पटना: बिहार विधानमंडल का सत्र अब 10 फरवरी से शुरू होगा और उसकी तैयारी शुरू हो गई है. हालांकि पहले बिहार विधानमंडल का सत्र 5 फरवरी से शुरू होना था और 29 फरवरी तक चलता लेकिन बिहार में सरकार बदलने के बाद अब 10 फरवरी से बिहार विधान मंडल का सत्र शुरू होगा. वहीं, 10 फरवरी को ही नीतीश सरकार विश्वास मत भी हासिल करेगी. विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस भी दिया गया है. ऐसे में 10 फरवरी से पहले अगर स्पीकर इस्तीफा नहीं देते हैं तो उनके खिलाफ मतदान होगा.
नीतीश के साथ 8 मंत्रियों ने ली शपथ: बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एक बार फिर से एनडीए की सरकार बनी है. मुख्यमंत्री के साथ आठ मंत्रियों ने शपथ भी ले ली है, जिसमें जेडीयू के तीन, बीजेपी के तीन, हम और एक निर्दलीय विधायक भी मंत्री बने हैं.
सदन को संबोधित करेंगे राज्यपाल: 10 फरवरी को ही बिहार विधान मंडल के दोनों सदनों को राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर संयुक्त रूप से संबोधित करेंगे. बिहार में मंत्रिमंडल का विस्तार भी होना है. इसके लिए लगातार मंथन भी चल रहा है. मुख्यमंत्री के स्तर पर भी उच्च स्तरीय बैठक हो चुकी है, जिसमें दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा के साथ उन्होंने मशविरा भी किया है.
विधानमंडल सत्र बढ़ाने पर कैबिनेट की सहमति: वैसे नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनने के बाद 29 फरवरी को पहली कैबिनेट की बैठक भी हुई थी, जिसमें चार एजेंडों पर मुहर लगी थी. संसदीय कार्य विभाग के दो और वित्त विभाग के दो एजेंडों पर सहमति दी गई थी. कैबिनेट की बैठक में विधानमंडल सत्र 5 फरवरी को आगे बढ़ाए जाने पर भी स्वीकृति दी गई. साथ ही नए महाधिवक्ता के नाम पर भी विचार विमर्श किया गया था.
अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव: बीजेपी के वरिष्ठ विधायक नंदकिशोर यादव की ओर से विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दिया गया है. 17वीं विधानसभा में यह दूसरा मौका है, जब विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दिया गया है. इससे पहले 2022 में नीतीश कुमार ने जब पाला बदलकर महागठबंधन के साथ सरकार बनाई, तब विजय सिन्हा के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव दिया गया था लेकिन उन्होंने इस्तीफा दे दिया. इसलिए मतदान की नौबत नहीं आई थी.
इस्तीफा नहीं देने पर होगी वोटिंग: अगर इस बार अवध बिहारी चौधरी 10 फरवरी से पहले इस्तीफा नहीं देते हैं तो फिर मतदान होगा और उसके बाद ही विधानसभा की आगे की कार्यवाही शुरू होगी. असल में अविश्वास प्रस्ताव देने के 14 दिन बाद ही विधानसभा का सत्र आहुत किया जा सकता है. इसलिए 10 फरवरी की तिथि अब तय की गई है. ऐसे बिहार विधान सभा में इससे पहले कांग्रेस के शिवचंद्र झा और बिंदेश्वरी प्रसाद वर्मा के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था.
एनडीए के पक्ष में 128 विधायक: बिहार विधानसभा में बीजेपी के पास 78 विधायक हैं. जेडीयू के पास 45, हम के चार और एक निर्दलीय का भी समर्थन है. ऐसे में कुल 128 विधायक एनडीए के पास है, जो बहुमत के आंकड़े 122 से 6 अधिक है. इसलिए एनडीए को कोई परेशानी होने वाली नहीं है, बशर्ते कुछ उलटफेर ना हो जाए. उधर, दूसरी तरफ महागठबंधन के पास 114 विधायक हैं. इनमें आरजेडी के 79, कांग्रेस के 19, माले के 12, सीपीआई के 2 और सीपीएम के 2 विधायक हैं. इसके अलावे एआईएमआईएम का भी एक विधायक है.
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