जयपुर. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को मणिपुर पहुंचकर हिंसाग्रस्त इलाकों में पीड़ितों से मुलाकात की. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मणिपुर के बहाने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और एनडीए सरकार पर फिर से निशाना साधा है. इसके साथ ही युवाओं के मुद्दों को लेकर अशोक गहलोत ने प्रदेश की भजनलाल सरकार पर भी निशाना साधा है.
विपक्ष की भूमिका क्यों महत्वपूर्ण हो जाती है ये हम इस घटना से समझ सकते हैं। श्री @RahulGandhi लगभग पिछले एक वर्ष से प्रधानमंत्री श्री @narendramodi से मणिपुर दौरे की मांग कर रहे थे एवं उनके मणिपुर ना जाने की आलोचना भी कर रहे थे। यदि प्रधानमंत्री विपक्ष की आलोचना को सकारात्मक…
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) July 8, 2024
अशोक गहलोत ने सोशल मीडया X पर एक पोस्ट में लिखा, 'विपक्ष की भूमिका क्यों महत्वपूर्ण हो जाती है, यह हम इस घटना से समझ सकते हैं. राहुल गांधी लगभग पिछले एक वर्ष से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मणिपुर दौरे की मांग कर रहे थे और उनके मणिपुर न जाने की आलोचना भी कर रहे थे. प्रधानमंत्री विपक्ष की आलोचना को सकारात्मक दृष्टिकोण से लेते और शांति स्थापना के लिए प्रयास के लिए एक-दो बार मणिपुर के दौरे कर लेते तो प्रधानमंत्री को इतनी आलोचना नहीं झेलनी पड़ती. हो सकता है पक्ष-विपक्ष की भावना के अनुरूप वहां की जनता भी शांति स्थापित करने की दिशा में दो कदम आगे बढ़ाती. पूरे देश में NDA सरकार की विफलता और प्रधानमंत्री, गृहमंत्री की भूमिका को लेकर जो भयंकर आलोचना हो रही है, उससे बचा नहीं जा सकेगा.'
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कई युवाओं एवं एक्टिविस्टों ने मेरे कार्यालय में आकर एवं सोशल मीडिया के माध्यम से बताया है कि वो बेरोजगारी भत्ता, रोजगार, राजीव गांधी युवा मित्र बहाली, भर्तियों की घोषणा जैसे मुद्दों पर जयपुर में धरना प्रदर्शन करना चाहते हैं परन्तु प्रशासन उन्हें सरकार के दबाव में अनुमति नहीं दे…
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) July 8, 2024
युवाओं को प्रदर्शन की अनुमति नहीं दे रही सरकार : अशोक गहलोत ने एक अन्य पोस्ट में लिखा, कई युवाओं व एक्टिविस्ट ने मेरे कार्यालय आकर व सोशल मीडिया के जरिए बताया है कि वो बेरोजगारी भत्ता, रोजगार, राजीव गांधी युवा मित्र बहाली, भर्तियों की घोषणा जैसे मुद्दों पर जयपुर में धरना प्रदर्शन करना चाहते हैं. प्रशासन उन्हें सरकार के दबाव में अनुमति नहीं दे रहा है. धरना प्रदर्शन के लिए आरक्षित शहीद स्मारक से भी उन्हें बार-बार बल-प्रयोग कर भगा दिया जाता है. यह उचित नहीं है. लोकतंत्र में अपने हक के लिए शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन जनता का अधिकार है. उनकी बात सुनना सरकार का कर्तव्य है. मैं सरकार एवं पुलिस प्रशासन से आग्रह करता हूं कि इस तरह की अलोकतांत्रिक कार्यप्रणाली न अपनाएं और जनता को उनका लोकतांत्रिक हक प्रयोग करने दें.'