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मांगों को लेकर फिर सड़क पर उतरे HRTC के पूर्व कर्मचारी, सरकार को दे डाली बड़े आंदोलन की चेतावनी - HRTC ARREARS AND DA

HRTC employees protest: एचआरटीसी के पूर्व कर्मचारियों ने एरियर और डीए के लिए सरकार के खिलाफ फिर से मोर्चा खोल दिया है. सेवानिवृत कर्मचारियों ने मांगों को लेकर मंडी बस अड्डा से लेकर डीसी ऑफिस तक रैली निकालकर अपना रोष जताया और सरकार को बड़े आंदोलन की चेतावनी दे डाली.

मंडी में मार्च निकालते एचआरटीसी कर्मचारी
मंडी में मार्च निकालते एचआरटीसी कर्मचारी (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jul 30, 2024, 7:49 PM IST

एचआरटीसी के पूर्व कर्मचारियों का धरना (ETV BHARAT)

मंडी: हिमाचल प्रदेश में परिवहन विभाग के हजारों सेवानिवृत कर्मचारी अपनी पेंशन और अन्य भत्तों के भुगतान की मांग के लिए सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे हैं. पूरा जीवन जन सेवा में लगाकर आज परिवहन कर्मी अपनी अंतिम और छोटी-छोटी जरूरतों के लिए भी मोहताज हो गया है. अपनी समस्याओं के निदान के लिए परिवहन विभाग के सेवानिवृत कर्मचारी बीते कई वर्षों से सरकार से मांग कर रहे हैं.

मंगलवार को भी मंडी में में हिमाचल प्रदेश परिवहन विभाग से सेवानिवृत कर्मचारियों ने हिमाचल प्रदेश परिवहन सेवानिवृत कर्मचारी कल्याण मंच के बैनर तले बस अड्डा मंडी से डीसी ऑफिस तक रोष रैली निकाली है. इस दौरान उन्होंने जिला प्रशासन के माध्यम से सरकार को एक ज्ञापन भी सौंपा. इस मौके पर कर्मचारी कल्याण मंच के प्रदेश अध्यक्ष, कार्यकारी अध्यक्ष ने सरकार को अब बड़े आंदोलन की चेतावनी दे डाली.

सरकार पर लगाया सुनवाई न करने का आरोप

हिमाचल प्रदेश परिवहन सेवानिवृत कर्मचारी कल्याण मंच के अनुसार हिमाचल प्रदेश सरकार हमारी मांगों को सुनने के लिए तैयार नहीं है. वो केवल सरकार से पेंशन रूल लागू करने का आग्रह ही कर रहे हैं. अन्य विभागों में सेवानिवृत्त कर्मचारियों को डीए की किस्त दे दी गई है, लेकिन जो व्यक्ति अपने अंतिम समय में बैठा है उसे उनके हकों से ही सरकार वंचित रख रही है.

'कोर्ट केस में की फिजूल खर्ची'

प्रदेश अध्यक्ष बलराम पूरी ने कहा कि, 'खुद सीएम और उनका पूरा परिवार आज पेंशन का हकदार हो गया है, एक ही घर में तीन लोगों को पेंशन मिलेगी, लेकिन सीएम हिमाचल प्रदेश परिवहन विभाग से सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को उनके हकों से महरूम कर रही है. आज तक प्रदेश सरकार ने कोर्ट में केस लड़ने के लिए जितने रूपए खर्च किए उनमें से सरकार आज तक एक भी केस नहीं जीत पाई है और केवल वकीलों की ही मौज हो रही है.'

मंच के कार्यकारी अध्यक्ष ब्रिज लाल ने बताया कि, 'जनवरी 2016 से पे स्केल का एरियर, 65, 70 व 75 वर्ष पूरा कर चुके सेवानिवृत कर्मियों को 5, 10, 15 प्रतिशत अलांउस का भुगतान, मेडिकल बिल, ग्रेच्युटी, लीव इनकैशमेंट का भुगतान सरकार नहीं कर रही है और साथ ही माननीय उच्च व सर्वोच्च न्यायालय को फैसलों को लागू न कर न्यायालय का अपमान भी कर रही है, जो कि सही नहीं है.'

ये भी पढ़ें: सीएम सुखविंदर सुक्खू से कर्मचारियों-पेंशनर्स की आस, क्या आजादी के महीने अगस्त में एरियर-डीए देगी सुख की सरकार

एचआरटीसी के पूर्व कर्मचारियों का धरना (ETV BHARAT)

मंडी: हिमाचल प्रदेश में परिवहन विभाग के हजारों सेवानिवृत कर्मचारी अपनी पेंशन और अन्य भत्तों के भुगतान की मांग के लिए सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे हैं. पूरा जीवन जन सेवा में लगाकर आज परिवहन कर्मी अपनी अंतिम और छोटी-छोटी जरूरतों के लिए भी मोहताज हो गया है. अपनी समस्याओं के निदान के लिए परिवहन विभाग के सेवानिवृत कर्मचारी बीते कई वर्षों से सरकार से मांग कर रहे हैं.

मंगलवार को भी मंडी में में हिमाचल प्रदेश परिवहन विभाग से सेवानिवृत कर्मचारियों ने हिमाचल प्रदेश परिवहन सेवानिवृत कर्मचारी कल्याण मंच के बैनर तले बस अड्डा मंडी से डीसी ऑफिस तक रोष रैली निकाली है. इस दौरान उन्होंने जिला प्रशासन के माध्यम से सरकार को एक ज्ञापन भी सौंपा. इस मौके पर कर्मचारी कल्याण मंच के प्रदेश अध्यक्ष, कार्यकारी अध्यक्ष ने सरकार को अब बड़े आंदोलन की चेतावनी दे डाली.

सरकार पर लगाया सुनवाई न करने का आरोप

हिमाचल प्रदेश परिवहन सेवानिवृत कर्मचारी कल्याण मंच के अनुसार हिमाचल प्रदेश सरकार हमारी मांगों को सुनने के लिए तैयार नहीं है. वो केवल सरकार से पेंशन रूल लागू करने का आग्रह ही कर रहे हैं. अन्य विभागों में सेवानिवृत्त कर्मचारियों को डीए की किस्त दे दी गई है, लेकिन जो व्यक्ति अपने अंतिम समय में बैठा है उसे उनके हकों से ही सरकार वंचित रख रही है.

'कोर्ट केस में की फिजूल खर्ची'

प्रदेश अध्यक्ष बलराम पूरी ने कहा कि, 'खुद सीएम और उनका पूरा परिवार आज पेंशन का हकदार हो गया है, एक ही घर में तीन लोगों को पेंशन मिलेगी, लेकिन सीएम हिमाचल प्रदेश परिवहन विभाग से सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को उनके हकों से महरूम कर रही है. आज तक प्रदेश सरकार ने कोर्ट में केस लड़ने के लिए जितने रूपए खर्च किए उनमें से सरकार आज तक एक भी केस नहीं जीत पाई है और केवल वकीलों की ही मौज हो रही है.'

मंच के कार्यकारी अध्यक्ष ब्रिज लाल ने बताया कि, 'जनवरी 2016 से पे स्केल का एरियर, 65, 70 व 75 वर्ष पूरा कर चुके सेवानिवृत कर्मियों को 5, 10, 15 प्रतिशत अलांउस का भुगतान, मेडिकल बिल, ग्रेच्युटी, लीव इनकैशमेंट का भुगतान सरकार नहीं कर रही है और साथ ही माननीय उच्च व सर्वोच्च न्यायालय को फैसलों को लागू न कर न्यायालय का अपमान भी कर रही है, जो कि सही नहीं है.'

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