उत्तरकाशी: सिलक्यारा सुरंग हादसे के दौरान 17 दिनों तक साथी श्रमिकों का हौंसला बढ़ाने वाले 52 वर्षीय फोरमैन गब्बर सिंह नेगी एक बार सिलक्यारा सुरंग के निर्माण कार्य के लिए वापस लौट आए हैं. बढ़ती उम्र, लीवर इंफेक्शन और सांस लेने में दिक्कत होने के कारण, उन्हें परिजनों ने काम पर वापस आने के लिए मना किया था, लेकिन बच्चों के भरण-पोषण और कंपनी के आग्रह पर उन्होंने वापस लौटने का फैसला किया.
गब्बर सिंह नेगी ने मजदूरों का बढ़ाया था हौंसला: बता दें कि टनल के भीतर 41 मजदूरों में कोटद्वार के गब्बर सिंह नेगी ने जीने की उम्मीद जगाई थी. गब्बर सिंह हर दिन मजदूरों का हौंसला बढ़ाते रहे. यही कारण है कि उन्हें उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन का हीरो माना जाता है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और पीएम मोदी ने फोरमैन गब्बर सिंह नेगी की सराहना की थी. गब्बर सिंह नेगी को इंडियन आइडल, न्यूज चैनल और रोटरी क्लब इंदौर के-साथ कई लोग सम्मानित कर चुके हैं.
गब्बर सिंह नेगी को सरकारी नौकरी न मिलने का मलाल: फोरमैन गब्बर सिंह नेगी ने कहा कि सरकार ने उन्हें आर्थिक सहायता तो दी है, लेकिन सरकारी नौकरी मिलती तो जिंदगी अच्छी तरह गुजरती. ऐसे में उन्हें सरकारी नौकरी न मिलने का मलाल है. उन्होंने कहा कि वापस काम पर लौटने के लिए उनके परिवार वालों ने मना किया था, लेकिन वह बच्चों के भरण-पोषण के लिए वापस काम पर लौट आए हैं.
12 नवंबर को हुआ था सिलक्यारा सुरंग हादसा: बता दें कि बीती साल 2023 में 12 नवंबर को यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन 4.5 किमी लंबी सिलक्यारा-पोल गांव सुरंग में भूस्खलन हुआ था. जिसके चलते सुरंग के अंदर काम कर रहे 41 मजदूर फंस गए थे. जिन्हें 17 दिन तक चल रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सभी को सकुशल बाहर निकाला गया था. इस हादसे के बाद से ही सुरंग का निर्माण कार्य बंद है.
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