लखनऊ: राजधानी में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 लागू की गई है. पूर्व में इसे धारा 144 सीआरपीसी के नाम से जाना जाता था. त्योहारों, प्रतियोगी परीक्षाओं और अन्य धरना प्रदर्शनों को देखते हुए ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर कानून व्यवस्था ने धारा 163 15 सितम्बर से 13 नवम्बर तक लागू किया है. वहीं, देर शाम 5 पीपीएस अफसरों का भी ट्रांसफर किया गया है.
ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर कानून व्यवस्था अमित वर्मा ने बताया कि आगामी विभिन्न महत्वपूर्ण त्यौहार, लखनऊ में आयोजित होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं, विभिन्न राजनीतिक पार्टियों, भारतीय किसान संगठनों , धरना-प्रदर्शन से शान्ति व्यवस्था का पूर्णतया अनुपालन कराने के लिए धारा 163 लागू की गई है. उन्होंने बताया कि 15 सितंबर से 13 नवंबर तकबिना अनुमति के निर्धारित धरना स्थल को छोड़कर अन्य स्थान पर किसी भी प्रकार का धरना प्रदर्शन, सरकारी दफ्तरों व विधानभवन के आसपास एक किलोमीटर परिधि में ड्रोन से शूटिंग, ट्रैक्टर, ट्रैक्टर-ट्राली, घोड़ागाड़ी, बैल गाड़ी, भैसा गाड़ी, तांगागाड़ी और अग्नि सम्बन्धी उपकरण, ज्वलनशील पदार्थ, घातक पदार्थ हथियार प्रतिबंध रहेगा.
इसके अलावा लखनऊ की सीमा के अन्दर तेज धार वाले हथियार व ज्वलनशील पदार्थ लेकर चलना, सार्वजनिक स्थलों पर पुतला जलाना, अफवाहें फैलाना और मौखिक, लिखित, इलेक्ट्रानिक या सोशल मीडिया के माध्यम से गलत सूचना का प्रसारित किया जाना प्रतिबन्धित रहेगा. कोई भी मकान मालिक जिनका मकान लखनऊ में स्थित है वह बिना किरायेदार का पुलिस सत्यापन कराये मकान किराये पर नहीं देंगे. निर्देशों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई होगी.
पांच PPS अफसरों के हुए तबादले
शासन ने शनिवार को पांच पीपीएस अफसरों का तबादला कर दिया है. अमित सक्सेना को पुलिस उपाधीक्षक ईओडब्ल्यू मुख्यालय को पुलिस उपाधीक्षक कुशीनगर, राजवीर सिंह गौर को पुलिस उपाधीक्षक एएनटीएफ मुख्यालय से पुलिस उपाधीक्षक बांदा, युवराज सिंह को पुलिस उपाधीक्षक अयोध्या से पुलिस उपाधीक्षक बुलंदशहर, योगेंद्र कुमार को पुलिस उपाधीक्षक साइबर क्राइम मुख्यालय से पुलिस उपाधीक्षक अयोध्या, दिलीप सिंह-1 को पुलिस उपाधीक्षक बुलंदशहर से पुलिस उपाधीक्षक एलआईयू अलीगढ़ स्थानांतरित किया गया है.
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