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किसान इस विधि से करें डहेलिया फूल की खेती, इन किस्मों का उत्पादन कर हो जाएंगे मालामाल - floriculture in chhattisgarh

Dahlia Pinnata Cultivation छत्तीसगढ़ के किसानों अब धीरे-धीरे फूलों की खेती की ओर ध्यान दे रहे है. किसानों को डहेलिया फूल की खेती कैसे और किस मौसम में करनी चाहिए, डहेलिया की कौन सी किस्म से अच्छा उत्पादन और लाभ कमा सकते हैं. इस बारे में ईटीवी भारत ने महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय रायपुर के कृषि वैज्ञानिक से बात की है. आइए जानते हैं उन्होंने किसानों को क्या सलाह दी है. Floriculture In Chhattisgarh

DAHLIA PINNATA CULTIVATING
डहेलिया फूल की खेती (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : May 30, 2024, 5:23 PM IST

Updated : May 31, 2024, 8:31 AM IST

डहेलिया फूल की खेती (ETV Bharat)

रायपुर : डहेलिया फूल अलग अलग रंगों के होते हैं. इस फूल का ज्यादातर उपयोग बुके बनाने में किया जाता है. डहेलिया फूल के किस्म की बात करें तो यह 13 समूहों में बंटा हुआ है. डहेलिया फूल एक अनोखा फूल है. प्रदेश के किसान अगर डहेलिया फूल की खेती करते हैं तो इसे लगाने के लिए कंद और बीज का इस्तेमाल कर सकते हैं.

डहेलिया फूल की खेती का सही समय : महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के कुलसचिव आर एल खरे ने बताया, "डहेलिया फूल का पौधा थोड़ा बड़ा होने की वजह से इसके पौधे से पौधे की दूरी 2 फीट और कतार से कतार की दूरी 2 फीट रखनी जरूरी होती है."

"प्रदेश के किसान किस्म के आधार पर डहेलिया फूल की खेती साल भर कर सकते हैं. इसका रोपण कलम के जरिए भी किया जा सकता है. मार्च-अप्रैल माह से लेकर अक्टूबर-नवंबर माह तक का मौसम इसकी खेती के लिए उपयुक्त होता है. डहेलिया फूल की खेती करने के बलवी दोमट मिट्टी महत्वपूर्ण होती है." - आर एल खरे, कुलसचिव, महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय रायपुर

ग्रीन हाउस या शेड नेट का इस्तेमाल : फूलों की खेती करने के लिए तापमान भी महत्वपूर्ण होता है. ऐसे में तापमान का ध्यान रखना भी जरूरी है. फूल खिलने के समय सन लाइट ज्यादा देर तक मिलना चाहिए. ताकि फूल बड़े और अच्छे दिखे. साथ ही कलिका निकलते समय सन लाइट की मात्रा थोड़ी कम होनी चाहिए. आधुनिक खेती में ग्रीन हाउस या शेड नेट का इस्तेमाल करने से डहेलिया फूल की क्वालिटी और भी अच्छी होती है.

डहेलिया के इन किस्मों से मिलेगा मुनाफा : पिंचिंग करने से फूलों की साइज और क्वालिटी भी अच्छी मिलती है. पौधे में बहुत सारे बड़ आने पर कटाई-छंटाई भी जरूरी है. ऐसा करने से फूलों का साइज बड़ा होता है. डहेलिया फूल के किस्मों में विशभ, शैंडी, गलोरी स्टोफा और आइसलैंड डॉन किस्में प्रमुख हैं.

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डहेलिया फूल की खेती का सही समय : महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के कुलसचिव आर एल खरे ने बताया, "डहेलिया फूल का पौधा थोड़ा बड़ा होने की वजह से इसके पौधे से पौधे की दूरी 2 फीट और कतार से कतार की दूरी 2 फीट रखनी जरूरी होती है."

"प्रदेश के किसान किस्म के आधार पर डहेलिया फूल की खेती साल भर कर सकते हैं. इसका रोपण कलम के जरिए भी किया जा सकता है. मार्च-अप्रैल माह से लेकर अक्टूबर-नवंबर माह तक का मौसम इसकी खेती के लिए उपयुक्त होता है. डहेलिया फूल की खेती करने के बलवी दोमट मिट्टी महत्वपूर्ण होती है." - आर एल खरे, कुलसचिव, महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय रायपुर

ग्रीन हाउस या शेड नेट का इस्तेमाल : फूलों की खेती करने के लिए तापमान भी महत्वपूर्ण होता है. ऐसे में तापमान का ध्यान रखना भी जरूरी है. फूल खिलने के समय सन लाइट ज्यादा देर तक मिलना चाहिए. ताकि फूल बड़े और अच्छे दिखे. साथ ही कलिका निकलते समय सन लाइट की मात्रा थोड़ी कम होनी चाहिए. आधुनिक खेती में ग्रीन हाउस या शेड नेट का इस्तेमाल करने से डहेलिया फूल की क्वालिटी और भी अच्छी होती है.

डहेलिया के इन किस्मों से मिलेगा मुनाफा : पिंचिंग करने से फूलों की साइज और क्वालिटी भी अच्छी मिलती है. पौधे में बहुत सारे बड़ आने पर कटाई-छंटाई भी जरूरी है. ऐसा करने से फूलों का साइज बड़ा होता है. डहेलिया फूल के किस्मों में विशभ, शैंडी, गलोरी स्टोफा और आइसलैंड डॉन किस्में प्रमुख हैं.

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Last Updated : May 31, 2024, 8:31 AM IST
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