जयपुर. भजनलाल सरकार के पहले पूर्ण बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि इसमें न तो जनता को राहत मिली है और न ही विकास का रोडमैप है. शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा से भी इस बजट का कोई सरोकार नहीं है.
अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया X पर बयान जारी कर कहा, 'हमारी सरकार ने मिशन-2030 के तहत राजस्थान को नंबर 1 बनाने का लक्ष्य रखा था. मुझे आशा थी कि हमारी सरकार जाने के बाद भाजपा सरकार कम से कम राजस्थान की बेहतरी के लिए इस मिशन को ध्यान में रखकर काम करेगी और विकास की बेहतरीन योजनाएं लाएगी. बुधवार को राजस्थान सरकार की ओर से लाए गए बजट का शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा से कोई सरोकार नहीं लगता है.
दस साल से केंद्र का बजट भी नीरस-दिशाहीन : अशोक गहलोत ने कहा, 'हमारी सरकार द्वारा इन क्षेत्रों में चलाई गईं योजनाओं एवं किए गए कामों में कमी बजट के आंकड़ों में साफ दिखाई दे रही है. इस बजट से न जनता को राहत मिली है और न ही कोई विकास का रोडमैप बन रहा है. पिछले 10 साल से जैसा केंद्र सरकार का बजट नीरस एवं दिशाहीन होता है. वैसे ही आज राजस्थान सरकार का बजट भी नीरस और दिशाहीन आया है.
हमारी सरकार ने मिशन 2030 के तहत राजस्थान को नंबर 1 बनाने का लक्ष्य रखा था। मुझे आशा थी कि हमारी सरकार जाने के बाद भाजपा सरकार कम से कम राजस्थान की बेहतरी के लिए इस मिशन को ध्यान में रखकर काम करेगी और विकास की बेहतरीन योजनाएं लाएगी। आज राजस्थान सरकार द्वारा लाए गए बजट का शिक्षा,…
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) July 10, 2024
रोडवेज एसी का किराया बढ़ाकर जाहिर किया उद्देश्य: गहलोत बोले- जनता को उम्मीद थी कि पीएम मोदी की गारंटी के मुताबिक पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम की जाएंगी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. हमारी सरकार की महंगाई से राहत देने वाली योजनाओं जैसे 100 यूनिट फ्री बिजली, अन्नपूर्णा राशन किट, इंदिरा रसोई, फ्री कृषि बिजली आदि के लिए कोई बजट आंवटन नहीं किया है. यानी आने वाले दिनों में जनता को महंगाई का सामना करना पड़ेगा. बजट के दिन ही रोडवेज एसी बसों का किराया 10 पैसे प्रति किलोमीटर बढ़ाकर सरकार ने अपना उद्देश्य जाहिर कर दिया है.
काम नहीं पैकेजिंग पर सरकार का भरोसा : अशोक गहलोत ने कहा, सरकार ने बजट में नए ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे की DPR बनाने की घोषणा कर वाहवाही लेने का प्रयास किया है. हमारी सरकार प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र को 10 करोड़ रुपये सड़कों के लिए देती थी, जिसे इस सरकार ने 5 करोड़ रुपए कर दिया है. यह दिखाता है कि ये सरकार काम में नहीं सिर्फ पैकेजिंग में भरोसा करती है.
चिरंजीवी की जगह आयुष्मान बीमा : अशोक गहलोत बोले, यह आश्चर्य की बात है कि 25 लाख रुपए राशि वाली चिरंजीवी बीमा योजना की जगह पर ये सरकार 5 लाख रुपए राशि की आयुष्मान भारत योजना को लागू करना चाहती है. चिरंजीवी योजना में राजस्थान का प्रत्येक परिवार कवर था पर आयुष्मान भारत में प्रदेश की 50 फीसदी आबादी भी शामिल नहीं होगी. चिरंजीवी योजना में बड़ी संख्या में अस्पताल शामिल थे पर आयुष्मान योजना में अस्पतालों की संख्या बेहद कम है.
ओपीएस पर भी नहीं आई सरकार की राय : अशोक गहलोत ने पुरानी पेंशन स्कीम (ओपीएस) को लेकर भी सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि ओपीएस को लेकर भी सरकार की कोई राय बजट में नहीं आई है. केन्द्रीय वित्त मंत्री लगातार ओपीएस का विरोध करती रही हैं, लेकिन राज्य की वित्त मंत्री ने ओपीएस पर कोई राय नहीं रखी. इससे राज्य के कर्मचारियों में असमंजस की स्थिति है. सरकार को ओपीएस पर अपनी राय स्पष्ट करनी चाहिए.