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22 जुलाई को भारतीय राष्ट्रीय ध्वज दिवस बनाने की मांग, पूर्व डीजीपी ने शुरू की प्रणाम तिरंगा मुहिम - Campaign for National Flag Day

Demand to make 22nd July Indian National Flag Day: 22 जुलाई 1947 को तिरंगे के वर्तमान प्रारूप को स्वीकृति प्रदान की गई थी. इसे लेकर पूर्व डीजीपी शील मधुर ने इस दिन को भारतीय राष्ट्रीय ध्वज दिवस बनाने की मांग की है. इसके लिए उन्होंने एक मुहिम की भी शुरुआत की है.

पूर्व डीजीपी शील मधुर
पूर्व डीजीपी शील मधुर (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 21, 2024, 6:30 PM IST

Updated : Jul 21, 2024, 7:27 PM IST

नई दिल्ली: पूर्व डीजीपी और रिटायर्ड आईपीएस शील मधुर ने 22 जुलाई को भारतीय राष्ट्रीय ध्वज दिवस के रूप में मनाए जाने की मांग की है. इसके लिए उन्होंने प्रणाम तिरंगा मुहिम की शुरुआत की है और लोगों से अपील की वे आगे बढ़कर तिरंगे के सम्मान में इस मुहिम को बढ़ाएं. उन्होंने बताया कि 22 जुलाई को ही पहली बार तिरंगे का यह स्वरूप सामने आया था, इसलिए यह दिन बहुत महत्वपूर्ण है. सरकार को इस दिन को राष्ट्रीय ध्वज दिवस घोषित करना चाहिए. इस संबंध में हमने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित कई गणमान्य लोगों को ज्ञापन सौंपा है.

शील मधुर ने बताया कि यह एक सुखद संयोग है कि इस वर्ष 22 जुलाई से संसद के मानसून सत्र (बजट सत्र) की शुरुआत हो रही है. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, एनडीए एवं इंडी गठबंधन सहित तमाम सांसद सदन में माैजूद रहेंगे. मेरा सभी लोगों से निवेदन है कि सभी संसद सदस्य तिरंगे के सम्मान में अपने स्थान पर खड़े होकर तिरंगे को सलामी दें. उन्होंने इस मुहिम से जुड़ने के लिए एक हैशटैग #PranamTiranga भी बनाया है.

उन्होंने कहा कि 22 जुलाई, 1947 को तत्कालीन संविधान सभा की समिति द्वारा तिरंगे के वर्तमान प्रारूप को स्वीकृति प्रदान की गई थी. इसलिए सादर इंडिया मंच द्वारा 2021 के पूर्व से ही तिरंगा दिवस का आयोजन किया जाता है. तिरंगा दिवस का आयोजन हमारी कोई मांग मात्र नहीं, बल्कि यह देश के 140 करोड़ नागरिकों का अधिकार है.

यह भी पढ़ें- दिल्ली में मुहर्रम पर विभिन्न इलाकों से निकाला गया जुलूस, हाथों में तिरंगा लिए शामिल हुए लोग

नई दिल्ली: पूर्व डीजीपी और रिटायर्ड आईपीएस शील मधुर ने 22 जुलाई को भारतीय राष्ट्रीय ध्वज दिवस के रूप में मनाए जाने की मांग की है. इसके लिए उन्होंने प्रणाम तिरंगा मुहिम की शुरुआत की है और लोगों से अपील की वे आगे बढ़कर तिरंगे के सम्मान में इस मुहिम को बढ़ाएं. उन्होंने बताया कि 22 जुलाई को ही पहली बार तिरंगे का यह स्वरूप सामने आया था, इसलिए यह दिन बहुत महत्वपूर्ण है. सरकार को इस दिन को राष्ट्रीय ध्वज दिवस घोषित करना चाहिए. इस संबंध में हमने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित कई गणमान्य लोगों को ज्ञापन सौंपा है.

शील मधुर ने बताया कि यह एक सुखद संयोग है कि इस वर्ष 22 जुलाई से संसद के मानसून सत्र (बजट सत्र) की शुरुआत हो रही है. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, एनडीए एवं इंडी गठबंधन सहित तमाम सांसद सदन में माैजूद रहेंगे. मेरा सभी लोगों से निवेदन है कि सभी संसद सदस्य तिरंगे के सम्मान में अपने स्थान पर खड़े होकर तिरंगे को सलामी दें. उन्होंने इस मुहिम से जुड़ने के लिए एक हैशटैग #PranamTiranga भी बनाया है.

उन्होंने कहा कि 22 जुलाई, 1947 को तत्कालीन संविधान सभा की समिति द्वारा तिरंगे के वर्तमान प्रारूप को स्वीकृति प्रदान की गई थी. इसलिए सादर इंडिया मंच द्वारा 2021 के पूर्व से ही तिरंगा दिवस का आयोजन किया जाता है. तिरंगा दिवस का आयोजन हमारी कोई मांग मात्र नहीं, बल्कि यह देश के 140 करोड़ नागरिकों का अधिकार है.

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Last Updated : Jul 21, 2024, 7:27 PM IST
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