दुर्ग : दुर्ग की जीवनदायिनी शिवनाथ नदी में 2 लाख 4 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. जिसके बाद से ही शिवनाथ नदी पूरे उफान पर है. नदी का जलस्तर बढ़ने की वजह से पानी दर्जन भर गांवों में घुस आया है. वहीं दुर्ग शहर के गंजपारा और पुलगांव सहित अन्य इलाकों के सैकड़ों मकानों और दुकानों के भीतर बाढ़ का पानी आ गया है.
कई गांवों में चलाया गया रेस्क्यू अभियान : मंगलवार को एसडीआरएफ की टीम ने बाढ़ में फंसे कई गांवों में रेस्क्यू अभियान चलाया. कल देर शाम मुड़पार से 27 और अछोटी से 19 लोगों का रेस्क्यू किया गया. वही एसडीआरएफ की टीम ने आज विभिन्न गांव से 100 से अधिक लोगों को रेस्क्यू कर उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है.
फसलों को पहुंचा नुकसान : बाढ़ से सैकड़ों किसानों की हजारों एकड़ खेतों में लगी फसलों को भी नुकसान हुआ है. दुर्ग से बालोद और दुर्ग से राजनांदगांव को जोड़ने वाला मार्ग भी प्रभावित हुआ है. बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने खुद कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने आज भरदा, पुलगांव और अछोटी गांव का दौरा किया. कलेक्टर ने व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने अधिकारियों को निर्देशित किया.
"बाढ़ की स्थिति से निपटने और उससे हुए नुकसान को लेकर जिला प्रशासन के अधिकारियों को निगरानी बनाए रखने का निर्देश जारी किया गया है. फसलों के नुकसान का सर्वे करने का निर्देश अधिकारियों को दिया है. बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है और उनके भोजन, पानी, दवाइयों की व्यवस्था की जा रही है." - ऋचा प्रकाश चौधरी, कलेक्टर, दुर्ग
बाढ़ में फंसे लोगों का रेस्क्यू जारी : फिलहाल बाढ़ में फंसे लोगों को रेस्क्यू करने का काम जारी है. वहीं अब बाढ़ से नुकसान हुए फसलों का आंकलन तैयार करने का काम भी शुरू किया जा रहा है. धमधा ब्लॉक में सब्जियों के नुकसान का सर्वे के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है.