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आपके घर में भी है देशी तोता तो मत लें टेंशन, बोलने दीजिए सीताराम सीताराम - New guidelines on keeping parrots

आपने भी अपने घर में अगर तोता पाल रखा है तो अब टेंशन की कोई बात नहीं है. वन विभाग ने तोते और बाकि पक्षियों को लेकर अपने पूर्व के फैसले को वापस ले लिया है. पूर्व में बिलासपुर डीएफओ ने सभी तोता और पक्षी पालने वालों से कहा था कि'' सभी पक्षियों को कानन पेंडारी में जमा करा दें नहीं तो तय नियमों के तहत कार्रवाई की जा सकती है.''

suspended earlier issued guideline
बोलने दीजिए सीताराम सीताराम (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 29, 2024, 4:16 PM IST

रायपुर: बीते दिनों देशी तोते और बाकि पक्षियों को घर में रखने पर वन विभाग की ओर से सख्त गाइडलाइन जारी किए गए. गाइडलाइन के जारी होने के चंद दिनों के भीतर ही वन विभाग ने अपने फैसले को स्थगित कर दिया है. वन विभाग ने नए फैसले को लागू करने से पहले वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय नई से राय मशविरा किया. मंत्रालय की ओर से दिए गए गाइडलाइन को फॉलो करते हुए पुराने फैसले को वन विभाग ने स्थगित किया है.

तोते को बोलने दीजिए सीताराम सीताराम: दरअसल छत्तीसगढ़ वन विभाग के मुख्य वन संरक्षक और वन बल प्रमुख ने 23 अगस्त को एक निर्देश जारी किया. अपने जारी किए गए निर्देश में वन विभाग की ओर से कहा गया कि बाजारों में बिक रहे तोते और बाकि पंक्षियों की बिक्री पर रोक लगाई जाए. इसके लिए कार्रवाई के साथ साथ कड़े दिशा निर्देश भी जारी किए गए. अब दिल्ली मंत्रालय के अफसरों के साथ इस संबंध में बातचीत की गई. बातचीत के बाद पुराने फैसले को स्थगित किया गया.

वन विभाग का फैसला: विभाग ने अपने फैसलों को संशोधित करते हुए ''अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक छत्तीसगढ़ अटल नगर, रायपुर की ओर से सभी मुख्य वन संरक्षक एवं वनमण्डालधिकारी को सूचना भेजी गई है. सूचना के तहत ये बताया गया है कि पुराने फैसले को स्थगित कर दिया गया है.

डीएफओ ने क्या कहा था: इससे पहले बिलासपुर डीएफओ सत्यदेव शर्मा ने कहा था कि'' देशी तोते के साथ साथ सभी प्रजातियों के तोते पालने पर प्रतिबंध है. ऐसे पक्षियों को कैद कर रखना गलत है और ये नियमों के खिलाफ है. वन विभाग के नियमों के मुताबिक जिनके बास तोता है उसे कानन पेंडारी में जमा करा दें. जमा नहीं कराने पर कार्रवाई की जा सकती है.''

तोता पालने वालों को मिली राहत: विभाग के नए फैसले से टेंशन में आए तोता मालिकों को बड़ी राहत मिली है. 23 अगस्त के बाद से तोता पालने वाले सभी लोग तनाव में थे. छत्तीसगढ़ में बहुत से ऐसे परिवार हैं जो तोते को अपने घरों में पालते हैं. पक्षियों को भी रखने का शौक लोगों में है. वन विभाग के नए फैसले से तोता मालिकों ने राहत की सांस जरुर ली है.

छत्तीसगढ़ में देसी तोता पालोगे तो जाना पड़ेगा जेल, वन अधिनियम के तहत लगा प्रतिबंध - keeping local parrot ban
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तोते को बोलने दीजिए सीताराम सीताराम: दरअसल छत्तीसगढ़ वन विभाग के मुख्य वन संरक्षक और वन बल प्रमुख ने 23 अगस्त को एक निर्देश जारी किया. अपने जारी किए गए निर्देश में वन विभाग की ओर से कहा गया कि बाजारों में बिक रहे तोते और बाकि पंक्षियों की बिक्री पर रोक लगाई जाए. इसके लिए कार्रवाई के साथ साथ कड़े दिशा निर्देश भी जारी किए गए. अब दिल्ली मंत्रालय के अफसरों के साथ इस संबंध में बातचीत की गई. बातचीत के बाद पुराने फैसले को स्थगित किया गया.

वन विभाग का फैसला: विभाग ने अपने फैसलों को संशोधित करते हुए ''अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक छत्तीसगढ़ अटल नगर, रायपुर की ओर से सभी मुख्य वन संरक्षक एवं वनमण्डालधिकारी को सूचना भेजी गई है. सूचना के तहत ये बताया गया है कि पुराने फैसले को स्थगित कर दिया गया है.

डीएफओ ने क्या कहा था: इससे पहले बिलासपुर डीएफओ सत्यदेव शर्मा ने कहा था कि'' देशी तोते के साथ साथ सभी प्रजातियों के तोते पालने पर प्रतिबंध है. ऐसे पक्षियों को कैद कर रखना गलत है और ये नियमों के खिलाफ है. वन विभाग के नियमों के मुताबिक जिनके बास तोता है उसे कानन पेंडारी में जमा करा दें. जमा नहीं कराने पर कार्रवाई की जा सकती है.''

तोता पालने वालों को मिली राहत: विभाग के नए फैसले से टेंशन में आए तोता मालिकों को बड़ी राहत मिली है. 23 अगस्त के बाद से तोता पालने वाले सभी लोग तनाव में थे. छत्तीसगढ़ में बहुत से ऐसे परिवार हैं जो तोते को अपने घरों में पालते हैं. पक्षियों को भी रखने का शौक लोगों में है. वन विभाग के नए फैसले से तोता मालिकों ने राहत की सांस जरुर ली है.

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