धौलपुर : जिले समेत प्रदेश की राजनीति में दखल रखने वाले धौलपुर के गद्दावर नेता व पूर्व मंत्री बनवारी लाल शर्मा गुरुवार को पंचतत्व में विलीन हो गए. बुधवार को दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया था. शर्मा के निधन पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, पूर्व सीएम अशोक गहलोत समेत तमाम बड़े नेताओं ने शोक संवेदना व्यक्त की.
दरअसल, बुधवार दोपहर को बनवारी लाल शर्मा के सीने में अचानक दर्द की शिकायत हुई थी. परिजन अस्पताल ले जा रहे थे, लेकिन घर से निकलते ही उनकी मौत हो गई. बनवारी लाल शर्मा के निधन से प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई. उनके आवास पर हजारों की तादाद में समर्थकों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया. वहीं, आज उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई. धौलपुर शहर से लेकर चंबल मुक्तिधाम तक हजारों की तादाद में लोगों का हुजूम उमड़ पाड़ा. करीब छह किलोमीटर तक उनके परिजन और समर्थक पैदल सफर कर मुक्तिधाम पहुंचे, जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया. बनवारी लाल शर्मा को उनके बेटे पंकज शर्मा ने मुखाग्नि दी.
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इधर, बनवारी लाल शर्मा के निधन पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, पूर्व सीएम अशोक गहलोत, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, डिप्टी सीएम प्रेमचंद बेरवा, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, भाजपा नेता राजेंद्र सिंह राठौड़, विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी, कांग्रेस नेता सचिन पायलट, मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ समेत तमाम प्रदेश के दिग्गज नेताओं ने ट्विटर कर शोक संवेदना व्यक्त की.
पांच बार रहे विधायक : बनवारी लाल शर्मा युवावस्था से ही सियासत में सक्रिय थे. साल 1967 में पहली बार कांग्रेस पार्टी से विधायक चुने गए थे. उसके बाद कई चुनाव जीते और हारे भी. 1985 के चुनाव में उन्होंने पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को हराया था. 1985 का चुनाव हारने के बाद वसुंधरा राजे ने धौलपुर से पलायन कर अपना राजनीतिक क्षेत्र झालावाड़ को चुन लिया. उसके बाद 1990 का चुनाव बनवारी लाल शर्मा का पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत से हुआ था. इस चुनाव में बनवारी लाल शर्मा चुनाव जरूर हारे थे, लेकिन शेखावत को कड़ी टक्कर दी थी.
कड़ी टक्कर मिलने के बाद शेखावत फिर दोबारा लौटकर धौलपुर चुनाव लड़ने नहीं आए थे. जिले की राजनीति का बनवारी लाल शर्मा को चाणक्य माना जाता था. शर्मा की छवि राजनीतिक क्षेत्र में बेदाग रही थी. देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से भी उनके काफी नजदीकी रिश्ते रहे थे. दो मर्तबा इंदिरा गांधी उनके निजी कार्यक्रम में धौलपुर आ चुकी है.
एमएलए साहब के नाम से पुकारते थे लोग : बनवारी लाल शर्मा को धौलपुर ही नहीं, बल्कि भरतपुर संभाग में एमएलए साहब के नाम से पुकारा जाता था. बनवारी लाल शर्मा काफी मिलनसार स्वभाव के थे. राजनीतिक विरोधी भी शर्मा के पास सलाह मशविरा के लिए आते थे. शर्मा के निधन से धौलपुर की राजनीति को बड़ी क्षति हुई है. राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर है.