पालमपुर: हिमाचल प्रदेश में अंतिम चरण के तहत 1 जून को लोकसभा चुनाव के लिए मतदान किया जाएगा. प्रदेश के दोनों बड़े राजनीतिक दल भाजपा-कांग्रेस ने प्रदेश की चारों लोकसभा सीटों पर अपने-अपने प्रत्याशी चुनावी रण में उतार दिए हैं. इसके साथ ही दोनों दल जोरों-शोरों से चुनावी प्रचार कर रहे हैं. वहीं, भाजपा-कांग्रेस के नेताओं द्वारा आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी जारी है. इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शांता कुमार ने भी कांग्रेस पर निशाना साधा है.
पूर्व सीएम शांता कुमार ने फेसबुक पर पोस्ट डालते हुए लिखा, ' कांगड़ा-चंबा लोकसभा के लिए कांग्रेस ने तीन बार सर्वे करवाया. सर्वे में तीन नाम आए, लेकिन चुनाव लड़ने के लिए हिमाचल का कोई भी नेता तैयार नहीं हुआ. अब कांग्रेस ने दिल्ली से आनंद शर्मा को कांगड़ा-चंबा लोकसभा से प्रत्याशी बनाया है.'
गौरतलब है कि 30 अप्रैल को कांग्रेस ने कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से आनंद शर्मा को लोकसभा उम्मीदवार घोषित किया था. जिसके बाद से आनंद शर्मा लगातार भाजपा नेताओं के निशाने पर हैं. भाजपा नेताओं का कहना है कि कांग्रेस को हिमाचल में कोई प्रत्याशी नहीं मिला तो दिल्ली से आनंद शर्मा को प्रत्याशी बना दिया गया.
शांता कुमार ने कांग्रेस प्रत्याशी पर कटाक्ष करते हुए कहा, 'आनंद शर्मा का हिमाचल की जमीनी राजनीति से कभी जरा सा भी संबंध नहीं रहा है. केवल राज्यसभा के द्वारा ही वे चुने जाते रहे हैं. इसके मुकाबले भाजपा उम्मीदवार डॉ. राजीव भारद्वाज हिमाचल के चप्पे-चप्पे से परिचित हैं और एक विद्वान और प्रतिभाशाली उम्मीदवार हैं. उम्मीदवार तय होने के बाद वे दो बार क्षेत्र में घूम आए हैं. गांव-गांव से उनका परिचय है. कांग्रेस उम्मीदवार उनका मुकाबला बिल्कुल भी नहीं कर पाएंगे.'
बता दें कि आनंद शर्मा पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं. इससे पहले वो राज्यसभा से सांसद चुन कर ही संसद पहुंचते रहे हैं. हालांकि एक बार आनंद शर्मा विधानसभा चुनाव में भी खड़े हुए थे, लेकिन उसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. वहीं, इस बार कांग्रेस ने आनंद शर्मा को पहली बार लोकसभा चुनाव में उतार कर दांव लगाया है. ऐसे में भाजपा आनंद शर्मा पर निशाना साध रही है कि उन्हें जमीनी राजनीति का के बारे में कुछ भी पता नहीं है.
इसी पर तंज कसते हुए शांता कुमार ने कहा, 'आज से 42 वर्ष पहले केवल एक बार आनंद शर्मा ने शिमला विधानसभा का चुनाव लड़ा था. उस चुनाव में एक इतिहास बना था. आज तक के सभी विधानसभा चुनाव में उस चुनाव में सबसे अधिक 24 उम्मीदवार थे. आनंद शर्मा भाजपा के दौलत राम चौहान के मुकाबले हार गए थे. इस बार भी लोकसभा में सबसे अधिक वोटों से हारने का एक नया इतिहास बना कर आनंद शर्मा दिल्ली लौट जाएंगे.'
पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने फेसबुक पोस्ट पर लिखा कि मुझे प्रसन्नता है कि हिमाचल की अन्य लोकसभा की सीटों की तरह कांगड़ा-चंबा लोकसभा में भी भाजपा की ऐतिहासिक जीत होगी.