बाड़मेर. लोकतंत्र के महाउत्सव में महिलाओं ने परंपरा का पालन और फर्ज निभाते हुए घूंघट की आड़ में बढ़-चढ़कर मतदान किया. चुनाव को लेकर महिलाओं में जबरदस्त तरीके का उत्साह देखने को मिला.
लोकतंत्र के महोत्सव में अपने वोट की आहुति देने के लिए पुरुषों के साथ-साथ महिला मतदाता भी अपने घरों से निकली. महिला मतदाताओं में मतदान को लेकर जबरदस्त तरीके का उत्साह देखने को मिला. मतदान केन्द्रों पर महिलाएं अपनी बारी का इंतजार करती हुई नजर आई. सबसे खास बात यह है कि महिलाओं परंपरा का पालन करने के साथ ही फर्ज निभाते हुए घूंघट की आड़ में बढ़-चढ़कर मतदान किया.
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परम्परा का निर्वहन जरूरी: एक महिला भगवती ने बताया कि वोट इसलिए देते हैं कि देश में मजबूत सरकार बने. अच्छा नेता चुनें. ताकि वो हमारी आवाज सुन सके और हमारे लिए सुविधाएं मुहैया करावाए. उन्होंने बताया कि घूंघट हमारी संस्कृति है और यह चली आ रही है. हम भी अपनी परंपरा का पालन कर रहे हैं. एक सवाल के जवाब में कहा कि वोट तो बहुत जरूरी है ओर घूंघट हमारी परम्परा है, तो उसका पालन करना भी जरूरी है.
घूंघट और वोट दोनों जरूरी: हिंगलाजदेवी चारण ने बताया कि मतदान जरूरी है क्योंकि इसके जरिए हम एक अच्छा नेता चुनते हैं ताकि क्षेत्र का विकास हो और महिलाओ के लिए भी अच्छा कार्य हो. उन्होंने बताया कि घूंघट निकालना हमारा रिवाज है, जो हमे अच्छा लगता है. घूंघट और वोट दोनों ही जरूरी हैं. महिलाओं ने बताया कि घूंघट हमारी परंपरा है लेकिन वोट देना भी हमारा फर्ज है.