ETV Bharat / state

हजारीबाग में ईंट भट्ठे के लिए अवैध कोयला खनन, वन विभाग ने 32 मुहानों को किया बंद - ILLEGAL COAL MINING IN HAZARIBAG

हजारीबाग वन विभाग की कार्रवाई के बाद अवैध कोयला उत्खनन के मुहाने को बंद किया गया है. इन खदानों से अवैध कोयला सप्लाई होता था.

ILLEGAL COAL MINING IN HAZARIBAG
वन विभाग ने अवैध कोयला खनन मुहाने को किया बंद (ईटीवी भारत)
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 19, 2025, 3:23 PM IST

हजारीबाग: जिले में अवैध कोयला का उत्खनन कोई नई बात नहीं है. अब भी ग्रामीण जान जोखिम में डालकर कोयला चोरी कर रहे हैं. ऐसे में वन विभाग ने कार्रवाई करते हुए 32 ऐसे अवैध कोयला उत्खनन करने वाले मुहाने को बंद करवाया है.

संवाददाता गौरव प्रकाश की रिपेर्ट (ईटीवी भारत)



हजारीबाग के कई ऐसे इलाके हैं जहां अवैध कोयला का उत्खनन हो रहा है. कोयला जिले में ही चल रहे ईंट भट्ठे को सप्लाई किया जा रहा था. ईंट भट्ठा संचालक ग्रामीणों को कोयला गिराने के साथ ही भुगतान कर देते हैं. उन्हें कोयला उपलब्ध कराने के लिए एडवांस में भी भुगतान दिया जाता है. इस लालच में बड़कागांव के कई इलाकों में अवैध कोयला का उत्खनन हो रहा था. जहां छोटे से मुहाने बना कर ग्रामीण अंदर प्रवेश करते हैं और कोयला निकालते हैं.

खनन के अंदर जब पानी भर जाता है तो अंदर से पानी निकालने के लिए पंप का भी उपयोग किया जाता है. जब इसकी सूचना वन विभाग को मिली तो विभाग ने कार्रवाई करते हुए लगभग 32 कोयला उत्खनन करने वाले अवैध माइंस के मुहाने को बंद करवा दिया. इस दौरान कई समान भी वन विभाग ने बरामद किए हैं.

ग्रामीण ने ट्रैक्टर के जरिए कोयला ईंट भट्ठे तक पहुंचाने का काम करते थे. प्राय जंगल के ही रास्ते का उपयोग किया जाता था. रास्ता बनाने के लिए कई पेड़ भी काट दिए गए हैं. वन विभाग के पदाधिकारी बताते हैं कि पिछले दिनों जब इसकी सूचना मिली तो योजनाबध्द तरीके से काम किया गया, तब यह सफलता मिली है.

बड़कागांव से बाहर ईंट भट्ठा में कोयला सप्लाई करने के लिए फतह चौक के पास जंगल में डम्प किया जाता था. वहां से कोयला कटकमदाग क्षेत्र में चल रहे ईंट भट्ठे तक पहुंचाया जाता था. कोयला तस्करी करने के लिए ट्रैक्टर का ही उपयोग किया जाता था. कई बार कम उम्र के बच्चों को कोयले की तस्करी में लगाया जाता है.

ये भी पढ़ें- धनबाद में तस्करों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, ट्रक समेत सैकड़ों टन अवैध कोयला जब्त

धनबाद में अवैध कोयला के कारोबार में वर्चस्व को लेकर दो गुटों में मारपीट, आधा दर्जन लोग घायल

जेएमएम नेता की गिरफ्तारी के लिए आशाकोठी में धनबाद पुलिस का छापा, मौके से 300 टन अवैध कोयला जब्त

हजारीबाग: जिले में अवैध कोयला का उत्खनन कोई नई बात नहीं है. अब भी ग्रामीण जान जोखिम में डालकर कोयला चोरी कर रहे हैं. ऐसे में वन विभाग ने कार्रवाई करते हुए 32 ऐसे अवैध कोयला उत्खनन करने वाले मुहाने को बंद करवाया है.

संवाददाता गौरव प्रकाश की रिपेर्ट (ईटीवी भारत)



हजारीबाग के कई ऐसे इलाके हैं जहां अवैध कोयला का उत्खनन हो रहा है. कोयला जिले में ही चल रहे ईंट भट्ठे को सप्लाई किया जा रहा था. ईंट भट्ठा संचालक ग्रामीणों को कोयला गिराने के साथ ही भुगतान कर देते हैं. उन्हें कोयला उपलब्ध कराने के लिए एडवांस में भी भुगतान दिया जाता है. इस लालच में बड़कागांव के कई इलाकों में अवैध कोयला का उत्खनन हो रहा था. जहां छोटे से मुहाने बना कर ग्रामीण अंदर प्रवेश करते हैं और कोयला निकालते हैं.

खनन के अंदर जब पानी भर जाता है तो अंदर से पानी निकालने के लिए पंप का भी उपयोग किया जाता है. जब इसकी सूचना वन विभाग को मिली तो विभाग ने कार्रवाई करते हुए लगभग 32 कोयला उत्खनन करने वाले अवैध माइंस के मुहाने को बंद करवा दिया. इस दौरान कई समान भी वन विभाग ने बरामद किए हैं.

ग्रामीण ने ट्रैक्टर के जरिए कोयला ईंट भट्ठे तक पहुंचाने का काम करते थे. प्राय जंगल के ही रास्ते का उपयोग किया जाता था. रास्ता बनाने के लिए कई पेड़ भी काट दिए गए हैं. वन विभाग के पदाधिकारी बताते हैं कि पिछले दिनों जब इसकी सूचना मिली तो योजनाबध्द तरीके से काम किया गया, तब यह सफलता मिली है.

बड़कागांव से बाहर ईंट भट्ठा में कोयला सप्लाई करने के लिए फतह चौक के पास जंगल में डम्प किया जाता था. वहां से कोयला कटकमदाग क्षेत्र में चल रहे ईंट भट्ठे तक पहुंचाया जाता था. कोयला तस्करी करने के लिए ट्रैक्टर का ही उपयोग किया जाता था. कई बार कम उम्र के बच्चों को कोयले की तस्करी में लगाया जाता है.

ये भी पढ़ें- धनबाद में तस्करों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, ट्रक समेत सैकड़ों टन अवैध कोयला जब्त

धनबाद में अवैध कोयला के कारोबार में वर्चस्व को लेकर दो गुटों में मारपीट, आधा दर्जन लोग घायल

जेएमएम नेता की गिरफ्तारी के लिए आशाकोठी में धनबाद पुलिस का छापा, मौके से 300 टन अवैध कोयला जब्त

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.