार गए, हमें इसका विश्लेषण करना चाहिए. तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने खूब काम किए. सभी जगह विकास के काम हुए. हर गांव ने जो मांगा वो दिया. उसके बाद भी परिस्थितियां अनुकूल नहीं रही और जिले की पांच में से 4 विधानसभा सीट हम हार गए. इसके लिए सभी को अपने विश्लेषण करना चाहिए. उन्होंने बताया कि प्रदेश में मेडिकल का चिरंजीवी 1 अप्रैल से बंद हो जाएगा. फिर लोग दवाई भी खरीदेंगे, पैसे भी देंगे. उन्होंने कहा पूरे हिंदुस्तान में राजस्थान पहला प्रदेश था, जहां फ्री दवाई दी तो अशोक गहलोत ने दी थी. साथ ही 25 लाख का इलाज फ्री दिया था.