बगहाः बिहार के बगहा में वाल्मीकीनगर टाइगर रिजर्व होने के कारण जंगल से कई जानवर गांव की ओर पहुंच जाते हैं. इसी अंतराल में एक विशालकाय अजगर जंगल से गांव में प्रवेश कर गया. इंडो नेपाल सीमा अंतर्गत वाल्मीकीनगर में टंकी बाजार स्थित थापा कॉलोनी में शुक्रवार की रात एक विशालकाय अजगर को देखा गया.
देर रात घर में घुस रहा था अजगरः शुक्रवार की देर रात 14 फीट लंबे अजगर का रेस्क्यू किया गया. बताया जा रहा है की विशालकाय अजगर सूरज दरलामी के घर में घुसने की फिराक में था. मोहल्ले के लोग 9:30 बजे रात में खाना खाने के बाद सड़क किनारे टहलने निकले थे. इसी दौरान उनकी नजर रेंगते हुए अजगर पर पड़ी. पर्याप्त रोशनी नहीं थी बावजूद लोगों को अजगर के रेंगने से घास में खरखराहट का आभास हो गया.
फ्लैश लाइट जलाते ही उड़े होशः लोगों ने मोबाइल का फ्लैश लाइट जलाकर देखा तो दीवार के सहारे अजगर घर के भीतर घुसने का प्रयास कर रहा था. जिसके बाद लोग शोर गुल करने लगे लिहाजा मोहल्ले के काफी लोग इकट्ठा हो गए. लोगों ने वन विभाग को सूचना दी, जिसके बाद तत्काल वनकर्मी मौके पर पहुंच गए.
रेस्क्यू के बाद राहत की सांस लीः अजगर रेंगता हुआ घर के पास झाड़ियों में घुस चुका था. काफी मशक्कत के बाद भारी भरकम विशालकाय अजगर का रेस्क्यू किया गया और फिर उसे जंगल में छोड़ दिया गया. इसके बाद लोगों ने राहत की सांसद ली.
गांव में क्यों आते रहते हैं जानवरः बता दें कि वाल्मीकि टाइगर रिजर्व जंगल में पायथन बहुतायत संख्या में पाए जाते हैं. जंगल के आसपास गांव होने के कारण अमूमन शिकार व भोजन की तलाश में जानवर रिहायशी इलाकों का रुख करते हैं. पालतू कुत्ते, मुर्गे-मुर्गियां और बकरी भोजन के रूप में मिल जाते हैं. रेस्क्यू किए गए अजगर को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था की उसने किसी जानवर को निगला हुआ है.
कितना खतरनाक होता है अजगरः मालूम हो कि अजगर काफी खतरनाक सांप होता है. यह डसता नहीं है बल्कि निगल जाता है. व्यस्क जालीदार अजगर आमतौर पर 20 से 25 फीट तक का होता है. यह किसी इंसान को एक घंटे के अंदर निगल सकता है. किसी भी जानवर या इनसान को चारों ओर से तब तक लपेटे रहता है जब तक उसकी मौत नहीं हो जाती है.
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