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बीजापुर में भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात, कई गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूटा, बस्तर तेलंगाना मार्ग बहाल - Flood in Bijapur due to heavy rain

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 22, 2024, 8:20 PM IST

Updated : Jul 22, 2024, 10:24 PM IST

बीजापुर में भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. कई गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है. इस बीच बीजापुर विधायक बाढ़ पीड़ितों से मिलने पहुंचे और मदद का आश्वासन दिया.

Flood in Bijapur due to heavy rain
बीजापुर में भारी बारिश से बाढ़ (ETV Bharat)
बीजापुर में बाढ़ का सितम (ETV Bharat)

बीजापुर: तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश से बीजापुर जिले में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र की सीमा में बाढ़ आने से दोनों सड़कें बंद है. बात अगर बस्तर संभाग के बीजापुर जिले की करें तो यहां कई नदी-नालों में भी बाढ़ जैसे हालात हैं. चेरपाल, मिरतूर, बासागुड़ा, कुटरु क्षेत्र में नदी-नाले उफान पर हैं. इस बीच बीजापुर विधायक सोमवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र पहुंचे और बाढ़ पीड़ितों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया.

सैकड़ों घरों में घुसा बारिश का पानी: दरअसल, इंद्रावती नदी का जलस्तर भी धीरे-धीरे खतरे के निशान को छूने लगा है. बीजापुर जिला मुख्यालय से लगे धनोरा में बाढ़ आने से बोरजे, तोयनार क्षेत्र के दर्जनों गांवों तक सड़क का संपर्क टूट गया है. छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र की सीमा में रामपुरम गांव के पास नेशनल हाइवे 63 में बाढ़ आने से रविवार देर रात से लोग फंसे हुए हैं. देर रात से फंसे इन लोगों की सुध लेने प्रशासन की ओर से कोई नहीं पहुंचा. भैरमगढ़ नगर में बाढ़ ने तांडव मचा रखा है. सैकड़ों घरों में बाढ़ के पानी ने तांडव मचाया है. खाने-पीने के सामान सहित घर पर रखा हर सामान बाढ़ के पानी की चपेट में आ गया है.

विधायक ने दिया आश्वासन: नेशनल हाइवे हो या सरकारी बिल्डिंग हो, हर तरफ पानी ही पानी देखने को मिल रहा है. वहीं, पोटाकेबिन में भी कई फीट ऊपर तक पानी बह गया था. ग्रामीण भूखे-प्यासे मदद का इंतजार करते रहे. इस बीच रविवार को बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी ने बाढ़ पीड़ित महिलाओं से मुलाकात की. वार्ड के बाढ़ पीड़ितों को हरसंभव मदद का विधायक ने भरोसा दिलाया.

बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं कई इलाके: बता दें कि छत्तीसगढ़ में लगातार हो रही बारिश के कारण बस्तर से होकर तेलंगाना की ओर जाने वाली इंद्रावती नदी भी अपने पूरे शबाब पर है. इंद्रावती नदी का जलस्तर खतरे के निशान के आसपास है. खतरे का निशान 12.50 मीटर है, जबकि इंद्रावती नदी अभी 11.80 मीटर ऊपर बह रही है. अगर लगातार रविवार को भी बारिश हुई, तो कई इलाके बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं.

जानिए बीजापुर में कितना दर्ज किया गया बारिश: बीजापुर में अब तक 936.9 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है. जिले के सभी तहसीलों में एक जून से अब तक 936.9 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है. बीजापुर तहसील में 1151.4 मिलीमीटर वर्षा, भैरमगढ़ तहसील में 1085.2 मिलीमीटर वर्षा, भोपालपटनम में 950.2 मिलीमीटर वर्षा, उसूर में 669.2 मिलीमीटर वर्षा, कुटरू में 1025.0 मिलीमीटर वर्षा और गंगालूर में 740.5 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है.

बस्तर तेलंगाना मार्ग बहाल: पिछले दो दिनों से बाधित भोपाल पटनम एन एच 163 मार्ग सोमवार शाम पांच बजे से शुरू हो गया है. इसी के साथ पिछले दो दिनो से परेशान लोगों को आवागमन बहाल होने से राहत मिली है. दो दिनों से दोनों ओर खड़ी सैकड़ों वाहन यात्री बसे अपने गंतव्य की ओर रवाना हुई है. लगातार हो रही बारिश से बीजापुर जिले में बाढ़ जैसे हालात बन गए थे. छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र की सीमा पर बाढ़ आने से दोनों सड़कें बंद थी.हालांकि अब इस मार्ग पर परिवहन सेवाएं बहाल हो गई है.

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सैकड़ों घरों में घुसा बारिश का पानी: दरअसल, इंद्रावती नदी का जलस्तर भी धीरे-धीरे खतरे के निशान को छूने लगा है. बीजापुर जिला मुख्यालय से लगे धनोरा में बाढ़ आने से बोरजे, तोयनार क्षेत्र के दर्जनों गांवों तक सड़क का संपर्क टूट गया है. छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र की सीमा में रामपुरम गांव के पास नेशनल हाइवे 63 में बाढ़ आने से रविवार देर रात से लोग फंसे हुए हैं. देर रात से फंसे इन लोगों की सुध लेने प्रशासन की ओर से कोई नहीं पहुंचा. भैरमगढ़ नगर में बाढ़ ने तांडव मचा रखा है. सैकड़ों घरों में बाढ़ के पानी ने तांडव मचाया है. खाने-पीने के सामान सहित घर पर रखा हर सामान बाढ़ के पानी की चपेट में आ गया है.

विधायक ने दिया आश्वासन: नेशनल हाइवे हो या सरकारी बिल्डिंग हो, हर तरफ पानी ही पानी देखने को मिल रहा है. वहीं, पोटाकेबिन में भी कई फीट ऊपर तक पानी बह गया था. ग्रामीण भूखे-प्यासे मदद का इंतजार करते रहे. इस बीच रविवार को बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी ने बाढ़ पीड़ित महिलाओं से मुलाकात की. वार्ड के बाढ़ पीड़ितों को हरसंभव मदद का विधायक ने भरोसा दिलाया.

बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं कई इलाके: बता दें कि छत्तीसगढ़ में लगातार हो रही बारिश के कारण बस्तर से होकर तेलंगाना की ओर जाने वाली इंद्रावती नदी भी अपने पूरे शबाब पर है. इंद्रावती नदी का जलस्तर खतरे के निशान के आसपास है. खतरे का निशान 12.50 मीटर है, जबकि इंद्रावती नदी अभी 11.80 मीटर ऊपर बह रही है. अगर लगातार रविवार को भी बारिश हुई, तो कई इलाके बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं.

जानिए बीजापुर में कितना दर्ज किया गया बारिश: बीजापुर में अब तक 936.9 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है. जिले के सभी तहसीलों में एक जून से अब तक 936.9 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है. बीजापुर तहसील में 1151.4 मिलीमीटर वर्षा, भैरमगढ़ तहसील में 1085.2 मिलीमीटर वर्षा, भोपालपटनम में 950.2 मिलीमीटर वर्षा, उसूर में 669.2 मिलीमीटर वर्षा, कुटरू में 1025.0 मिलीमीटर वर्षा और गंगालूर में 740.5 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है.

बस्तर तेलंगाना मार्ग बहाल: पिछले दो दिनों से बाधित भोपाल पटनम एन एच 163 मार्ग सोमवार शाम पांच बजे से शुरू हो गया है. इसी के साथ पिछले दो दिनो से परेशान लोगों को आवागमन बहाल होने से राहत मिली है. दो दिनों से दोनों ओर खड़ी सैकड़ों वाहन यात्री बसे अपने गंतव्य की ओर रवाना हुई है. लगातार हो रही बारिश से बीजापुर जिले में बाढ़ जैसे हालात बन गए थे. छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र की सीमा पर बाढ़ आने से दोनों सड़कें बंद थी.हालांकि अब इस मार्ग पर परिवहन सेवाएं बहाल हो गई है.

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Last Updated : Jul 22, 2024, 10:24 PM IST
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