रुड़की: पिरान कलियर में व्यापारियों का धरना जारी है. अब व्यापारियों को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का भी साथ मिल गया है. आज देर शाम हरीश रावत ने दरगाह कार्यालय के बाहर चल रहे धरना स्थल में पहुंचकर अपना समर्थन दिया है. व्यापारियों का यह धरना प्रदर्शन पिरान कलियर दरगाह क्षेत्र में नियाज लंगर बनाने वाली दुकानों के टेंडर और प्रबंधक को हटाए जाने को लेकर है.
पूर्व सीएम हरीश रावत ने व्यापारियों को दिया समर्थन: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि जिन दुकानों से गरीब दुकानदारों के परिवार की रोजी रोटी चल रही है, उन दुकानदारों को परेशान नहीं करना चाहिए. इस मामले में उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और जिलाधिकारी धीराज गर्ब्याल से भी फोन पर वार्ता की. साथ ही सीएम धामी से दुकानदारों की समस्याओं के बारे में अवगत कराया. वहीं, सीएम धामी ने हरीश रावत को कार्रवाई का आश्वासन दिया. इसके बाद हरदा ने दरगाह साबिर पाक में चादर फूल पेश कर अमनो अमान की दुआ की.
वहीं, दुकानदारों के समर्थन में दूसरे दिन क्षेत्रीय विधायक फुरकान अहमद और खानपुर विधायक उमेश कुमार भी पहुंचे. उन्होंने धरना दे रहे दुकानदारों का समर्थन करते हुए वक्फ बोर्ड सीईओ सैयद सिराज उस्मान से नियाज लंगर बनाने वाली दुकानों के टेंडर रद्द करने और दरगाह प्रबंधक रजिया को हटाने की मांग की. उन्होंने दरगाह कार्यालय में हस्तक्षेप करने पर उनके पति के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है.
खानपुर विधायक उमेश कुमार भी धरना स्थल पहुंचे: खानपुर विधायक उमेश कुमार ने कहा कि नियाज बनने के टेंडर के नाम पर गरीब दुकानदारों को परेशान किया जा रहा है. इसके अलावा दुकानदारों को भी धमकाया जा रहा है, जो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने वक्फ बोर्ड सीईओ को दरगाह प्रबंधक से हटाने ओर टेंडर को निरस्त करने की मांग की है. साथ ही कहा कि साबरी जामा मस्जिद में स्थानीय इमाम की तैनाती की जाए.
कलियर विधायक फुरकान अहमद ने कही ये बात: वहीं, कलियर विधायक फुरकान अहमद ने कहा कि लगातार दुकानदारों का शोषण किया जा रहा है. कभी अतिक्रमण के नाम पर तो कभी टेंडर निकालकर. उन्होंने आगे कहा कि अभी हाल में नियाज बनने का टेंडर निकाला गया है. जिसमें गरीब दुकानदारों का शोषण किया जा रहा है. जो ठीक नहीं है. उन्होंने रजिया को दरगाह प्रबंधक पद से हटाने की मांग की.
"टेंडर प्रक्रिया को दो दिनों के अंदर निरस्त कर दिया जाएगा. दरगाह प्रबंधक को हटाने के लिए प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जाएगा." -सैयद सिराज उस्मान, सीईओ, उत्तराखंड वक्फ बोर्ड
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