जांजगीर चांपा : जांजगीर चांपा में पुटू की सब्जी खाकर एक ही परिवार के 12 लोग फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गए हैं. सभी मरीजों को उपचार के लिए जिला अस्पताल में लाया गया है. इनमें तीन बच्चों की हालत गंभीर है.वहीं परिवार के अन्य सदस्यों का इलाज किया जा रहा है.आपको बता दें जिस वक्त एक ही परिवार के 12 लोग पहुंचे,उस वक्त जिला अस्पताल में अजीब नजारा भी देखने को मिला.क्योंकि अस्पताल में बेड की संख्या कम थी और सारे वार्ड फुल थे.लिहाजा कई सदस्यों का इलाज स्ट्रेचर पर लिटाकर किया गया.
कहां का है मामला : ये पूरी घटना कनई गांव में हुई. जहां 12 लोगों को पुटू खाने के बाद अचानक उल्टी दस्त और पेट दर्द की शिकायत हुई. एक-एक करके परिवार के बच्चों और बुजुर्गों की तबीयत बिगड़ी.इसके बाद मदद के लिए 108 को बुलाया गया. 108 की मदद से सभी मरीजों को जिला अस्पताल में पहुंचाया गया. जहां डॉक्टरों ने सभी मरीजों के फूड प्वाइजनिंग होने का उपचार शुरू किया है.
घर के सदस्य लाए थे मशरूम : मरीज के परिजन छतराम के मुताबिक गुरुवार दोपहर 12 बजे घर के ही सदस्य खेत में उगे पुटू लेकर आए थे.जिसकी सब्जी बनाई गई थी.इसी सब्जी को खाने के बाद लोगों की तबीयत बिगड़नी शुरु हुई. एक-एक करके दोपहर तीन बजे तक घर के सभी सदस्यों की तबीयत बिगड़ गई. इसके बाद जिला अस्पताल में सभी को भर्ती कराया गया.जहां डॉक्टर सभी का इलाज कर रहे हैं.
''कनई गांव से आए फूड प्वाइजनिंग के शिकार लोगों का उपचार शुरू कर दिया गया है. 3 बच्चों की हालत नाजुक है. जिन्हें विशेष निगरानी में रखा गया है. 100 बिस्तर के अस्पताल में साल भर से स्टॉफ और उपकरण के साथ आक्सीजन बेड की कमी है. जिसकी कई बार उच्च अधिकारियों को सूचना दी गई है.इसलिए स्ट्रेचर पर रखकर इलाज करना पड़ा है.'' इकबाल कुरैशी,डॉक्टर
स्ट्रेचर में हो रहा था इलाज : आपको बता दें कि जिला अस्पताल में फूड प्वाइजनिंग के शिकार लोगों के इलाज के लिए बेड नहीं था.फिर भी डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ ने लोगों की जान बचाने के लिए स्ट्रेचर पर रखकर सभी का इलाज किया. फिलहाज बच्चों को छोड़कर सभी की हालत खतरे से बाहर है.लेकिन जिले के इतने बड़े हॉस्पिटल में बेड की कमी होना स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल खोल रहा है.बारिश के मौसम में फूड प्वाइजनिंग और डायरिया की शिकायत बढ़ जाती है. ऐसे में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य महकमे को चाहिए कि कम से कम जिला अस्पताल में मरीजों के इलाज के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं हो.
परिवार के कितने सदस्य हुए बीमार : कुसुम लता (33), अमर कुमारी (23), ननकी नोनी (70), रामकृपाल (72), गेंदराम (40), आरती (9), ज्योति (13), पूजा (13), रजनी (35), छतराम (35), कृष्णा (25) और महेश (19)