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हमारी मां, बहन, बहू, बेटी पर गलत नजर डाला तो आंख निकाल देंगे, संथाल से उखाड़कर फेंक देंगेः चंपाई सोरेन

जामताड़ा में मांझी परगना सम्मेलन में पूर्व सीएम चंपाई सोरेन शामिल हुए. उन्होंने इस मौके पर घुसपैठ को लेकर जमकर भड़ास निकाली.

FORMER CM CHAMPAI SOREN
चंपाई सोरेन (सौ. एक्स)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 8, 2024, 7:22 PM IST

रांची/जामताड़ाः पूर्व सीएम चंपाई सोरेन आज अलग तेवर में नजर आए. जामताड़ा में मांझी परगाना महासम्मेलन में जमकर गरजे. आदिवासी समाज को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज के बाद अगर हमारी मां, बहन, बहू, बेटी पर गलत नजर डाला तो आंख निकाल देंगे. चंपाई सोरेन ने कहा कि क्या समझ लिया हमारे समाज को. हमारे पूर्वजों ने तीर की नोंक से संथाल का निर्माण किया है. यहां के लिए एसपीटी कानून बना है. बांग्लादेशी घुसपैठिया हो या पाकुड़, साहिबगंज, दुमका, जामताड़ा समेत पूरे झारखंड में कोई भी हो, अगर हमारे समाज पर नजर डाला तो निश्चित रुप से उसका आंख फूट जाएगा. उन्होंने कहा संथाल परगाना में जिस तरह के अत्याचार की शुरुआत हुई है, उसे मैं नहीं देख सकता.

चंपाई सोरेन ने कहा कि आदिवासी बहुत सरल होते हैं. एक बार हमलोग सोच लिए तो निश्चित रुप से हूल होगा. हम कब्जा किए गये जमीन को वापस ले लेंगे और उखाड़ कर फेंक देंगे. हम संघर्ष करके यहां तक पहुंचे हैं. हम ऐसा अत्याचार नहीं देख सकते. हमारी सामाजिक व्यवस्था बहुत सुंदर है. इसी व्यवस्था के तहत हमारी अलग पहचान है. इसको कभी मिटने नहीं देंगे. हम किसी के गुलाम नहीं रह सकते. चंपाई सोरेन ने कहा कि जिन लोगों ने हमारी जमीन को कब्जा लिया है, उसे छोड़ दें नहीं तो बायसी बुलाकर जमीन छुड़वा कर दिखा देंगे. दूध में मक्खी की तरह फेंक देंगे.

करीब 40 मिनट के संबोधन के दौरान चंपाई सोरेन ने ज्यादातर बातें संथाली भाषा में की. खास बात है कि 6 अक्टूबर को तबीयत नासाज होने की वजह से चंपाई सोरेन को जमशेदपुर के टीएमएच में भर्ती करना पड़ा था. उसी दिन साहिबगंज के भोगनाडीह में मांझी परगाना महासम्मेलन बुलाया गया था. ऐसे में हॉस्पिटल से ही उन्होंने आदिवासी समाज के परंपरागत सम्मेलन को उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया था.

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रांची/जामताड़ाः पूर्व सीएम चंपाई सोरेन आज अलग तेवर में नजर आए. जामताड़ा में मांझी परगाना महासम्मेलन में जमकर गरजे. आदिवासी समाज को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज के बाद अगर हमारी मां, बहन, बहू, बेटी पर गलत नजर डाला तो आंख निकाल देंगे. चंपाई सोरेन ने कहा कि क्या समझ लिया हमारे समाज को. हमारे पूर्वजों ने तीर की नोंक से संथाल का निर्माण किया है. यहां के लिए एसपीटी कानून बना है. बांग्लादेशी घुसपैठिया हो या पाकुड़, साहिबगंज, दुमका, जामताड़ा समेत पूरे झारखंड में कोई भी हो, अगर हमारे समाज पर नजर डाला तो निश्चित रुप से उसका आंख फूट जाएगा. उन्होंने कहा संथाल परगाना में जिस तरह के अत्याचार की शुरुआत हुई है, उसे मैं नहीं देख सकता.

चंपाई सोरेन ने कहा कि आदिवासी बहुत सरल होते हैं. एक बार हमलोग सोच लिए तो निश्चित रुप से हूल होगा. हम कब्जा किए गये जमीन को वापस ले लेंगे और उखाड़ कर फेंक देंगे. हम संघर्ष करके यहां तक पहुंचे हैं. हम ऐसा अत्याचार नहीं देख सकते. हमारी सामाजिक व्यवस्था बहुत सुंदर है. इसी व्यवस्था के तहत हमारी अलग पहचान है. इसको कभी मिटने नहीं देंगे. हम किसी के गुलाम नहीं रह सकते. चंपाई सोरेन ने कहा कि जिन लोगों ने हमारी जमीन को कब्जा लिया है, उसे छोड़ दें नहीं तो बायसी बुलाकर जमीन छुड़वा कर दिखा देंगे. दूध में मक्खी की तरह फेंक देंगे.

करीब 40 मिनट के संबोधन के दौरान चंपाई सोरेन ने ज्यादातर बातें संथाली भाषा में की. खास बात है कि 6 अक्टूबर को तबीयत नासाज होने की वजह से चंपाई सोरेन को जमशेदपुर के टीएमएच में भर्ती करना पड़ा था. उसी दिन साहिबगंज के भोगनाडीह में मांझी परगाना महासम्मेलन बुलाया गया था. ऐसे में हॉस्पिटल से ही उन्होंने आदिवासी समाज के परंपरागत सम्मेलन को उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया था.

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