नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी में मंत्री रहे राजकुमार आनंद ने फिर पाला बदल लिया है लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद अब राजकुमार भाजपा के हो गए हैं. बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यालय में दिग्गज नेताओं की उपस्थिति में आज राजकुमार आनंद ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया. इस दौरान उनके साथ आम आदमी पार्टी के कई कार्यकर्ता और उनके समर्थक भी मौजूद थे जिन्होंने बीजेपी ज्वाइन की है.
14 जून को अयोग्य हुए थे करार
राजकुमार आनंद ने 12 अप्रैल को AAP के मंत्री पद से इस्तीफा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पास भेजा था. इसके बाद 14 जून को पटेल नगर विधानसभा सीट से विधायक रहे राजकुमार आनंद को विधानसभा स्पीकर राम निवास गोयल ने डिस्क्वालीफाई (अयोग्य) करार दिया था. विधानसभा की ओर से उनसे सवाल किया गया था कि उन्होंने AAP का विधायक रहते हुए बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़ा, क्या उनको अयोग्य करार दिया जाए. उन्हें विधानसभा की ओर से 10 जून तक जवाब देना था.
#WATCH | BSP leader Raaj Kumar Anand, his wife Veena Anand and some other leaders join the BJP in Delhi. pic.twitter.com/SURDclKv6d
— ANI (@ANI) July 10, 2024
नई दिल्ली से BSP के टिकट पर लड़ा था लोकसभा चुनाव
बता दें राजकुमार आनंद ने नई दिल्ली से बीएसपी की टिकट पर लोकसभा का चुनाव भी लड़ा था. हालांकि इससे पहले वह दिल्ली सरकार में मंत्री थे. उन्होंने आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दिया, लेकिन उनकी विधायकी उस दौरान बरकरार था, विधायक रहते हुए उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा देकर बीएसपी जॉइन कर ली और नई दिल्ली लोकसभा से चुनाव लड़ा, हालांकि इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
आपने
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) July 10, 2024
साइकिल चोर
घड़ी चोर
बाइक चोर
कार चोर
सोना चोर सुना होगा लेकिन “BJP”
पार्षद चोर
विधायक चोर
सांसद चोर
पार्टी चोर है
सारे दाग चुटकियों में धुले “मोदी वाशिंग पाउडर” pic.twitter.com/GWdxXghDsU
पत्नी और समर्थकों के साथ बीजेपी दफ्तर पहुंचे थे राजकुमार आनंद
आज उन्होंने बीजेपी के पंडित दीनदयाल मार्ग स्थित राष्ट्रीय कार्यालय में पहुंचकर बीजेपी लीडर्स से मुलाकात की, राजकुमार आनंद बीजेपी मुख्यालय अपने समर्थकों के साथ पहुंचे इस दौरान उनकी पत्नी भी उनके साथ मौजूद थीं.
दरअसल जब राजकुमार आनंद बीएसपी में शामिल हुए थे तब उनसे पूछा गया था कि आप बीजेपी में जाएंगे तब राजकुमार आनंद ने मना कर दिया था कि वह बीजेपी में नहीं जाएंगे. उस वक्त उनसे आम आदमी पार्टी छोड़ने का कारण पूछा गया था तो उन्होंने कहा था कि AAP सरकार में दलितों के लिए जो फंड आता है उसका उपयोग सरकार नहीं करती. हालांकि उन्होंने ये भी कहा था कि जो दलितों के लिए काम करेगा, उसका साथ वो देंगे.
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