रायपुर: दीपक बैज ने बैगा जनजाति के लोगों की सोनवाही बोडला में हुई मौतों का जिम्मेदार राज्य सरकार को ठहराया है. बोडला में डायरिया से हुई मौत की जांच के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने जांच टीम बनाई थी. गठित समिति के अध्यक्ष दलेश्वर साहू की रिपोर्ट आज मीडिया के सामने रखी गई. छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि सरकार की नाकामी के चलते पांच बैगा परिवार के लोगों की मौत हुई. 17 जुलाई को सोनवाही का दौरा कांग्रेस के नेताओं ने किया था.
कांग्रेस का सरकार पर हमला: दीपक बैज ने कहा कि'' मृतक परिवारों के परिजनों से मुलाकात कर तथ्यों की जानकारी ली गई. जानकारी के अनुसार ग्राम सोनवाही आदिवासी बैगा जनजाति बाहुल क्षेत्र है. यहां बरसात के पूर्व प्रशासन द्वारा पेयजल एवं स्वच्छता हेतु की जाने वाली समुचित व्यवस्था नहीं की गई. नाली की साफ सफाई नहीं हुई. डीटीटी का छिड़काव नहीं किया गया. पीने के साफ पानी की व्यवस्था नहीं की गई. सरकार की अनदेखी के चलते पांच बैगा परिवार के लोगों की जान चली गई.''
कवर्धा के सोनवाही में क्या हुआ था: कांग्रेस का आरोप है कि ''सोनवाही में डायरिया पीड़ित झिंगरा बैगा उप स्वस्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया. दो दिन बाद उसे बेहतर इलाज के लिए कवर्धा रेफर किया. कवर्धा में आठ दिनों तक चले इलाज के बाद झिंगरा को डिस्चार्ज कर दिया गया. परिवहन सुविधा नहीं होने के चलते मरीज पैदल अपने घर पहुंचा. सरकार की ओर से लगाए गए स्वास्थ्य शिविर में समुचित दवाओं का अभाव रहा है. शिविर में जाने वाले मरीजों को इलाज के लिए 35 किमी दूर जिला चिकित्सालय भेजा जाता है.''
सोनवाही में गई थी पांच बैगा की जान: कांग्रेस का आरोप है कि ''जल जीवन मिशन अंतर्गत किये जा रहे कार्यों के असफल होने के कारण ग्राम सोनवाही के बैगा जनजाति के लोगों को मजबुरी में कुआं और झिरिया से पानी पीना पड़ रहा है. डायरिया मलेरिया का प्रकोप होने के बाद भी लगभग 60 परिवारों वाले ग्राम सोनवाही में सिर्फ 5 मृतक के परिवार वालों को मच्छरदानी दी गई. जबकी इलाके में लगभग 40 मलेरिया के मरीज डायग्नोसीस किये जा चुके हैं. विशेष केंद्रीय उप योजना के तहत ग्राम सोनवाही विकास खंड बोडला योजना में शामिल है. जांच के दौरान यह प्रकाश में आया कि उक्त योजना का लाभ सोनवाही के स्थानीय बैगा जनजाति के लोगों को नहीं दिया गया.''