जयपुर. पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-3 महानगर द्वितीय ने एमबीए छात्रा से दुष्कर्म प्रकरण में तत्कालीन आईएएस बीबी मोहंती को दोषमुक्त कर दिया है. अदालत ने माना है कि घटना के समय शिकायतकर्ता बालिग थी और अपना भला-बुरा समझती थी. उसके पास विरोध दर्ज कराने का समय भी था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया. इससे लगता है कि उसकी सहमति से संबंध बने थे. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष यह साबित नहीं कर सका है कि बीबी मोहंती ने उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया हो.
मामले के अनुसार 23 वर्षीय युवती ने 25 जनवरी, 2014 को महेश नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में युवती ने आरोप लगाया था कि फरवरी, 2013 में आईएएस बीबी मोहंती ने उसे आईएएस की तैयारी कराने के नाम पर स्वेज फार्म स्थित अपने फ्लैट पर बुलाया और उसके साथ दुष्कर्म किया. इसके बाद मोहंती ने शादी का झांसा देकर उसके साथ भरतपुर, आगरा, गोवा, गुड़गांव और चेन्नई सहित अन्य जगहों पर ले जाकर दुष्कर्म किया. रिपोर्ट दर्ज होने के बाद मोहंती फरार हो गया. इस पर अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई आरंभ कर दी. वहीं 20 नवंबर 2017 को मोहंती ने पुलिस के समक्ष सरेंडर किया था.
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जमीन का कारोबार करती थी पीड़िता, बचाव पक्ष: अभियोजन पक्ष की ओर से पीड़िता के बयान दर्ज कराते हुए कहा गया कि आरोपी मोहंती ने उसे आईएएस की तैयारी कराने और उसके साथ शादी करने का झांसा देकर कई बार संबंध बनाए. वहीं, बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता भंवर सिंह चौहान ने कहा कि पीड़िता बालिग थी और अपना भला-बुरा समझने में सक्षम थी. पीड़िता अपने मामा के साथ मिलकर जमीन का कारोबार करती थी. इसके चलते वह संपर्क में थी. इसके अलावा आईएएस की तैयारी के लिए स्नातक होना जरूरी है, जबकि शिकायतकर्ता युवती बीटेक, एमबीए पंचवर्षीय कोर्स में अध्ययनरत थी. इसके अलावा पीड़िता को जानकारी थी कि मोहंती पहले से विवाहित है. ऐसे में उसके खिलाफ झूठा मामला दर्ज कराया गया है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने आरोपी को प्रकरण से दोषमुक्त कर दिया है।
हॉस्टल संचालक पर भी लगाया था दुष्कर्म का आरोप: गौरतलब है कि इस युवती ने इससे पूर्व हॉस्टल संचालक के खिलाफ भी दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था, लेकिन बाद में वह पक्षद्रोही हो गई थी. इस पर अदालत हॉस्टल संचालक को बरी करते हुए युवती के खिलाफ प्रसंज्ञान लिया था.