कोरबा: राजनीतिक दलों में ऐसे नेताओं की संख्या काफी कम है, जो अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने से नहीं चूकते. प्रदेश के वरिष्ठ आदिवासी लीडर और बीजेपी सरकार में गृहमंत्री रहे ननकी राम कंवर का नाम भी इस सूची में शामिल है.ननकीराम को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि सरकार उनकी पार्टी की है या नहीं. वो अपने अंदाज और साफगोई वाले बयानों के लिए सुर्खियों में बने रहते हैं.
विपक्षियों के निशाने पर रहे ननकीराम कंवर : ननकीराम जब सरकार में होते हैं तो विपक्षियों के निशाने पर रहते हैं. जब सरकार खुद की हो तब भी ननकीराम अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा करने से नहीं चूकते.ताजा मामला कोरबा जिले से ही जुड़ा हुआ है. ननकीराम कंवर कोरबा जिले के रामपुर विधानसभा के विधायक रह चुके हैं.अब पूर्व विधायक हैं, उम्र 80 वर्ष से अधिक हो चुकी है. इसलिए अब वह तवज्जो नहीं मिलती जो पहले कभी पार्टी में मिलती थी. उनका कद भी घटा है. पिछले कुछ समय से ननकीराम थोड़े नाराज चल रहे हैं. क्योंकि उन्होंने जो जानकारी विभागों से मांगी थी वो नहीं मिली.जिसके बाद अब उन्होंने आरटीआई लगाकर जानकारी मांगी है.
मेरे जैसे वरिष्ठ लीडर को भी जानकारी नहीं दी गई, इसलिए मैंने विभागों में आरटीआई लगाई है. वरना मुझे जरूरत क्या थी, सरकार की छवि खराब हो रही है, या अधिकारी कैसा काम कर रहे हैं. इस विषय में कुछ नहीं कहूंगा- ननकीराम कंवर, पूर्व मंत्री
DMF से जुड़ी जानकारी मांगी : ननकीराम कंवर ने कलेक्टर कोरबा सह अध्यक्ष जिला खनिज संस्थान न्यास से सूचना का अधिकार के तहत जानकारी मांगी है. जिसमें खनिज न्यास के शाषी परिषद में हुई बैठक में अनुमोदित और स्वीकृत कार्यों की वर्ष 2023-24 और 2024- 25 की सूची मांगी गई है.
दूसरी RTI में लोक सूचना अधिकारी कलेक्टर से जानना चाहा है कि आपके कोरबा कलेक्टर के पद पर पदभार दिनांक से आज तक मुख्यमंत्री मंत्री/ विधायक के कार्यालय या निवास से आवश्यक कार्यवाही करने के संबंध में प्राप्त पत्र की प्रमाणित छायाप्रति सहित प्राप्त पत्र पर क्या कार्यवाही की गई है, स्पष्ट जानकारी चाही गई है.
एक अन्य RTI में उन्होंने जानना चाहा है कि जिला खनिज संस्थान न्यास मद कोरबा में वर्ष 2020 से वर्ष 2024 तक कोरबा जिले को जिला खनिज संस्थान न्यास मद कोरबा में कितना राशि प्राप्त हुआ और कितना व्यय किया गया है.कितना ब्याज प्राप्त हुआ है. इसकी आय व्यय और प्राप्त ब्याज की वर्षवार स्पष्ट जानकारी की छायाप्रति प्रदान करें. इस तरह से कई बिंदुओं पर ननकी ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी है.
कलेक्टर पर जताई नाराजगी: ननकी राम कंवर अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते रहे हैं. मौजूदा मामले में भी उन्होंने दो टूक कहा है कि मैंने प्रशासन के विभागों से जानकारी मांगी, तब मुझे वह नहीं मिली. वरना मेरे जैसे लीडर को एक बार कहने पर ही दस्तावेज उपलब्ध करा देना चाहिए था. इस कारण ही मुझे आरटीआई लगाना पड़ा. अब तो सभी को पता चल ही गया है, मुझे कलेक्टर ने कहा कि आदमी लेकर कलेक्ट्रेट क्यों आते हो, यह बिल्कुल भी उचित नहीं है. जिन कार्यों को सरकार ने नहीं करने का आदेश और निर्देश दिया है. वो सारे काम किए जा रहे हैं. इसलिए मैंने जानकारी प्राप्त करने के लिए आरटीआई का सहारा लिया है. अब इससे सरकार की छवि खराब हो रही है, या नहीं हो रही है. अधिकारी कैसा काम कर रहे हैं, इस बारे में, मैं कोई टिप्पणी नहीं करूंगा.