लखनऊः उत्तर प्रदेश में योगी सरकार युवाओं को बेहतर शिक्षा और रोजगार देने के क्षेत्र में लगातार काम कर रही है. सरकार ने अगले कुछ वर्षों में यूपी के 2 करोड़ परिवारों को रोजगार देने का लक्ष्य रखा है. जिससे करीब 50 लाख से अधिक लाभार्थियों को सीधे रोजगार मिलेगा. यह रोजगार सरकारी और निजी, दोनों क्षेत्रों में उपलब्ध होंगे. हाल के वर्षों में सरकार की ओर से उठाए गए कदमों पर एक नजर.
लखनऊ विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के प्रोफेसर मनोज अग्रवाल ने कहते हैं कि यूपी सरकार विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसर मुहैया करने के साथ युवा उद्योमियों को स्टार्टअप शुरू करने के लिए आर्थिक सहायता, युवाओं को कौशल विकास कार्यक्रम के तहत स्किल ट्रेनिंग देकर उन्हें इंडस्ट्री के डिमांड के अनुसार तैयार करने के तीन प्रमुख क्षेत्रों पर काम कर रही है. प्रदेश सरकार की कोशिश है कि वह बेरोजगारी की समस्या को हल करने के साथ युवाओं को रोजगार मिले और उत्तर प्रदेश का आर्थिक विकास हो.
रोजगार पाने में उत्तर प्रदेश के युवा चौथे नंबर पर: भारत सरकार की ओर से इंडिया स्किल रिपोर्ट 2024 में बताया गया है कि वर्ष 2017 के सर्वे में जहां पूरे देश में 40.44 प्रतिशत युवा रोजगार के योग्य पाए गए थे, वहीं 2023 में 50.3% इस योग्य थे. यह आंकड़ा 2024 में बढ़कर 51.25% पर पहुंच गया है. अगर और राज्य की बात करें तो सबसे पहले हरियाणा है. यहां पर 76.67 फ़ीसदी युवा नौकरी पाने के योग्य हैं. वहीं, दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र, तीसरे नंबर पर आंध्र प्रदेश और चौथे नंबर पर उत्तर प्रदेश आता है. इसी रिपोर्ट में बताया गया है कि 22 से 25 साल की उम्र के युवा सबसे अधिक नौकरी पाने में आगे हैं, जिसमें उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है. यहां पर 63.58 फीसदी युवा रोजगार के योग्य पाए गए हैं, जिनकी औसत उम्र 22 से 25 वर्ष है. इसके बाद महाराष्ट्र, दिल्ली, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, केरल, तमिलनाडु, हरियाणा और बिहार का स्थान आता है.
बीते 5 सालों में उत्तर प्रदेश में 4 गुना हो गई कॉलेज और विश्वविद्यालय की संख्या: यूपी में भाजपा की सरकार आने के बाद से उच्च शिक्षा के परिदृश्य में व्यापक बदलाव देखने को मिला है. प्रदेश सरकार द्वारा सभी 18 मंडलों और 75 जिलों में एक-एक विश्वविद्यालय खोलने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. जिसमें से तीन विश्वविद्यालय मां पाटेश्वरी राज्य विश्वविद्यालय बलरामपुर, मां विंध्यवासिनी राज्य विश्वविद्यालय मिर्जापुर और मुरादाबाद राज्य विश्वविद्यालय में इस सत्र से पढ़ाई की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है. सरकार की तरफ से इन तीनों विश्वविद्यालय में कुलपतियों की नियुक्तियों के साथ 14-14 पदों को भरने के लिए मंजरी दे दी गई है. इसके अलावा उन्नाव, लखनऊ और प्रदेश के कई जिलों में प्राइवेट यूनिवर्सिटिययों को भी मान्यता दी गई है. वहीं बिजनौर में इस साल के अंत तक एक सुभारती यूनिवर्सिटी का संचालन शुरू हो जाएगा.
शिक्षा का सुधरा स्तर: इसके अलावा प्रदेश के कुल 24 राज्य विश्वविद्यालय में से 12 राज्य विश्वविद्यालय को नैक संस्था से मूल्यांकन कराया गया. जिसमें से 6 विश्वविद्यालय ग्रेड ए प्लस प्लस और तीन विश्वविद्यालय को ग्रेड ए प्लस मिला है. इसी प्रकार 41 निजी विश्वविद्यालय में से 12 निजी विश्वविद्यालय के नैक द्वारा कराए गए मूल्यांकन में 6 को ग्रेड ए प्लस और चार को ग्रेड ए मिला है. इसी क्रम में 2024-25 तक प्रदेश में 171 नए राजकीय महाविद्यालय का संचालन शुरू किया गया है. जिसमें से 71 डिग्री कॉलेज को 2024 के अंतिम महीना में राजकीय डिग्री कॉलेज में तब्दील किया गया है.
83 गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज को स्मार्ट क्लास में परिवर्तित: इसके अलावा उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा डिजिटल लाइब्रेरी की भी स्थापना की गई है जहां पर 134 विषयों के 77 हजार से अधिक एक कंटेंट उपलब्ध कराए गए हैं जबकि प्रदेश के 83 गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज को स्मार्ट क्लास में परिवर्तित किया गया है, जबकि 33 बचे गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज में स्मार्ट क्लास की प्रक्रिया शुरू है. जबकि कौशल विकास के लिए उसे शिक्षा विभाग और एमएसएमई विभाग के माध्यम से अनुबंध कर का शिक्षण संस्थानों के बीच में रोजगारपरक कोर्सेज का संचालन शुरू किया जा रहा है.
स्किल डेवलपमेंट पर जोर: उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन का गठन उत्तर प्रदेश कौशल विकास नीति, 2013 के मिशन का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के अल्पशिक्षित या कक्षा 10 के बाद औपचारिक शिक्षा से दूर स्कूल ड्रापआउट 14-35 आयु वर्ग के छात्रों को अल्पकालीन कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है. इसके लिए सरकार प्रदेश में स्किल ट्रेनिंग की कई मुहिम शुरू की है.
- स्टेट स्किल डेवलपमेंट फण्ड (एसएसडीएफ)
- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना राज्य घटक (पीएमकेवीवाई)
- दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (डीडीयू-जीकेवाई)
- इसके अतिरिक्त मिशन द्वारा विश्व बैंक पोषित संकल्प परियोजना (स्किल एक्वीजीशन एण्ड नॉलिज अवेयरनेस फॉर लाइवलीहुड प्रमोशन प्रोजेक्ट) भी चलाया है.
- प्रोजेक्ट प्रवीण राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की संकल्पना के अनुरूप कौशल प्रशिक्षण को औपचारिक शिक्षा से जोड़ने के लिए प्रोजेक्ट प्रवीण के अन्तर्गत राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों व छात्राओं को निःशुल्क कौशल प्रशिक्षण की सुविधा उनके नियमित पाठ्यक्रम के साथ उपलब्ध करायी जा रही है.
महत्वपूर्ण उपलब्धियां
- मिशन द्वारा वर्ष 2013 में गठन के बाद के वर्ष अभी तक कुल 17,85,096 युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है तथा 6,66,185 युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया गया है.
- प्रदेश के युवाओं में उद्यमिता विकसित करने की दृष्टि इन्टरप्रोयोन्रशिप इवलपमेंट इन्स्टीयूट ऑफ इण्डिया के माध्यम से जोड़कर कार्यक्रम संचालित किया गया. इस प्रयास के अन्तर्गत जनपद गोरखपुर में 1125 युवा उद्यामियों व उत्साही युवाओं को लाभान्वित किया गया.
- प्रदेश के स्किल इको सिस्टम को अधिक विविध, व्यापक व सुदृढ़ करने की दृष्टि से स्टार्ट अप संस्थाओं को भी युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए अनुबन्ध किया गया है. कुल 432 स्टार्ट अप संस्थायें वित्तीय वर्ष 2023-24 में अनुबन्धित की गई है.
- प्रशिक्षण स्वरोजगार की संकल्पना को साकार करने के लिए आरडीटी मॉडल के आधार पर अनुसूचित जाति/अनुसचित जनजाति की 780 महिलाओं का मीडिया एण्ड इन्टरटेन्मेंट सेक्टर में प्रशिक्षण संचालित.
- प्रदेश के युवाओं को किसी भी समय किसी भी स्थान से कौशल प्रशिक्षण प्राप्त करने की निःशुल्क सुविधा उपलब्ध कराने के लिए एनसीवीईटी द्वारा अनुमोदित पाठ्यक्रमों के डिजिटल संस्करणों को उपलब्ध कराने के लिये लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम पोर्टल विकसित कराया गया.
- प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेजो में उपलब्ध अवस्थापनाओं को तथा फैकल्टी की क्षमताओं का समुचित उपयोग करने एवं इंजीनियरिंग कॉलेज में उच्च स्तरीय कौशल प्रशिक्षण की सुविधा को उपलब्ध कराने के लिए इंजीनियरिंग कॉलजों को प्रशिक्षण प्रदाताओं के रूप में अनुबंधित किये जाने का निर्णय लिया गया है.
- प्रोजेक्ट प्रवीण के अन्तर्गत अब तक 315 राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत 63,000 से अधिक छात्र/छात्राओं को कौशल प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध कराई गई है.
- कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में अध्ययनरत 3450 छात्राओं को निःशुल्क कौशल प्रशिक्षण.
शैक्षिक सामग्रियां और सुविधाएं
- राजकीय, परिषदीय एवं सहायतित विद्यालयों में अध्ययनरत कक्षा 1-8 तक के समस्त छात्र-छात्राओं को निःशुल्क यूनिफार्म, जूता मोजा, स्वेटर, स्कूल बैग एवं स्टेशनरी क्रय करने हेतु उनके अभिभावकों के खाते में धनराशि ₹1200/- डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित किए गए.
- बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु खेलकूद गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए प्रति प्राथमिक विद्यालय ₹5000/- और प्रति उच्च प्राथमिक विद्यालय ₹10,000/- की दर से खेलकूद सामग्री क्रय करने हेतु धनराशि का प्रावधान किया गया.
- प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत सभी शिक्षकों एवं शिक्षा मित्रों का हिंदी एवं गणित तथा उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों का डिजिटल लिटरेसी एवं अंग्रेजी विषय पर आधारित शिक्षक प्रशिक्षण का आयोजन.
विशेष कार्यक्रम और योजनाएं
- प्रदेश में शारदा कार्यक्रम के अंतर्गत/हाउसहोल्ड सर्वे के माध्यम से चिन्हित एवं नामांकित आउट-ऑफ-स्कूल बच्चों के लिए विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था.
- प्रदेश में समग्र शिक्षा के अंतर्गत 1772 पायलट फेज के 60 उच्च प्राथमिक/कम्पोजिट विद्यालयों और पीएम श्री योजना के अंतर्गत 570 उच्च प्राथमिक/कम्पोजिट विद्यालयों में लर्निंग बाई डूइंग कार्यक्रम संचालित करने के लिए 04 दिवसीय अध्यापक प्रशिक्षण आयोजित किया गया.
- परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों का निपुण लक्ष्य/लर्निंग आउटकम पर आधारित निपुण आकलन परीक्षण का आयोजन हुआ.
सुविधाएं और आधारभूत संरचना-इस साल
- 1350 नए अतिरिक्त कक्षाकक्षों की व्यवस्था हुई.
- 123 जर्जर उच्च प्राथमिक विद्यालयों का पुनर्निर्माण गतिमान है.
- 354 विद्यालयों में वृहद मरम्मत का कार्य किया गया.
- 145 ब्लॉक/नगर संसाधन केंद्रों की वृहद मरम्मत हेतु वित्त पोषण.
- 09 ब्लॉक/नगर संसाधन केंद्रों के पुनर्निर्माण हेतु वित्त पोषण.
- 746 आवासीय कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में बालिकाओं हेतु निःशुल्क आवासीय शिक्षा की व्यवस्था.
- 680 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों को कक्षा 6 से 12 तक उच्चीकरण.
शिक्षक प्रशिक्षण और क्षमता संवर्धन
- सभी परिषदीय विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों/प्रभारी प्रधानाध्यापकों को दिव्यांगता विषय पर प्रशिक्षण का आयोजन.
- प्रत्येक माह न्याय पंचायत स्तर पर एजेंडा आधारित बैठकें.
- शिक्षकों की क्षमता संवर्धन एवं पीयर लर्निंग हेतु प्रत्येक माह न्याय पंचायत स्तर पर एजेंडा आधारित बैठकें.
- 880 विकासखंडों में आईसीटी लैब की स्थापना.
डिजिटल लर्निंग और शिक्षक संसाधन
- दीक्षा एवं रीड एलांग ऐप के माध्यम से बच्चों, शिक्षकों एवं अभिभावकों के उपयोगार्थ डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा दिया गया.
- 16,000 से अधिक डिजिटल शैक्षणिक सामग्री विभाग द्वारा अपलोड कराई गई.
- परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों के 2,09,863 शिक्षकों को टैबलेट उपलब्ध कराए गए.
- 18,381 परिषदीय उच्च प्राथमिक/कम्पोजिट एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में स्मार्ट क्लास स्थापित किए गए.
- आधिकारिक एवं प्रशासनिक निगरानी
- प्रदेश के कुल विद्यालयों के 20 प्रतिशत विद्यालयों के सोशल ऑडिट हेतु 05 विश्वविद्यालयों को आबद्ध किया गया.
- निपुण भारत मिशन के प्रभावी क्रियान्वयन एवं विभिन्न गतिविधियों/कार्यक्रमों का डेटा आधारित अनुश्रवण किए जाने के लिए विद्या समीक्षा केंद्र की स्थापना की गई.
2024 में 211665 छात्रों को रोजगार: उत्तर प्रदेश ट्रेनिंग एंड एंप्लॉयमेंट की डायरेक्टर नेहा प्रकाश बताती हैं कि साल 2024-25 के वित्तीय वर्ष में 30 दिसंबर तक पूरे प्रदेश में 211665 युवाओं को रोजगार सरकार की तरफ से दिलाया गया है. इसके लिए पूरे प्रदेश में 1980 रोजगार मेले का आयोजन किया गया था. बताया कि 30 दिसंबर तक रोजगारसंगम पोर्टल पर एक लाख 191356 युवाओं ने जॉब के लिए पंजीकरण कराया था. मौजूदा समय उत्तर प्रदेश में 2570 कंपनियां युवाओं को रोजगार ऑफर कर रही हैं. वहीं सेवायोजन पोर्टल के माध्यम से पूरे प्रदेश में 173922 युवाओं को विभिन्न सरकारी व प्राइवेट नौकरी दिलाने में सरकार सफल रही है. विदेशी रोजगार के बारे में बात करें तो इसराइल सरकार की संस्था पीएबीए के सहयोग से उत्तर प्रदेश के 5952 श्रमिकों को इजराइल भेजा गया है. वहीं 1383 श्रमिकों को इजरायल भेजने की कवायद चल रही है.
यूपीएसएसएससी विभिन्न विभागों के 40000 पदों पर कर रहा है भर्ती: उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव अविनाश सक्सेना ने बताया कि वर्ष 2024-25 में विभिन्न सरकारी विभागों के खाली पदों को भरने की प्रक्रिया चल रही है. बताया कि मौजूदा समय में प्रदेश में 40000 पदों की भर्तियां निकली हैं. जिसमें स्वास्थ्य कार्यकर्ता की 4892, स्वास्थ्य कार्यकर्ता महिला 380 कुल 5252 भर्तियां चल रही हैं. इसके अलावा इसके अलावा क्लर्क जूनियर असिस्टेंट असिस्टेंट लेवल सहित विभिन्न विभागों की 3831 पदों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है. अविनाश सक्सेना बताया कि वहीं कई विभागों की विभिन्न विभागों की भर्ती प्रक्रिया लगभग अंतिम चरण में है और मार्च तक करीब 15000 पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूरी करने की तैयारी है.
रोजगार और यूपी की ग्रोथ बढ़ी: लखनऊ विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के प्रोफेसर एमके अग्रवाल ने बताया कि मौजूदा समय में सरकार शिक्षा रोजगार को तीन चीजों पर जोड़ते हुए काम कर रही है. जिसमें उत्तर प्रदेश के मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने पर पूरा फोकस है. इसी कड़ी में सरकार द्वारा 2018 में इन्वेस्टर सबमिट और 2023 में इन्वेस्टर सबमिट का आयोजन किया जा चुका है. जिसके तहत प्रदेश में लाखों करोड़ के इन्वेस्टमेंट के लिए कंपनियां आगे आईं. इन इन्वेस्टमेंट की उत्तर प्रदेश में आने से न केवल उत्तर प्रदेश का इंफ्रास्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है, बल्कि इससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार की संभावनाओं में भी दोगुने रफ्तार से तेजी आई है. इसके अलावा सरकार का दूसरा फोकस उत्तर प्रदेश के रोड इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करना है. आज उत्तर प्रदेश देश का सबसे ज्यादा एक्सप्रेसवे वाला प्रदेश बन गया है. इसका असर उत्तर प्रदेश के इकोनामिक ग्रोथ पर भी साफ तौर पर देखने को मिल रहा है. वहीं तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण चीज सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश में क्राइम ग्रोथ को कम करना और इन्वेस्टर के मन में यूपी के लिए जो छवि है उसको बदलना काफी प्रभावित रहा है.
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