बगहा: बिहार के बगहा में लगातार चार दिनों से हो रही आफत की बारिश ने तांडव मचाना शुरू कर दिया है. बारिश के बाद पहाड़ी नदियां भी उफान पर हैं. जिस कारण रामनगर प्रखंड के उतरी इलाको में बाढ़ का पानी घुस गया है. पहाड़ी नदी मसान और झिकरी भी उफान पर है. हरिहरपुर में दर्जनों घरों में मसान नदी का पानी घुस गया है, जबकि दूसरी तरफ गंडक नदी में देर रात तक 5 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने की मुनादी कराई गई है जो कई जिलों के लिए खतरे की घंटी है.
ध्वस्त हुई कच्ची और पक्की सड़कें: वहीं सेमराहनी दोन समेत आसपास के इलाकों में भी बाढ़ आ गई है. कच्ची और पक्की सड़कों के ध्वस्त होने से कई गांवों का प्रखंड मुख्यालय तक आवागमन ठप पड़ गया है. लोग पानी जी तेज धारा से अपनी बाइक लेकर घर जाने को मजबूर हैं. बताया जा रहा है कि दोन, बलुआ और सिंगाही समेत इमरती कटहरवा और शेरहवा में भी बाढ़ से सैकड़ों लोग दो चार हो रहे हैं.
बाढ़ में फंसे दो किसान: दूसरी तरफ रामनगर प्रखंड के ही सपही पंचायत के इमरती कटहरवा गांव के पास तीन किसानों के दो नदियों के बीच फंसने की सूचना आ रही है. लिहाजा जानकारी मिलने के बाद रामनगर के सीओ वेद प्रकाश ने बताया कि एसडीआरएफ की टीम को रेस्क्यू के लिए सूचित किया है. ताकि बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके.
"दो किसान बाढ़ के पानी के बीच फंस गए हैं उन्हें बाहर निकाला जा रहा है. बाढ़ प्रभावित गांवों के लोग सुरक्षित स्थानों तक पहुंचने और खाने-पीने की मदद को लेकर सरकार और प्रशासन से गुहार लगा रहें हैं."-वेद प्रकाश, सीओ, रामनगर
इन इलाकों में आ सकती है बाढ़: गुदगुद्दी रामनगर के मुखिया प्रमोद ठाकुर ने कहा कि फिलहाल गंडक नदी में वाल्मीकिनगर गंडक बराज नियंत्रण कक्ष द्वारा 3 लाख 28 हजार 400 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जबकि नेपाल के देवघाट से इस नदी में 5 लाख 71 हजार 850 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. जो की रात तक बगहा से सोनपुर तक पहुंच जाएगा. लिहाजा बगहा, बेतिया, गोपालगंज, छपरा और मुजफ्फरपुर के निचले इलाकों के लिए बाढ़ आने का संकेत है.
"गंडक नदी भी खतरे की घंटी बजा रही है. प्रशासन ने मुनादी कर नदी किनारे बसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने को कहा है. आशंका जताई जा रही है की देर रात तक 5 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी गंडक नदी में छोड़ा जाएगा जो निचले इलाकों के लिए तबाही का सबब बनकर आयेगा."- प्रमोद ठाकुर, मुखिया, गुदगुद्दी रामनगर