देहरादून (उत्तराखंड): 2 सितंबर सोमवार सुबह ही पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत देहरादून में ईडी के कार्यालय में पहुंच गए थे. हरक सिंह से कॉर्बेट टाइगर के पाखरो प्रकरण पर पूछताछ की गई. ईडी की ये पूछताछ करीब 12 घंटे तक चली. रात को 10.30 बजे के बाद ही ईडी ने हरक सिंह रावत को छोड़ा. बताया जा रहा है कि ईटीवी ने हरक सिंह रावत से 50 सवाल पूछे.
दरअसल, पाखरो रेंज में टाइगर सफारी बनाने में अनियमितताएं सामने आई थीं. इसे लेकर विजिलेंस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी. बाद में इस जांच को सीबीआई को सौंप दिया गया. सीबीआई ने जांच को आगे बढ़ाते हुए हरक सिंह रावत से पूछताछ की. वहीं पूर्व मंत्री ने सीबीआई को कुछ दस्तावेज सौंपे हैं. अब ईडी भी इस मामले में जांच कर रही है.
हरक सिंह रावत के समर्थक भी पहुंचे: दरअसल पिछले दिनों हरक सिंह रावत सरकार के खिलाफ जमकर बरसे थे. हरक सिंह ने पूछताछ के पीछे इसी विरोध को वजह बताया है. हरक सिंह रावत के समर्थक भी ईडी कार्यालय पहुंच गए हैं. दरअसल इसी मामले में गत 14 अगस्त को सीबीआई भी हरक सिंह रावत से पूछताछ कर चुकी है. हरक सिंह रावत ने इससे संबंधित कई गोपनीय दस्तावेज भी सीबीआई को उपलब्ध कराए थे. हरक सिंह रावत ये कहते रहे हैं कि पाखरो रेंज मामले से उनका कोई लेना-देना नहीं है.
ये है पूरा मामला: हरक सिंह रावत से जुड़ा यह सारा मामला तब शुरू हुआ, जब कॉर्बेट नेशनल पार्क के पाखरो रेंज में टाइगर सफारी की योजना बनाई गई थी. साल 2019 में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के कालागढ़ टाइगर रिजर्व की पाखरो टाइगर रेंज सफारी बनाने के लिए 106 हेक्टेयर क्षेत्र में 163 पेड़ काटने की अनुमति दी गई थी. लेकिन बिना अनुमति के 6093 पेड़ काट दिए गए थे. तभी ये मामला सुर्खियों में है. इस मामले में कई फॉरेस्ट अधिकारी नप चुके हैं. तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत कभी विजिलेंस तो कभी सीबीआई जांच का सामना कर रहे हैं. अब ईडी भी हरक सिंह रावत से इस मामले में लगातार पूछताछ कर रही है.
हरक से हो चुकी है कई बार पूछताछ: हरक सिंह रावत से केंद्रीय एजेंसियों की पूछताछ का यह दौर पहली बार नहीं है. पाखरो टाइगर सफारी को लेकर ईडी से लेकर सीबीआई भी उनसे पहले पूछताछ कर चुकी है. पाखरो टाइगर सफारी प्रकरण अवैध निर्माण और पेड़ काटे जाने से जुड़ा है. इसमें वित्तीय लेनदेन की आशंका को जांच के जरिए ईडी तलाश रही है. इस मामले में कई अधिकारी जेल जा चुके हैं, जबकि कई दूसरे अधिकारी अब भी जांच के दायरे में हैं. उधर इस प्रकरण में विजिलेंस से लेकर सुप्रीम कोर्ट की सेंट्रल इंपावर कमेटी और दूसरी कई एजेंसियां भी जांच कर चुकी हैं. अब इस प्रकरण में ईडी और सीबीआई काफी तेजी से जांच कर रही हैं और प्रकरण से जुड़े लोगों से पूछताछ हो रही है. हालांकि हरक सिंह रावत पहले ही इसे राजनीतिक जांच करार दे चुके हैं.
बताया जा रहा है कि हरक सिंह रावत से यह केंद्रीय एजेंसी कई सवालों के जरिए इसमें हुए वित्तीय लेनदेन की बातों को जानने में जुटी हुई है. माना जा रहा है कि हरक सिंह से यह पूछताछ कई घंटे तक चल सकती है.
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